उरी के हमले के बाद पाकिस्तान को आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर घेरा

न्यूयॉर्क, दि.२० (पीटीआय)- अमरीका के विदेश मंत्री जॉन केरी के साथ हुई बातचीत में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कश्मीर का मुद्दा उपस्थित करने की कोशिश की| लेकिन पाकिस्तान अपने भूभाग के आंतकवादियों पर सख़्त कार्रवाई करें, यह माँग करते हुए अमरीका के विदेश मंत्री ने नवाझ शरीफ को झटका दिया|

kerry-sharif- नवाझ शरीफ

अमरीका, फ्रान्स, ब्रिटन, जर्मनी और जापान इन प्रमुख देशों ने उरी के आतंकी हमले की आलोचना करते हुए भारत को पूरा समर्थन ज़ाहिर किया| यदि भारत ने पाकिस्तान में होनेवाली सार्क परिषद का बहिष्कार किया, तो भारत को समर्थन देने के संकेत बांगलादेश और अफगानिस्तान से मिल रहे हैं| इसी वजह से उरी के आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान आंतर्राष्ट्रीय और क्षेत्रीय स्तर पर एकाकी पड़ गया है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा की बैठक के लिए न्यूयॉर्क में गये पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ ने अमरीका के विदेश मंत्री की भेंट लेकर उनके साथ बातचीत की| भारत जम्मू-कश्मीर में कर रहा तथाकथित अत्याचार का मुद्दा इस वक्त शरीफ ने पेश किया| साथ ही, अमरीका इस मामले की दखल लें, ऐसी गुज़ारिश शरीफ ने की| इसके साथ ही, संयुक्त राष्ट्रसंघ की रक्षा परिषद के स्थायी सदस्य रहनेवाले अमरीका, ब्रिटन, फ्रान्स, रशिया और चीन इन देशों को कश्मीर के संदर्भ में पत्र लिखकर, नवाझ शरीफ ने कश्मीर की समस्या का हल निकालने के लिए हस्तक्षेप करने का आवाहन किया था| लेकिन पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को अमरीका के विदेशमंत्री ने ज़ोरदारा तमाचा मारा है|

पाकिस्तान ने अपने भूभाग के आतंकवादियों पर सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए, इन कड़े शब्दों में केरी ने शरीफ को खरी खरी सुनायी| अमरीका के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किरबाय ने यह जानकारी दी| अमरीका के लोकप्रतिनिधियों ने भी उरी के हमले के बाद पाकिस्तान की आतंकी नीति की डटकर आलोचना की| इसी दौरान, अमरीका के भारतीयों ने पाकिस्तान की आतंकवादी नीति के खिलाफ़ आक्रामक प्रचारमुहिम हाथ में ली है|

अमरीका के प्रतिष्ठित अभ्यासगु्ट ‘हेरिटेज फाऊंडेशन’ की लिझा कर्टीस ने, ‘भारत के साथ का तनाव कम करने की ज़िम्मेदारी अब पाकिस्तान की है| आतंकवादियों को गिरफ़्तार करके और आतंकवादियों के प्रशिक्षण अड्डें बंद करके ही पाकिस्तान भारत को ‘हम सही दिशा की ओर जा रहे है’ यह भरोसा दिला सकता है’ ऐसा कहा है|

उरी के आतंकी हमले के बाद संतप्त हुआ भारत पाकिस्तान के आतंकी अड्डों पर हमले कर सकता है, यह दावा भी कर्टीस ने किया है| मुंबई पर हुए आतंकी हमले को आठ साल हो गये, लेकिन अभी भी पाकिस्तान ने इस हमले के साज़िशकर्ताओं पर कार्रवाई नहीं की, इसकी याद कर्टीस ने दिलायी| इस दौरान, अफगानिस्तान और बांगलादेश ने भी उरी के हमले की आलोचना करके, भारत के साथ पूरा सहयोग करने की घोषणा की| पाकिस्तान में होनेवाली सार्क परिषद का यदि भारत बहिष्कार करता है, तो उसका साथ देकर पाकिस्तान को घेरने के लिए हमारा देश तैयार है, ऐसे अफगानिस्तान के भारतस्थित राजदूत शैदा मोहम्मद अब्दाली ने कहा| बांगलादेश ने भी वैसे ही संकेत दिये हैं|

मानवाधिकार परिषद में भारत ने पाकिस्तान को आड़े हाथों लिया

संयुक्त राष्ट्रसंघ की मानवाधिकार परिषद को संबोधित करते समय भारत के राजदूत अजित कुमार ने पाकिस्तान को आड़े हाथ लिया| ‘हफ़ीज़ सईद, सलाहुद्दीन जैसे आतंकवादी पाकिस्तान में खुलेआम घूम रहे हैं| लेकिन पाकिस्तान इन आतंकवादियों पर कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है| पाकिस्तान ने ‘आतंकवादियों के केंद्र’ के तौर पर काम करना छोड़ देना चाहिए और इन आतंकवादियों पर सख़्त कार्रवाई करनी चाहिए’ यह माँग अजित कुमार ने की|

पाकिस्तान बलुचिस्तान के साथ बाकी प्रांतों में भी मानवाधिकार का उल्लंघन कर रहा है, इसकी याद अजित कुमार ने दिलायी| साथ ही, कश्मीर के तथाकथित मानवाधिकार के हनन पर शोर मचानेवाले पाकिस्तान की ख़बर ली| इस दौरान, संयुक्त राष्ट्रसंघ की आमसभा की बैठक के चलते, बलुच प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रसंघ के मुख्यालय के बाहर शांतिपूर्वक प्रदर्शन किये| मानवाधिकार परिषद में बात करते समय, बलुच जनताओं के प्रतिनिधि मेहरान मारी ने पाकिस्तान पर कड़े इल्जाम लगाये| साथ ही, बलुचिस्तान की भूमि पर चीन पाकिस्तानसमेत विकसित कर रहा होनेवाला ‘इकॉनॉमिक कॉरिडॉर’ प्रकल्प ग़ैरक़ानूनी है, यह इल्ज़ाम भी मारी ने लगाया|

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बलुचिस्तान का मुद्दा उपस्थित करने के बाद बलुच जनता का भरोसा और भी दृढ़ हो गया, यह दावा करते हुए मेहरान मारी ने, इसके लिए भारत का शुक्रिया अदा किया|

 

Leave a Reply

Your email address will not be published.