अर्थव्यवस्था की समस्याओं के कारण चीन की स्थिति ‘टिकटिक’ कर रहे टाईम बम जैसी बनी है – अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन

वॉशिंग्टन/बीजिंग – विश्व में दूसरें क्रमांक की अर्थव्यवस्था बने चीन के सामने खड़े आर्थिक संकटों की वजह से इसकी स्थित टिकटिक कर रहे टाईम बम की तरह हुई हैं। यह बात विश्व के लिए खतरनाक होगी, ऐसी चेतावनी अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष ज्यो बायडेन ने दी। कुछ दिन पहले ही चीन की अर्थव्यवस्था को ‘डिफ्लेशन’ से नुकसान पहुंचने की जानकारी सामने आयी थी। इसके बाद चीन के रियल एस्टेट क्षेत्र की शीर्ष कंपनी ‘कंट्री गार्डन’ ने यह ऐलान किया था कि, वर्ष २०२३ के पहले छह महीनों में कंपनी को सात अरब डॉलर का घाटा हुआ है। इस पृष्ठभूमि पर अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने चीन की अर्थव्यवस्था को लेकर किया बयान ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

चीन की अर्थव्यवस्था को वर्ष २०२३ की दूसरी तिमाही में हुई गिरावट से झटका लगा था। पहली तिमाही के २.२ प्रतिशत से इसकी ०.८ प्रतिशत तक गिरावट हुई थी। इसके बाद मौजूदा महीने के शुरू में घोषित किए आँकड़ों में जुलाई महीने में आयात और निर्यात की बड़ी भारी गिरावट होने का ऐलान किया गया था। चीन की निर्यात में १४ और आयात में १२ प्रतिशत से भी अधिक गिरावट भी हुई है।

चीन के उत्पाद क्षेत्र का सूचकांक भी फिसला है और देश में अंदरुनि मांग एवं ब्रिकी की भी गिरावट हुई है। हाल ही में जारी हुए आँकड़ों में ‘कन्झ्युमर प्राईस इंडेक्स ०.३ प्रतिशत, ‘प्रोड्युसर प्राईस इंडेक्स’ ४.४ प्रतिशत फिसला है। दोनों सूचकांक की एक साथ गिरावट होने का यह नवंबर २०२० के बाद का पहला अवसर है। साथ ही रिअल इस्टेट क्षेत्र की प्रमुख कंपनी ने आर्थिक नुकसान का किया ऐलान चीन की अर्थव्यवस्था के सामने खड़े संकट का दायरा बढ़ने के संकेत दे रहा हैं।

ऐसी स्थिति में अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष ने चीन का ‘टाईम बम’ के तौर पर किया ज़िक्र चर्चा का मुद्दा बना है। एक ओर बायडेन प्रशासन चीन से ताल्लुकात सुधारने के लिए राजनीतिक कोशिशों पर जोर दे रहा। वहीं, दूसरी ओर राष्ट्राध्यक्ष बायडेन चीन और चीन की हुकूमत को लेकर चौकाने वाले बयान कर रहे हैं। इससे पहले उन्होंने चीन के राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग को तानाशाह बताकर सनसनी फैलायी थी। अब चीन का आर्थिक संकट एवं जनसंख्या के मुद्दों पर उन्होंने बयान किया है।

‘चीन में बेरोजगारी की मात्रा विक्रमी स्तर पर पहुंची हैं। उनके आर्थिक विकास की गति भी धीमी हुई है। देश में सेवा निवृत्त कर्मचारियों की संख्या कार्यरत कर्मचारियों से अधिक हुई है। चीन सामने खड़े इस संकट के कारण बड़ी मुश्किलों से घिरा है। यह स्थिति विश्व के लिए अच्छी नहीं है। जिस बार बुरे लोगों के सामने समस्या खड़ी होती हैं तब वह अधिक बुरा बर्ताव करते हैं’, इन शब्दों में बायडेन ने चीन की समस्याएं विश्व के लिए खतरा होने का इशारा दिया।

पिछले कुछ महीनों में अर्थव्यवस्था से संबंधित अधिकांश क्षेत्रों में लगातार हो रही गिरावट का असर चीन की अर्थव्यवस्था पर होता दिख रहा है। चीन की अर्थव्यवस्था को लग रहे झटके व्यापक मंदी में तब्दिल हो सकते हैं, ऐसा ड़र आर्थिक विशेषज्ञ एवं विश्लेषक व्यक्त कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.