फ्रांस से रक्षा खर्च के लिए ३७० अब्ज डॉलर्स का प्रावधान परमाणु शस्त्र सज्जता के लिए ४५ अब्ज डॉलर्स

पॅरिस: जर्मनी एवं ब्रिटन के साथ रक्षा सहयोग करार करके लष्करी सज्जता के लिए आक्रामक कदम उठाने वाले फ्रांस ने रक्षा सज्जता के लिए बड़े कदम उठाए हैं। फ्रांस सरकार ने सन २०२५ वर्ष तक रक्षा धारणा घोषित करते हुए, रक्षा खर्च लगभग ३७० अब्ज डॉलर तक ले जाने की महत्वाकांक्षी योजना प्रस्तुत की है। इस प्रावधान में लगभग ४५ अब्ज डॉलर्स परमाणु शस्त्र सज्जता के लिए होकर, नए अटॅक सबमरीन, विनाशीका, ड्रोन, लड़ाकू विमान और जासूसी उपग्रह इन पर खर्च भी बढाया जाने वाला है।

पिछले कई वर्षों में यूरोप सीमा पर रशिया की लष्करी गतिविधियां एवं तैनाती में बढ़त हुई है और नाटो के इस मुद्दे पर लगातार इशारे दिए जा रहे हैं। हालही में प्रसिद्ध हुए म्यूनिक सिक्योरिटी रिपोर्ट में आने वाले समय में यूरोप एवं रशिया में अचानक संघर्ष भड़क सकता है, ऐसा इशारा दिया था। इस रिपोर्ट में यूरोपीय देशों ने अपनी रक्षा खर्च में ३०० अब्ज डॉलर्स से अधिक बढ़त करने की आवश्यकता होने की सिफारिश की गई थी।

इस पृष्ठभूमि पर फ्रांस सरकार ने रक्षा खर्च में बढ़त करने के बारे में हुई घोषणा महत्वपूर्ण मानी जा रही है। पिछले महीने फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमॅन्युल मॅक्रोन ने रक्षा दल को संबोधित करते हुए किए भाषण में सामर्थ्यशाली एवं रक्षा सज्ज फ्रांस के संकेत दिए थे।

खुद के भविष्य पर नियंत्रण होने वाला और जनता के एवं हितसंबंधों के सुरक्षा के लिए आक्रामक भूमिका लेनेवाला सामर्थ्यशाली फ्रांस मुझे चाहिए। उसके लिए आधुनिक एवं मजबूत रक्षादल और सुसज्ज रक्षा क्षमता तथा भविष्य पर गौर करने के लिए यह बातें आवश्यक है। उसके लिए वित्त संकल्प में रक्षा खर्च के लिए बड़ा प्रावधान करना होगा, ऐसा मॅक्रोन ने उस समय कहा था।

गुरुवार को फ्रांस सरकार ने घोषित किए धारणा में राष्ट्राध्यक्ष मॅक्रोन के विधान को समर्थन मिला है। फ्रांस अपने रक्षा खर्च में आने वाले कई वर्षों में जीडीपी के २% बढ़त करेगा, ऐसे नए धारणा में बताया गया है। फिलहाल फ्रांस के रक्षा खर्च जीडीपी के १.७ प्रतिशत होकर इस वर्ष वह १.८ प्रतिशत तक गया गया है। सन २००८ वर्ष के बजट के अनुसार फ्रांस ने रक्षा खर्च के लिए लगभग ४२ अब्ज डॉलर्स का प्रावधान किया है। सन २०२२ वर्ष तक लगभग १२ अब्ज डॉलर्स की बढ़त होगी और वह ५४ अब्ज डॉलर्स तक ले जाने का उद्देश्य सामने रखा गया है।

रक्षा खर्च के बढ़त में परमाणु शस्त्र क्षमता बढ़ाने एवं उसका आधुनिकीकरण के लिए सब से अधिक प्रावधान किया गया है और आने वाले ७ वर्षों में ४५ अब्ज डॉलर्स खर्च होने वाले हैं। इन में नए एयरबोर्न एवं परमाणु शस्त्र वाहक मिसाइल पर भी जोर दिया जाने वाला है और थर्ड जनरेशन न्यूक्लियर सबमरीन प्रोग्राम यह शुरू किया जाने वाला है। इस से व्यतिरिक्त नए राफाएल फायटर्स, सशस्त्र ड्रोन, बैराकुडा अटैक सबमरीन, मल्टी मशीन फ्रीगेट्स, स्कॉर्पियन तथा फ्रीफौंन सशस्त्र वाहन, जासूसी के लिए उपग्रह का रक्षा दल में समावेश होने वाला है। उस समय में विमान वाहक युद्धनौका के लिए लगभग २० अब्ज डॉलर्स का प्रावधान किया गया है।

पिछले दशक में फ्रांस के रक्षा खर्च में बड़ी तादाद में कटौती शुरू थी। सन २००५ से २०१५ इस १० वर्ष में फ्रांस के रक्षा दल में लगभग ६० हजार सैनिक कम किए गए थे। उस समय नए शस्त्रास्त्र खरीदारी की प्रक्रिया रोकी गई थी। फ्रांस के भूतपूर्व रक्षादल प्रमुख जनरल पिएर दे विलियर्स ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर जोरदार आलोचना की थी। इस मुद्दे पर उन्हें इस्तीफा देना पड़ा था। इस पृष्ठभूमि पर रक्षा दल में होने वाले बढ़त की घोषणा ध्यान केंद्रित करने वाली ठहरी है।

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