रशिया को लक्ष्य करने के लिए युक्रैन को ‘हाय प्रिसिजन मिसाइल’ की जरूरत – राष्ट्राध्यक्ष पेट्रो पोरोशेन्को

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तरकिव्ह – ‘रशिया ने आईएनएफ समझौते का उल्लंघन किया है| इस वजह से युक्रैन भी अप अपने मिसाइल की क्षमता बढाने के लिए आजाद है| युक्रैन के दुश्मनों को भी अब इसका एहसास होना जरूरी है| युक्रैन के बेडे में अब ‘हाय प्रिसिजन मिसाइल’ शामिल करने की जरूरत है’, ऐसी आक्रामक मांग राष्ट्राध्यक्ष पेट्रो पोरोशेन्को इन्होंने की है| युक्रैन के विदेश मंत्रालय ने भी इस मांग का समर्थन किया है और नजदिकी समय में युक्रैन खुद नए मिसाइल निर्माण करेगा, यह उन्होंने डटकर कहा है| युक्रैन के नेता ने किए वक्तव्य इस वक्तव्य पर रशिया तीव्र प्रतिक्रिया दर्ज करने की संभावना है|

रशिया ने वर्ष २०१४ में युक्रैन का हिस्सा रहे ‘क्रिमिआ’ पर कब्जा किया है और पूर्व युक्रैन में कुछ हिस्से पर भी रशिया समर्थक गुटों का वर्चस्व है| इस क्षेत्र में रशिया ने बडी तादाद में लष्करी जमावडा किया है और रशियन हुकूमत को युक्रैन का निवाला लेना है, यह आरोप युक्रैन लगातार कर रहा है| रशिया से युक्रैन के लिए बने खतरे की वजह से अमरिका और अन्य नाटो सदस्य देशों ने युक्रैन को बडी मात्रा में लष्करी सहायता पहुंचाई है|

लेकिन, अमरिका और नाटो से हो रही यह सहायता काफी ना होने की नाराजगी युक्रैन लगातार व्यक्त कर रहा है| इस वजह से युक्रैन ने अब अपने बलबुते पर हथियारों का निर्माण करने के संकेत दिए है और ‘हाय प्रिसिजन मिसाइल’ की मांग इसी का हिस्सा होता दिख रहा है| पिछले वर्ष में युक्रैन ने रशियन निर्माण के ‘पेचोरा’ एवं ‘केएच-३५’ मिसाइल की आवृत्ति खुद विकसित करके उसका सफलता से परीक्षण भी किया सामने आया है| ‘पेचोरा’ मिसाइल जमीन से हवा में हमला करने के लिए उपयुक्त मिसाइल है और ‘केएच-३५’ मिसाइल ‘एंटी शिप क्रूज मिसाइल’ है|

यह दोनों मिसाइल युक्रैन की रक्षा बलों में शामिल किए गए है| लेकिन, रशिया के लष्करी सामर्थ्य का दायरा देखे तो युक्रैन ने विकसित किए यह मिसाइल रशिया का मुकाबला कर नही सकते, इसका एहसास युक्रैन को है| अमरिका ने भी युक्रैन को ‘जैव्हलिन’ मिसाइल सौंपे है, फिर भी रशियन सामर्थ्य के सामने इन मिसाइलों का टिकना मुमकिन नही| इस वजह से युक्रैन अब अधिक प्रगत मिसाइल की मांग करता दिख रहा है|

युक्रैन के राष्ट्राध्यक्ष ने किए इस मांग में देश में मिसाइल निर्माण करने का जिक्र है फिर भी वर्तमान की स्थिति देखें तों उसे सफलता मिलने की ज्यादा संभावना नही है| इस वजह से अमरिका या यूरोपीय देशों से नए प्रगत मिसाइल खरीदने के संकेत युक्रैन के सूत्रों ने दिए है| युक्रैन ने इस प्रकार की मिसाइल प्राप्त की तो उसपर रशिया तीव्र नाराजगी जताने की संभावनी है| रशिया ने इसके पहले भी अमरिका और नाटो सदस्य देशों से युक्रैन को हो रही सहायता को विरोध किया है|

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