अक्तुबर में ‘यूपीआय’ के ज़रिये हुए रिकॉर्ड २ अरब से अधिक व्यवहार

नई दिल्ली – कोरोना की वजह से शुरू हुए लॉकडाउन की पृष्ठभूमि पर देश में डिजिटल पेमेंट के व्यवहारों में बढ़ोतरी होने की जानकारी सामने आ रही है। भारत ने स्वतंत्र तौर पर विकसित किए हुए ‘युनिफाईड पेमेंट्स इंटरफेस’ (यूपीआय) के ज़रिये हो रहे व्यवहारों में ध्यान आकर्षित करनेवाली बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। केवल अक्तुबर में देशभर में ‘युनिफाईड पेमेंट्स इंटरफेस बेस्ड ट्रान्जैक्शन’ के माध्यम से २.०७ अरब व्यवहार होने का रिकॉर्ड दर्ज़ हुआ है। बीते वर्ष की तुलना में ‘यूपीआय’ के माध्यम से हो रहे ‘डिजिटल’ व्यवहारों में भारी ८२ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है।

upi‘यूपीआय’ के ‘डिजिटल ऐप’ के ज़रिये अक्तुबर महीने में २०७.१६ करोड़ व्यवहार हुए हैं। ‘यूपीआय’ के माध्यम से बीते वर्ष अक्तुबर महीने में एक अरब व्यवहारों से भी अधिक व्यवहार हुए थे। इस में साल में अब ८० प्रतिशत बढ़ोतरी दर्ज़ हुई है। इन व्यवहारों में हुए कारोबार के मुल्य में भी १०१ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। बीते वर्ष अक्तुबर में ‘यूपीआय’ से १,९१,३५९.९४ करोड़ रुपयों का कारोबार हुआ था। तो अक्तुबर २०२० में ‘यूपीआय’ के माध्यम से ३,८६,१०६ करोड़ रुपयों का कारोबार हुआ है। अक्तुबर में ‘यूपीआय’ द्वारा हुए कारोबार का यह आज तक का नया रिकॉर्ड होने की जानकारी नीति आयोग के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अमिताभ कांत ने साझा की।

डिजिटल कारोबार को गति देने के लिए ‘नैशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया’ (एनपीसीआय) ने वर्ष २०१६ में ‘यूपीआय’ का निर्माण किया था। इसके तीन वर्ष बाद ‘यूपीआय’ ने एक महीने में १ अरब व्यवहार करने का मुकाम हासिल किया। अब मात्र एक वर्ष में इसके माध्यम से २ अरब से अधिक व्यवहार होने की बात दर्ज़ हुई है। भारत के इस स्वदेशी ‘ऐप’ को प्राप्त हुई यह सफलता अहम समझी जा रही है। ‘भीम यूपीआय’ ने बीते कुछ वर्षों में डिजिटल व्यवहारों का चेहरा बदलना शुरू किया है। सुरक्षित व्यवहार का कारण भी इसके पीछे है, यह बयान ‘एनपीसीआय’ के अधिकारी ने किया है।

मार्च में घोषित किए गए लॉकडाउन के बाद ‘अप्रैल-मई’ में ‘यूपीआय’ के इस्तेमाल में थोड़ी गिरावट हुई थी। लेकिन, इसके बाद कोरोना की पृष्ठभूमि पर भी भारतीय जनता ने ‘यूपीआय’ पर भरोसा कायम रखा हुआ दिख रहा है। जून से ‘यूपीआय’ का इस्तेमाल करनेवालों की संख्या और व्यवहारों की संख्या में तेज़ बढ़ोतरी हुई है।

‘एनपीसीआय’ की शुरूआत वर्ष २००८ में हुई। यह देश में ‘पेमेंट ऐण्ड सेटलमेंट सिस्टम’ की ज़िम्मेदारी संभालनेवाली प्रमुख संस्था है। ‘एनपीसीआय’ ने ‘डिजिटल’ व्यवहारों के लिए अलग अलग प्रावधान उपलब्ध कराए हैं। इनमें ‘रुपे कार्ड’, ‘इमीडीअट पेमेंट सर्विस’ (आयएमपीएस), ‘यूपीआय’, ‘भारत इंटरफेस फॉर मनी’ (बीएचआयएम), ‘भीम आधार’ (बीएचआयएम आधार), ‘एनईटीसी फास्ट टैग’ और ‘भारत बिल पे’ का समावेश है।

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