अमरीका और चीन अपनी मर्यादा रेखा से एक-दूसरे को अवगत करें – अमरीका के ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर

वॉशिंग्टन – अमरीका और चीन एक दूसरे से चर्चा करके कौनसी मर्यादा का उल्लंघन होने पर बर्दाश्‍त नहीं किया जीएगा, यह तय करें। मौजूदा दौर में इस मुद्दे पर बातचीत होना संभव नहीं है, यह कहकर इसे नज़रअंदाज करना होगा। लेकिन, ऐसा होने पर पहले विश्‍वयुद्ध जैसी स्थिति निर्माण होगी, यह इशारा अमरीका के ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने किया है।

९७ वर्ष उम्र के किसिंजर एक अभ्यासगुट ने आयोजित की हुई चर्चा में बोल रहे थे। अमरीका के विदेशमंत्री और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहगार रहे किसिंजर को अमरीका की आधुनिक विदेश नीति का शिल्पकार समझा जाता है। सोवियत रशिया के साथ हुए शीतयुद्ध के दौरान चीन को अमरीका के पक्ष में लाने की और साथ ही सोवियत रशिया को झटका देने की रणनीति किसिंजर ने बनाई थी। उनकी इस कूटनीति का अमरीका को बड़ा लाभ हुआ और इसी कारण अमरीका शीतयुद्ध में जीत हासिल कर सकी, यह समझा जा रहा है। इसी कारण फिलहाल अमरीका और चीन में बने तनाव की पृष्ठभूमि पर हेन्री किसिंजर ने किया बयान ध्यान आकर्षित करता है।

‘अन्य किसी भी देश से अपने आर्थिक और लष्करी वर्चस्व को चुनौती ना मिले, यह इच्छा अमरीका रखती है। लेकिन, तकनीक की विशाल प्रगति हुई है और ऐसे में किसी भी एक देश का एकतरफा वर्चस्व रहने के दिन खत्म हो चुके हैं। इसी कारण अमरीका ने बदलते समय के साथ चलने के लिए अधिक कल्पकता दिखानी होगी’, यह सलाह किसिंजर ने दी है। इसके लिए अमरीका और चीन के नेता आपस में चर्चा करें और अपनी मर्यादा रेखा स्पष्ट करें, यह सुझाव किसिंजर ने रखा है।

शीतयुद्ध के दौरान सोवियत रशिया के विरोध में चीन को नज़दीक लाने की नीति अमरीका के लिए काफी महंगी साबित हुई और अब अमरीका के निवेश और बाज़ार पर पहुँचा हुआ चीन अमरीका के ही खिलाफ हो चुका है, यह आरोप ट्रम्प प्रशासन कर रहा है। चीन का यह खतरा ध्यान में रखते हुए राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरीका की नीति में काफी बदलाव किए हैं। इसके तहत रशिया अब अमरीका का पहले क्रमांक का प्रतिद्वंद्वि नहीं रहा बल्कि चीन से भी अमरीका को सबसे अधिक खतरा होने की बात समझी जा रही है। अमरीका की नीति में हुए इस बदलाव पर काफी अलग अलग प्रतिक्रिया प्राप्त हो रही है। इस पृष्ठभूमि पर ज्येष्ठ कूटनीतिज्ञ हेन्री किसिंजर ने अमरीका और चीन के बीच बने तनाव पर दर्ज़ की हुई यह प्रतिक्रिया बड़ी अहमियत रखती है।

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