भारत के साथ रक्षा भागीदारी व्यापक करने के लिए अमरीका की गतिविधियाँ

वॉशिंग्टन – रशिया से ‘एस-400’ हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीद रहे भारत को प्रतिबंधों से राहत देनेवाला संशोधित विधेयक अमरीका की संसद ने हाल ही में पारित किया था। इसके बाद अब अमरिकी सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने भारत के साथ रक्षा भागीदारी को नई उंचाई प्रदान करने की तैयारी जुटाई है। इसके अनुसार गोपनीय जानकारी का आदान-प्रदान, ड्रोन्स, चौथें और पांचवीं पीढ़ी के विमानों के निर्माण से संबंधित सहयोग भी अमरीका भारत के साथ करेगी।

रक्षा भागीदारीतुर्की ने रशिया से हवाई सुरक्षा यंत्रणा खरीदी थी और इसके बाद अमरीका ने तुर्की पर प्रतिबंध लगाए थे। लेकिन, रशिया से इसी यंत्रणा की खरीद करने पर भारत को अमरीका ने इन प्रतिबंधों से राहत दी। इससे संबंधित सुधारित विधेयक भी अमरीका की संसद ने कुछ दिन पहले पारित किया। अब अमरीका की रक्षा संबंधित नीति पर प्रभाव डालनेवाली सिनेट की ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने भारत के साथ रक्षा भागीदारी अधिक व्यापक करने के लिए कदम उठाए हैं। गोपनीय जानकारी से संबंधित सहयोग एवं ड्रोन्स और चौथी-पांचवी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों को लेकर भारत के साथ सहयोग बढ़ाने के लिए अमरीका उत्सुक है। ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने इस विषय पर बोलते हुए भारत के साथ रक्षा संबंधित भागीदारी करने की अहमियत रेखांकित की।

अमरीका भारत के साथ हथियार और रक्षा सामान के संयुक्त अनुसंधान और विकास करने के लिए कोशिश करेगी, यह भी ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने कहा है। इसमें ‘5 जी’ और ‘ओपन रेडियो ऐक्सेस नेटवर्क’ (आरएएन), सायबर एवं अती शीत प्रदेश में कार्यरत रहनेवाली प्रौद्योगिकी का समावेश हैं।

रक्षा भागीदारीइसके साथ ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने भारत के साथ रक्षा सहयोग बढ़ाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों का विचार करने की सूचना रक्षामंत्री को दी। साथ ही रक्षा संबंधित अनुसंधान और बुद्धिसंपदा की सुरक्षा करने संबंधित प्रावधानों का समावेश भारत के सहयोग में किया गया है। अमरीका के निजी क्षेत्र को भारत के रक्षा मंत्रालय के साथ सहयोग करने के लिए उपलब्ध अवसर पर गौर करें और इस पर काम करें, ऐसी सूचना भी ‘आर्म्ड सर्विसेस कमिटी’ ने रक्षामंत्री ऑस्टिन लॉईड से की है।

इसी बीच, भारत अपने विमान वाहक युद्धपोत के लिए अमरिकी लड़ाकू विमान ‘एफ-18/ए हॉर्नेट’ का विचार कर रहा है। भारत में इस विमान के परीक्षण किए गए हैं और भारतीय नौसेना की ज़रूरतों के अनुसार इन विमानों का निर्माण करनेवाली बोर्इंग कंपनी ने अपने विमान में बदलाव किए हैं। साथ ही इन विमानों के लिए बोर्इंग ने भारत के सामने बड़े ऑफर की पेशकश की है, यह भी चर्चा जारी है। इस पृष्ठभूमि पर अमरीका की ‘आर्म्ड सर्विसिस कमिटी’ ने भारत के साथ रक्षा सहयोग मज़बूत करने के लिए कदम बढ़ाना ध्यान आकर्षित कर रहा हैं।

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