अमरीका में ट्रम्प प्रशासन द्वारा नये परमाणु परीक्षण की तैयारी – अमरिकी अख़बार का दावा

वॉशिंग्टन – चीन और रशिया ख़ुफ़िया तरीक़े से परमाणु परीक्षण कर रहे होने का दावा करते हुए अमरीका ने भी नया परमाणु परीक्षण करने की तैयारी शुरू की है। ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ इस अख़बार ने यह ख़बर दी होकर, वरिष्ठ अफ़सरों तथा पूर्व अधिकारियों के हवाले से यह दावा किया होने की बात कही है। अमरीका ने इससे पहले आख़िरी बार परमाणु परीक्षण सितम्बर १९९२ में किया था।

पिछले हफ़्ते अमरीका की ‘नॅशनल सिक्युरिटी एजन्सी’ज की एक बैठक संपन्न हुई। इस बैठक में चीन और रशिया ख़ुफ़िया तरीक़े से परमाणु परीक्षण कर रहे होने का मुद्दा उपस्थित किया गया। अमरीका यदि ‘रॅपिड टेस्ट’ करती है, तो नये परमाणु समझौते के लिए चीन और रशिया पर दबाव डालना संभव होगा, ऐसा दावा बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने किया।

बैठक में हालाँकि ठोस निर्णय हुआ नहीं, फिर भी परीक्षण की प्रक्रिया शुरू करने की गतिविधियाँ चालू हुईं, ऐसा दावा वरिष्ठ अधिकारियों ने किया, यह बात ‘द वॉशिंग्टन पोस्ट’ ने कही है। अमरीका के ‘नॅशनल सिक्युरिटी कौन्सिल’ ने इस पूरे मामले में प्रतिक्रिया देने से इन्कार किया है।

अमरीका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले साल ‘न्यूक्लिअर पोश्चर रिव्ह्यू’ नाम से अमरीका की परमाणु क्षमता के संदर्भ में नयी नीति घोषित की थी। उसमें अमरीका की परमाणु क्षमता को बढ़ाना और आधुनिकीकरण इन चीज़ों का उल्लेख था। इस पृष्ठभूमि पर नये परमाणु परीक्षण की चर्चा ग़ौरतलब साबित होती है।

अमरीका में शुरू हुई इस चर्चा के पीछे, चीन ने कुछ दिन पहले किये परमाणु परीक्षण के भी संदर्भ हैं। अमरीका के विदेश मंत्रालय की एक रिपोर्ट में, चीन ने कई परमाणु परीक्षण किये होने का दावा किया गया था, ऐसी ख़बर अमरिकी दैनिक ने पिछले महीने प्रकाशित की थी। ‘लोप नूर’ इस अड्डे पर चीन ने ये परमाणु परीक्षण किये थे और इसके लिए कम क्षमतावाले परमाणु विस्फोटकों का इस्तेमाल किया, ऐसा दावा अमरीका के विदेश मंत्रालय की इस रिपोर्ट में किया गया था। ये परीक्षण करके चीन ने ‘सीटीबीटी’ समझौते का उल्लंघन किया होने का आरोप भी अमरीका ने किया था। चीन ने ये सभी आरोप ठुकराये थे।

चीन के परमाणु परीक्षणों की ख़बर के बाद अमरिकी राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प तथा रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतीन के बीच ‘स्टार्ट’ इस परमाणु एवं क्षेपणास्त्र सामंजस्य समझौते पर चर्चा होने की ख़बर आयी थी। अमरीका और रशिया के बीच हुए ‘स्टार्ट सामंजस्य करार’ में चीन भी सहभागी हों, ऐसी आग्रही भूमिका अमरीका ने अपनायी है। उसके बग़ैर अमरीका इस समझौते का पालन नहीं करेगी, ऐसा राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने ज़ोर देकर कहा था। इस पृष्ठभूमि पर, अमरीका में नये परमाणु परीक्षण के लिए गतिविधियाँ चालू होना महत्त्वपूर्ण साबित होता है।

विभिन्न आंतर्राष्ट्रीय गुट और संस्थाओं की जानकारी के अनुसार, दुनिया में अब तक दो हज़ार से भी अधिक परमाणु परीक्षण किये गए होकर, उनमें से हज़ार से भी अधिक परीक्षण अमरीका ने किये हैं। अमरीका के अलावा सात देशों ने परमाणु परीक्षण किये होकर, उनमें रशिया, चीन, ब्रिटन, फ्रान्स, भारत, पाकिस्तान और उत्तर कोरिया का समावेश है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.