शरणार्थीयों के लिए सीमारेखा बंद नहीं की, तो यूरोप में लोकतंत्रवाद खतरे में होगा – जर्मनी में बवेरिया प्रांत के प्रधानमंत्री का इशारा

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लिंझ – जर्मनी के बवेरिया प्रांत के प्रधानमंत्री और ऑस्ट्रियन चांसलर में शरणार्थियों के विरोध में सहमती हुई है। यूरोप की सीमारेखा शरणार्थियों के लिए बंद नहीं की, तो संपूर्ण यूरोप में लोकतंत्रवाद खतरे में होगा, ऐसी चेतावनी बवेरिया प्रांत के प्रधानमंत्री मार्कस सोदर ने दी है।

प्रधानमंत्री सोदर यह चांसलर मर्केल इनके संगठित सरकार में सहयोगी पक्ष क्रिश्चियन सोशल यूनियन के नेता है। इसकी वजह से शरणार्थियों के विरोध में सोदर ने ऑस्ट्रियन सरकार से हाथ मिलाना मर्केल सरकार के लिए झटका माना जा रहा है।

जर्मनी के बवेरिया प्रांत में क्रिश्चियन सोशल यूनियन (सीएसयू) की सरकार है। इस प्रांत के प्रधानमंत्री सोदर यह फिलहाल ऑस्ट्रिया के दौरे पर होकर उन्होंने ऑस्ट्रियन चांसलर सेबेस्टियन कर्ज से मुलाकात की है।

जनतंत्रवाद

रविवार को यूरोपीय महासंघ के आपातकालीन बैठक की पृष्ठभूमि पर चैंसेलर कर्ज और प्रधानमंत्री सोदर इनके इस बैठक की तरफ देखा जा रहा है। इस बैठक में प्रधानमंत्री सोदरने शरणार्थियों के विरोध में स्वीकारी हुई चैन्सेलर कर्ज की ठोस भूमिका का स्वागत किया है।

साथ ही इस मुद्दे पर ऑस्ट्रियन सरकार के साथ सहयोग पर सोदर और कर्ज इनकी चर्चा हुई है। इस बैठक में शामिल होने से पहले प्रधानमंत्री सोदरने बवेरिया और ऑस्ट्रेलिया इनके शरणार्थियों के विरोध में एकमत हुआ है, ऐसी जानकारी मिली है।

तथा इस बैठक के बाद प्रधानमंत्री सोदर और चांसलर कर्जने इस मुद्दे पर यूरोपीय महासंघ को चेतावनी दी है। यूरोपीय के सीमारेखा शरणार्थियों के लिए बंद करना अब अधिक महत्वपूर्ण बना है। वैसा नहीं किया तो यूरोपीय देशों के लोकतंत्रवाद पर गंभीर संकट होगा, ऐसा सोदरने सूचित किया है।

यूरोप में धड़कने वाले शरणार्थीयों के झुण्ड रोकने होंगे, तो आफ्रीकी देशों में प्रोटेक्शन झोन्स अर्थात सुरक्षित क्षेत्र निर्माण करने एवं ऐसे भागों में अधिक से अधिक निवेश करने की आवश्यकता होने की बात सोदर और कर्जने कही है।

ऐसा हुआ तो शरणार्थियों को अफ्रीका छोड़कर यूरोप में पहुंचने की आवश्यकता नहीं रहेगी, ऐसा दावा दोनों नेताओं ने किया है।

बवेरिया प्रांत के प्रधानमंत्री सोदर और ऑस्ट्रियन चैन्सेलर कर्ज ने शरणार्थियों के विरोध में हुई सहमती जर्मनी के मर्केल सरकार के लिए सिर दर्द बढ़ानेवाली है। इसकी वजह से मर्केल और उनके सहयोगी पक्ष सीएसयु में तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है।

पिछले हफ्ते में जर्मनी के अंतर्गत रक्षामंत्री और सीएसयू के वरिष्ठ नेता होर्स्ट सिहोफर ने चांसलर एंजेला मर्केल को अपना शरणार्थियों के बारे में मास्टर प्लान स्वीकारने के लिए आखिरी महीने की अवधि दी थी।

इससे पहले भी ठोस निर्णय न लेने की वजह से शरणार्थीयों को बाहर खदेड़ने के बारे में एक तरफा घोषणा करने की चेतावनी अंतर्गत सुरक्षा मंत्री सिहोफर ने दी थी। इसकी वजह से मर्केल इनकी क्रिश्चियन डेमोक्रेटिक यूनियन पक्ष की संसद सदस्यों से अब नाराजगी के सुर व्यक्त हो रहे हैं। इसकी वजह से मर्केल को सत्ता छोड़ने की आशंका जताई जा रही है।

दौरान बवेरिया के प्रधानमंत्री सोदर और ऑस्ट्रियन चैन्सेलर कर्ज ने शरणार्थियों के मुद्दे पर यूरोपीय महासंघ को सूचित करने वाले पहले नेता नहीं है। १० दिनों पहले यूरोपीय कमीशन के उपाध्यक्ष फ्रांस टीमरमैन्स ने भी शरणार्थियों की वजह से महासंघ टूटने की दहलीज पर होने की चेतावनी दी थी। तथा जर्मनी और फ्रांस के नेता इस बारे में ठोस भूमिका अपनाए ऐसा आवाहन टीमरमैन्स ने किया था।

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