शरणार्थियों के संबंधी संयुक्त राष्ट्रसंघ के समझौते के बाद युरोपीय महासंघ के मतभेद स्पष्ट

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वियना – मोरोक्को में दो दिन पहले हुई विशेष बैठक में शरणार्थियों के संबंधी अंतरराष्ट्रीय समझौते को मान्यता दी गई| इस बैठक को संयुक्त राष्ट्रसंघ के १९३ से १६४ देशों के प्रतिनिधी ही उपस्थित थे| अमरिका के अलावा कुछ युरोपीय देश इस बैठक में अनुपस्थित रहे| इन देशों की अनुपस्थिती इस बैठक की विशेषता कही जा रही है और इसी मुद्दे पर युरोपीय महासंघ में बना कलह भी सामने आया है| महासंघ के अस्थायी अध्यक्ष पद संभाल रहे ऑस्ट्रिया की इस बैठक में अनुपस्थिती रहने से प्रमुख युरोपीय देशों के नाराजगी का कारण बनी है| इस नाराजगी की वजह से शरणार्थियों की समस्या को लेकर महासंघ में अभी भी कडे मतभेद है, यह स्पष्ट हुआ है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने शरणार्थियों के मुद्दे पर विश्‍व भर में शुरू हुए विवाद की पृष्ठभुमि पर अंतरराष्ट्रीय समझौते की विकल्प सामने रखा था| यह विकल्प रखते समय राष्ट्रसंघ के सदस्य बने १९३ देशों ने इसे मंजूरी दी थी| लेकिन जब इस समझौते का प्रस्ताव सामने रखा गया तभी अमरिका के साथ अन्य प्रमुख देशों ने इसे विरोध जताना शुरू किया| इन देशों में इस्रायल, ऑस्ट्रिया, पोलंड, हंगेरी, झेक रिपब्लिक जैसे देश शामिल है|

युरोप में शरणार्थियों के समस्या को लेकर पिछले दो वर्षों से कडा संघर्ष शुरू है| हंगेरी, पोलंड जैसे देशों ने इस मुद्दे पर आक्रामक भूमिका अपना कर शरणार्थियों को अपने देश में प्रवेश देने से इन्कार किया है| इस वजह से महासंघ ने इन देशों पर कार्रवाई करना शुरू किया है, फिर भी यह देश अभी भी अपनी भूमिका पर कायम है| इस पृष्ठभूमि पर शरणार्थियों की समस्या का हल निकालने के लिए आफ्रिकी देशों की सहायता लेने की तैयारी शुरू है| इसके लिए अगले हफ्ते में एक बैठक का आयोजन होगा|

महासंघ की अध्यक्षता फिल हाल ऑस्ट्रिया संभाल रही है और इस वजह से इस बैठक का आयोजन वियना में हो रहा है| रवांडा के राष्ट्राध्यक्ष पॉल कागामे इस बैठक को उपस्थित रहेंगे| लेकिन ऑस्ट्रिया का संयुक्त राष्ट्रसंघ की बैठक में अनुपस्थित रहना जर्मनी और फ्रान्स जैसे प्रमुख युरोपीय देशों को असहज लग रहा है| इन देशों ने वियना में हो रही बैठक बायकाट की ह और अन्य कुछ देश भी इन्ही देशों के राह पर चलने की आशंका है|

जर्मनी और फ्रान्स का विरोध होने से शरणार्थियों के समस्या के मुद्दे पर युरोपीय देशों में बनी दरार और भी बढ रही है, यह स्पष्ट हुआ है|

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