आशिया में चीन की आक्रामकता पर लगाम कसने के लिए – अमरिका पूर्व आशिया में मरिन्स तैनात करेगा

वॉशिंग्टन: ‘साउथ चाइना सी’ में चीन की चल रही आक्रामक लष्करी गतिविधियाँ, ‘पसिफ़िक’ क्षेत्र में संभावित तैनाती की कोशिश और हिन्द महासागर में बढ़ता हस्तक्षेप, इस पृष्ठभूमि पर अमरिका ने फिर एक बार आशिया में लष्करी तैनाती बढाने के संकेत दिए हैं। अमरिका के रक्षा विभाग ने जल्द ही पूर्व आशिया में ‘मरिन कॉर्प्स’ तैनात किए जाएंगे, यह जानकारी देने का दावा ‘वाल स्ट्रीट जर्नल’ इस दैनिक ने किया है। ‘मरिन कॉर्प्स’ यह अमरिका का सबसे सुसज्ज, आक्रामक और प्रगत लष्करी पथक जाना जाता है।

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‘मरिन कॉर्प्स’ के प्रमुख कमांडंट जनरल रॉबर्ट नेल्लर ने पथक की तैनाती से संबंधित चल रही चर्चा की पुष्टि की है। ‘राष्ट्रीय रक्षा नीति और और अन्य मार्गदर्शक नीति के अनुसार हमारे पथक को अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर अधिक सक्रिय होना आवश्यक है। इसी में से ही हमारी इंडो-पसिफ़िक क्षेत्र में तैनाती और नौसेना की भविष्य की गतिविधियाँ इस मामले में निर्णय होगा। मरिन पथक को सभी प्रकार की मुहिमों की आजादी होने की वजह से वह गश्त लगाने की जिम्मेदारी पूरी करेंगे और उसी दौरान भागीदार देशों के साथ प्रशिक्षण अभ्यास में भी हिस्सा लेंगे’, ऐसा जनरल नेल्लर ने कहा है।

अमरिका के रक्षा विभाग के प्रवक्ता मरिन लेफ्टिनेंट कर्नल क्रिस्तोफर लोगन ने, रक्षा विभाग में मरिन्स की दुनिया भर की तैनाती के बारे में लगातार पुनर्विचार करने की प्रक्रिया शुरू रहती है, ऐसा कहकर नई तैनाती के बारे में विचार शुरू है ऐसे संकेत दिए। अमरिका के रक्षा दल प्रमुख जनरल जोसेफ डनफोर्ड इन दिनों आशिया के दौरे पर हैं और उन्होंने भी आशिया में तैनाती बढाने के संकेत दिए हैं। ‘आशिया में अमरिका के हितसंबंध लिप्त हैं और उन्हें बनाए रखने के लिए हम वचनबद्ध हैं और उसके लिए आशिया में दीर्घकालीन अस्तित्व रहने वाला है, ऐसा जनरल डनफोर्ड ने कहा है।

‘मरिन कॉर्प्स’ के ‘एक्स्पिडिशनरी यूनिट्स’ यह अमरीकी रक्षा दल के सर्वाधिक सुसज्ज पथकों में से एक है। इस पाठक के पास स्वतंत्र ‘अम्फिबियस असॉल्ट शिप’, लड़ाकू हवाई जहाज, टैंक और अलग हथियारों का भंडार है और यंत्रणा है। रक्षा दल में सात ‘एक्स्पिडिशनरी यूनिट्स’ सक्रिय हैं और उसमें से एक जापान में तैनात किया गया है। नया ‘एक्स्पिडिशनरी यूनिट्स’ ऑस्ट्रेलिया में तैनात करने के संकेत दिए गए हैं और उसमें लगभग २ हजार २०० जवानों का समावेश होगा।

इन दिनों आशिया पसिफ़िक क्षेत्र के जापान, दक्षिण कोरिया और ऑस्ट्रेलिया इन देशों के साथ ‘गुआम’ इस रक्षातल पर अमरिका के करीब ९० हजार सैनिक तैनात हैं। इसमें से सर्वाधिक ५० हजार सैनिक जापान में तैनात किए गए हैं। दक्षिण कोरिया में २९ हजार ५००, गुआम में सात हजार और कोरिया में करीब डेढ़ हजार जवान तैनात हैं।

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