अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय तालिबान की हुकूमत को मान्यता ना दें – नॉर्दन अलायन्स का आवाहन

afghan-taliban-leadersकाबुल – ‘२० साल पहले का तालिबान ना रहा होकर, उनके विचार आधुनिक बने हैं, ये दावे खारिश हुए हैं। तालिबान सर्वसमावेशक सरकार के लिए उत्सुक नहीं है, यह तालिबान ने अपनी घोषणा के ज़रिए दिखा दिया है। तालिबान की यह सरकार गैरकानूनी है और अन्तर्राष्ट्रीय समुदाय उसे कतई मान्यता ना दें’, ऐसा आवाहन नॉर्दन अलायन्स ने किया। साथ ही, अफगानिस्तान के नेताओं के साथ चर्चा करके जनता के अधिकारों की रक्षा करनेवाली समांतर सरकार की घोषणा जल्द ही की जाएगी, ऐसा नॉर्दन अलायन्स ने घोषित किया।

afghan-taliban-protestersतालिबान की सरकार के ३३ मंत्रियों में से ३० लोग पश्तू हैं। अफगानिस्तान के अन्य वांशिक गुटों को इस सरकार में स्थान नहीं मिला है। उसी प्रकार महिलाओं को भी इस सरकार से दूर रखा गया है। तालिबान ने पहले की गलतियों से सबक सीख कर खुद में कुछ सुधार लाए हैं, ये सभी दावे खोखले साबित हुए हैं। अन्तर्राष्ट्रीय माध्यमों को भी यह बात मान्य करनी पड़ी। उसी समय, अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादियों को तालिबान की इस सरकार में बहुत ही अहम स्थान दिया गया है। इससे यह साबित हुआ है तालिबान की इस सरकार का चेहरा आतंकवादी ही है। तालिबान के विरोध में जंग छेड़नेवाले नॉर्दन अलायन्स ने इस पर गौर फरमाया होकर, यह सरकार अवैध साबित होती है, ऐसा दोषारोपण किया है।

afghan-ahmad-masood‘अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी मंत्रिमंडल में होनेवाली तालिबान की सरकार अफगानिस्तान में बदलाव लाएगी, ऐसी उम्मीद क्या हम रख सकते हैं? यह सरकार अफगानिस्तान के विभिन्न समाजगुटों का प्रतिनिधित्व करनेवाली नहीं है। अफगानी जनता का बदला लेने के लिए ही यह सरकार स्थापन हुई है’, ऐसा आरोप नॉर्दन अलायन्स के प्रवक्ता अली मैसम नाझरी ने किया। इस कारण संयुक्त राष्ट्र संगठन, मानवाधिकार संगठन, युरोपीय महासंघ, सार्क, ऑर्गनायझेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन-ओआयसी, शंघाय कोऑपरेशन ऑर्गनायझेशन-एससीओ ये अन्तर्राष्ट्रीय संगठन तालिबान की सरकार को मान्यता ना दें, ऐसा आवाहन नाझरी ने किया।

संयुक्त राष्ट्र संगठन में नियुक्त अफगानिस्तान के राजदूत घुलाम इसकझई ने भी तालिबान की सरकार की आलोचना की। ‘महिला और अल्पसंख्यकों का समावेश ना होनेवाली सरकार अफगानी जनता को मान्य नहीं है। इस कारण तालिबान ने हालाँकि सरकार स्थापन की है, फिर भी वह सर्वसमावेशक नहीं है। संयुक्त राष्ट्र संगठन तालिबान की इस हुकूमत को कतई मान्यता ना दें’, ऐसी माँग राजदूत इसकझई ने की। साथ ही, संयुक्त राष्ट्र संगठन अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकारों का हनन करनेवाले तालिबान को ज़िम्मेदार ठहरायें, ऐसा इसकझई ने संयुक्त राष्ट्र संगठन में किये अपने निवेदन में कहा है।

बता दें, तालिबान की नई सरकार में, संयुक्त राष्ट्र संगठन की सुरक्षा परिषद ने ब्लैक लिस्ट में डाले १४ आतंकवादियों का समावेश है।

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