आर्थिक आपात का ऐलान करके फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन पीछे हटे

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पेरिस – फ्रेन्च जनता की अपेक्षा पूरी करने में मै असफल साबित हुआ हूं और इसकी जिम्मेदारी मेरी है है| अपने कुछ शब्दों ने कईयों को दुखाया है, इसका मुझे एहसास है, इन शब्दों में फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युएल मैक्रॉन इन्होंने देश में उन्हें विरोध कर रहे निदर्शकों के सामने अपनाई कडी भूमिका से वापसी की| साथ ही देश में आर्थिक आपात का ऐलान करके इस परिस्थिति से बाहर नकलने के लिए फ्रेन्च जनता रे सहयोग की जरूरत है, यह मैक्रॉन ने कहा है| राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने एक कदम पीछ लिया है तभी देश में शुरू ‘यलो वेस्टस्’ आंदोलन में ‘फ्रेक्झिट’ यानी ‘फ्रान्स एक्झिट’ की मांग हुई है, यह जानकारी सामने आ रही है|

फ्रान्स में पिछले डेढ महीने से ‘यलो वेस्टस्’ आंदोलन हो रहा है| शुरूआती दौर में यह आंदोलन केवल इंधन के दामों पर लगाए अतिरिक्त कर के विरोध में भडका था| लेकिन बाद में इस आंदोलन को मैक्रॉन के हुकूमत के विरोधी स्वरूप प्राप्त हुआ| इंधन के साथ ही अर्थव्यवस्था, शिक्षा, कर्मचारी वर्ग, वेतन, अंतर्गत सुरक्षा जैसे मुद्दों पर फ्रेन्च राष्ट्राध्यक्ष ने लिए निर्णयों को भी विरोध होने लगा| फ्रेन्च सरकारने शुरूआत में यह आंदोलन नजरअंदाज करने से निदर्शकों ने अपनी भूमिका और भी आक्रामक की और इससे यह आंदोलन हिंसक बना|

राजधानी पैरिस में हुई हिंसा से फ्रान्स के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन का देश पर नियंत्रण नही रहा और आम जनता के साथ जुडे उनके तार टूटी होने की प्रतिमा तीव्रता से सामने आयी थी| इसीसे देश के हर हिस्से में मैक्रॉन के इस्तिफे की मांग बढने लगी| केवल एक साल पहले सत्तापर आने के बाद राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन इनकी लोकप्रियता २३ फिसदी तक फिसली| अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भी फ्रान्स में शुरू आंदोलन की ओर गंभीरता से ध्यान दिया|

इस परिस्थिति में झटका मिलने पर आखिरकार फ्रेन्च राष्ट्राध्यक्षने सोमवार के दिन फ्रेन्च जनता को संबोधित करने के लिए किये भाषण में अपनी गलतियां मान ली और अपनी भूमिका से पीछे हटने का ऐलान किया| साथ ही उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था संकट में है, यह कहकर आर्थिक आपात का ऐलान किया| इस ऐलान के साथ ही आपातकाल से बाहर निकलने के लिए जनता को सहयोग करने की दर्ख्वास्त भी की| उस समय आंदोलकों को दिलासा देने के लिए उन्होंने न्यूनतम मासिक वेतन १०० युरो बढाने के अलावा हर माह २ हजार युरो से कम वेतन प्राप्त करने पर करों में सहुलियत देने का ऐलान भी किया|

फ्रेन्च राष्ट्राध्यक्ष ने एक कदम पीछे लेने का दर्शाया है, फिर भी उनके विरोध में उभरा हुआ जनता का असंतोष निकट के समय में कम नही होगा, यह संकेत प्राप्त हो रहे है| फ्रान्स में शुरू इन निदर्शनों के दौरान ‘फ्रेक्झिट’ बैनर भी दिखाई पडे है|

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