ईंधन का लेन-देन डॉलर के माध्यम से करने के लिए अमरीका का सौदी पर दबाव – अमरिकी अखबार का दावा

वॉशिंग्टन – पिछले कई दशकों के ‘पेट्रोडॉलर’ सहयोग से बाहर निकलकर सौदी अरब ने लेन-देन के लिए चीनी चलन का इस्तेमाल शुरू करने से अमरीका की बेचैनी बढ़ी हैं। ईंधन का कारोबार करने के लिएसौदी अरब आगे चीन के युआन का इस्तेमाल करने से दूर रहकर डॉलर का इस्तेमाल बढ़ाए, यह मांग बायडेन प्रशासन ने सौदी के नेतृत्व से की है। अमरिकी अखबार ने ही इससे जुड़ी खबर प्रसिद्ध की है। इस्रायल के साथ सहयोग से संबंधित शुरू चर्चा के दौरान बायडेन प्रशासन ने सौदी के सामने यह प्रस्ताव रखा होने का दावा किया जा रहा है।

इस्रायल और सौदी अरब का सहयोग स्थापीत करने के लिए बायडेन प्रशासन ने आवश्यक गतिविधियां शुरू की हैं। पिछले हफ्ते अमरीका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने सौदी का दौरा करके क्राऊन प्रिन्स मोहम्मद बिन सलमान से मुलाकात की थी। इस्रायल से सहयोग स्थापीत करने के लिए सौदी ने अमरीका के सामने तीन मांगे रखी थी। इनमें परमाणु कार्यक्रम, ‘एफ-३५’ लड़ाकू विमानों से संबंधित प्रमुख मांगे थी।

इसके बदले में बायडेन प्रशासन ने भी सौदी के सामने तीन मांगे रखी होने का दावा ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ ने किया हैं। इनमें ईंधन कारोबार में सौदी अरब डॉलर का इस्तेमाल शुरू करके चीन के चलन को इससे दूर करने की मांग भी शामिल है। साथ ही चीन को सैन्य अड्डा बनाने के लिए सौदी अरब अपनी भूमि प्रदान न करें और चीन की हुवेई यंत्रणा के इस्तेमाल पर मर्यादा लगाने की मांग भी सामने रखी गई है।

चीन हुवेई का इस्तेमाल संबंधित देशों की यंत्रणा की जासूसी करने के लिए कर रहा हैं, ऐसा आरोप अमरीका ने लगाया है। सौदी में चीन का सैन्य अड्डा बनना अमरिकी हितसंबंधों के लिए घातक साबित हो सकता है। इस पृष्ठभूमि पर इस्रायल के साथ सहयोग करने के लिए मध्यस्थता कर रहा बायडेन प्रशासन अपना उद्देश्य प्राप्त करने की कोशिश में लगा दिख रहा हैं।

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