ईरान में भड़के दंगों के लिए अमरीका-इस्रायल ज़िम्मेदार – ईरान के सर्वोच्च धार्मिक नेता आयातुल्ला खामेनी

तेहरान – ‘पिछले दो हफ्तों से भी अधिक समय तक ईरान में दंगे भड़काकर अमरीका और इस्रायल ईरान की प्रगति में रोड़े अटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उनकी साज़िशों में कुछ देशद्रोही और विदेशों में रह रहें ईरानी नागरिकों की सहायता प्राप्त हो रही हैं। माहसा अमिनी की मौत की वजह नहीं होती तो इन देशों ने अन्य कोई वजह ढुंढ़कर ईरान में अस्थिरता निर्माण करने की कोशिश की ही होती’, ऐसा गंभीर आरोप ईरान के सर्वोच्च नेता आयातुल्ला खामेनी ने लगाया।

आयातुल्ला खामेनी१६ सितंबर के दिन ईरान के रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ की कैद में २२ वर्ष उम्र के माहसा अमिनी की संदिग्ध मौत हुई। बुरखा विरोधी प्रदर्शनों का चेहरा नबी माहसा की मृत्यू के लिए ईरान की हुकूमत ज़िम्मेदार होने का आरोप लगाकर इस देश में जोरदार प्रदर्शन छिड़ गए थे। अबतक हुए इन प्रदर्शनों में ९३ लोगों की मौत होने का दावा ईरान के माध्यम कर रहे हैं। इसमें बसिज मिलिशिया नामक सैन्य गुट के सैनिकों का समावेश होने की खबरें सामने आयी थी। इसी बीच, रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने लगभग १,५०० लोगों को हिरासत में रखने का दावा हो रहा है।

कुछ घंटे पहले राजधानी तेहरान के प्रसिद्ध युनिवर्सिटी के प्रांगण में घुसकर रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने युवा छात्रों को धरदबोचने की बात स्पष्ट हुई है। यह छात्र हिजाब विरोधी प्रदर्शनों में शामिल हुए थे, यह आरोप रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ ने लगाया हैं। लेकिन, रिवोल्युशनरी गार्डस्‌ की कार्रवाई पर ईरान में आलोचना हो रही हैं। युवाओं ने शुरू किए इन प्रदर्शनों में ईरान के अधिकांश सभी गुट शामिल होने लगे हैं।

आयातुल्ला खामेनीपिछले दो हफ्तों से राजधानी तेहरान समेत कई शहरों को बंधक बनाए रखें इन प्रदर्शनों की गूंज ईरान की संसद में भी सुनाई दी। ईरान में अबतक विभिन्न प्रदर्शन हुए। पिछले प्रदर्शन सरकार विरोधी थे। लेकिन, वर्तमान के प्रदर्शन ईरान में बदलाव लाने के लिए शुरू हैं और यह खतरे की आहट हैं, ऐसा ईरान के संसद के सभापति मोहम्मद बाघेर कालिबाफ ने कहा हैं। साथ ही ईरान के जनप्रनिधियों ने यह हिंसा भड़केगी नहीं और देश की सुरक्षा को खतरा नहीं बनेगा, इसका ध्यान रखना होगा,ऐसी गुहार कालिबाफ ने लगायी।

इसी बीच ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खामेनी ने पिछले १४ दिनों में पहली बार ईरान के इन प्रदर्शनों पर बयान किया। पिछले दो हफ्तों से अधिक समय से जारी इन प्रदर्शनों को खामेनी ने दंगा करार दिया। ईरान में अस्थिरता फैलाने की मंशा रखनेवाले अमरीका और इस्रायल ने यह दगे भड़काएँ, यह आरोप खामेनी ने लगाया। माहसा अमिनी की मौत के बाद ईरान में हुई घटना नैसर्गिक ना होने की बात पर खामेनी ने ध्यान आकर्षित किया। यह सब कुछ कराया गया, यह दावा ईरान के सर्वोच्च नेता ने किया।

इसी बीच, ईरान के इन प्रदर्शनों को पूरे विश्‍व से समर्थन प्राप्त होने की खबरें सामने आ रही हैं। अमरीका, युरोपिय देश एवं तुर्की में भी ईरान के हिजाब विरोधी प्रदर्शनों को समर्थन प्राप्त हो रहा हैं। ईरान की खामेनी की हुकूमत का तख्तापलट करने की माँग पूरे विश्‍व में आयोजित प्रदर्शनों में हो रही है।

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