चीन से अमरिकी डॉलर्स मे निवेश कम करने के संकेत

बीजिंग / वाशिंगटन: अमरिकी बॉन्ड कर्जो का सबसे बड़ा खरीदार होने वाले चीन ने अमरिकी डॉलर्स में अपने निवेश कम करने के संकेत दिए हैं। चीन में विदेशी जमापूंजी के नियंत्रण करनेवाले ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन फोर फॉरेन एक्सचेंज’ (सेफ़) के अधिकारियों ने इस बारे में सलाह देना का वृत्त अमरिकी दैनिक में प्रसिद्ध किया है। इस वृत्त के बाद अमरिका के बॉन्ड एवं शेयर बाजार में खलबली फैली है और बॉन्ड के प्रतिफल दामों में उछाल हो रही है। अमरिका के कोषागार विभाग के सूत्रों ने चीन से घटने वाले निवेश चिंता की बात होगी, ऐसा दावा किया है। पर चीन ने इस वृत्त को झुठलाया है।

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अमरिका में ‘ब्लूमबर्ग’ दैनिक ने बुधवार को चीन में अधिकारी एवं सूत्रों के हवाले से वृत्त प्रसिद्ध किया था। जिसमें चीन के ‘स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज’ के अधिकारियों ने सरकार को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने की जानकारी दी गई है। चीन सरकार ने अमरिकी डॉलर्स के बॉन्ड में निवेश कम करें अथवा रोके, ऐसी सलाह इस रिपोर्ट में दी जाने का वृत्त है।

पिछले कई दिनों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर केंद्रीय बैंकों से बॉन्ड की खरीदारी के प्रमाण में गिरावट होने की गतिविधियां शुरू है। इसका झटका अमरिकी डॉलर्स को लगा है और उसके प्रतिफल में लगातार पांच दिन बढ़त होने की बात सामने आई है। अमरिकी डॉलर्स के बॉन्ड के बाजार में दुनिया में सबसे बडा बाज़ार होकर फिलहाल उसके मूल्य लगभग १४.५ लाख करोड़ डॉलर्स इतने हैं।

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चीन दुनिया का सबसे अधिक विदेशी जमापूंजी होने वाला देश होकर, फिलहाल चीन के पास ३.१ लाख करोड़ डॉलर्स की आरक्षित जमा पूंजी है। उसमें लगभग १.२ लाख करोड़ डॉलर्स अमरिका के बॉन्ड में निवेश किए गए हैं। चीन का चलन ‘युवान’ का अंतर्राष्ट्रीय बाजार में मूल्य स्थिर रहे, इसके लिए चीन से इसका उपयोग किया जाता है। पर नए वर्ष मे चीन अमरिका के साथ व्यापार एवं आर्थिक संघर्ष में अमरिकी डॉलर्स के निवेश का विचार करेगा, ऐसे स्पष्ट संकेत मिल रहे हैं।

अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने कर रचना में किए बदलाव एवं संरक्षण, मूलभूत सुविधा अंतर्गत सुरक्षा एवं अन्य योजनाओं के लिए बढे प्रावधान की वजह से अमरिकी कोषागार को उस समय बड़ी तादाद में कर्ज की आवश्यकता लगने वाली है। कर रचना में बदलाव की वजह से उसके आयात कम होने वाली है और बॉन्ड के माध्यम से अधिक से अधिक निधि निर्माण करने पर जोर देना होगा, ऐसी परिस्थिति में चीन से दिए जाने वाले संकेत अमरिका की चिंता बढ़ा रहे हैं, ऐसा दावा कोषागार विभाग के अधिकारी एवं सूत्रों से किया गया है।

चीन के रिपोर्ट में अमरिकी डॉलर्स के निवेश में प्रतिदिन हिस्सा कम करने के बारे में उल्लेख ना हुआ, फिर भी अमरिका के अन्य गतिविधियों पर ध्यान रखने की सलाह दी गई है। उसमें अमरिकी बॉन्ड का आदान-प्रदान, राजनीतिक गतिविधियां एवं चीन के व्यापारी विवाद का समावेश है। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प इनसे चीन के व्यापारी धारणाओं पर लगातार टीका हुई है और चीन से शुरू गैर व्यवहारों की जांच शुरु की गई है। जांच पूर्ण होने के बाद चीन पर व्यापारी प्रतिबंध जारी करने का इशारा अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष ने दिया था। इस पृष्ठभूमि पर चीन अमरिकी प्रतिबंधों को उत्तर देने के लिए बॉन्ड में निवेश का उपयोग करेगा, ऐसा डर अमरिकी विशेषज्ञों से व्यक्त किया जा रहा है।

चीन ने पहले सन २००९ में अमरिकी बॉन्ड में निवेश के बारे में इशारा दिया था।

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