पाकिस्तान को ‘आतंकी देश’ घोषित करने के लिए अमरिकी संसद में बिल प्रस्तुत

वॉशिंग्टन, दि. २१ (पीटीआय) – वहाँ पाकिस्तान के प्रधानमंत्री संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने ‘कश्मीर’ का मसला रखने की तैयारी कर रहे हैं कि तभी अमरीका ने पाकिस्तान को तगड़ा झटका दिया है| काँग्रेसमन ‘टेड पो’ व ‘डाना रोहबाक्र’ ने पाकिस्तान को ‘आतंकी देश’ घोषित करने के लिए एक बिल संसद में पेश किया है| उरी में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे विश्‍व से पाकिस्तान के खिलाफ़ माहौल तैयार हुआ है और अमरिकी काँग्रेस के सदस्यों ने पेश किया यह बिल पाकिस्तान के लिए भयंकर ख़तरा साबित हो सकता है|

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‘अमरीका के साथ विश्‍वासघात करनेवाले पाकिस्तान को दी जानेवाली सहायता रोकने का समय आया है| इस आतंकी देश को ‘आतंकी राष्ट्र’ घोषित करने की ज़रूरत है’, ऐसा काँग्रेसमन ‘टेड पो’ ने कहा है| ‘पो’ अमरिकी काँग्रेस की ‘आतंकवादविषयक उपसमिति’ के अध्यक्ष हैं| पाकिस्तान केवल धोख़ेबाज़ देश ही नहीं, बल्कि ‘अमरीका के दुश्मनों को पूरी तरह सहायता करनेवाला देश’ ऐसी पाकिस्तान की पहचान है| ‘अल कायदा’ मुखिया ओसामा बिन लादेन को आसरा देनेवाला और ‘हक्कानी गुट’ के साथ नज़दीकी रिश्तें रखनेवाला देश, इन शब्दों में ‘पो’ ने पाकिस्तान को फटकारा| पाकिस्तान आतंकी देश है और इसके पुख़्ता सबूत उपलब्ध हैं, ऐसा दावा ‘टेड पो’ ने किया है|

जम्मू-कश्मीर के उरी में आतंकी हमला होने के बाद आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लोगों की राय पाकिस्तान के खिलाफ़ तैयार हो रही है और उसका प्रतिबिंब अमरीका में भी दिखाई दिया| मंगलवार को अमरीका के विदेशमंत्री जॉन केरी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को आतंकवादियों पर कडी कार्रवाई करने की सूचना दी थी| साथ ही, ब्रिटन, फ्रान्स, जर्मनी इन प्रमुख देशों के साथ बांगलादेश, अफगानिस्तान और श्रीलंका ने भी पाकिस्तान की आतंकवादपरस्त नीति की कड़ी आलोचना की है| अफगानिस्तान के विदेशमंत्री सलाहुद्दीन रब्बानी ने कहा कि भारत के डर से घिरा हुआ पाकिस्तान आतंकवादियों पर कार्रवाई करने के लिए तैयार नहीं है| साथ ही, अफगानिस्तान के साथ बांगलादेश ने भी, पाकिस्तान में होनेवाले सार्क सम्मेलन का बहिष्कार करने की तैयारी की है|

पाकिस्तान जैसे जैसे आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सभी तरफ से घिरते जा रहा है, वैसे वैसे पाकिस्तान पर दबाव बढ़ रहा है| कश्मीर मसला आंतर्राष्ट्रीय स्तर पर उपस्थित करने की पाकिस्तान की कोशिशें नाक़ाम हो रही हैं, ऐसा दिखाई दे रहा है| भारतीय सुरक्षा एजन्सियाँ जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकारों का उल्लंघन कर रही हैं, ऐसा दिखानेवाले पाकिस्तान का असली चेहरा बलुचिस्तान के नेताओं ने सामने लाया है| आंतर्राष्ट्रीय मीडिया ने भी बलुच नेताओं के मुद्दे का समर्थन किया है| इससे पहले, अमरिकी संसद की उपसमिति के सामने, ‘पाकिस्तान अमरीका का दोस्त है या दुश्मन?’ इस विषय पर सुनवाई हुई थी| इस समय अमरिकी राजनयिक एवं राजनीतिक अधिकारी तथा सेना के अधिकारियों ने, ‘पाकिस्तान अमरीका के दुश्मनों की सहायता करनेवाला धोख़ेबाज़ देश है’ ऐसा इल्ज़ाम रखा था|

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