ब्रिटेन की हायकोर्ट की ‘रवांडा रेफ्युजी डील’ को मंजूरी

लंदन – ब्रिटेन में दाखिल हो रहे अवैध शरणार्थियों को रवांडा भेजने के निर्णय को ब्रिटेन की हायकोर्ट ने मंजूरी प्रदान की है। ब्रिटेन की गृहमंत्री की योजना सार्वजनिक हित के लिए उचित है, ऐसा अदालत ने अपने आदेश में कहा है। अदालत के इस निर्णय पर प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन और गृहमंत्री प्रीति पटेल ने संतोष व्यक्त किया। इस दौरान रवांडा डील का विरोध कर रहे गुटों ने सोमवार को वरिष्ठ अदालत में स्वतंत्र याचिका दाखिल करने का इशारा दिया है।

ब्रिटेन की गृहमंत्री प्रीति पटेल ने अप्रैल में रवांड़ा का दौरा करके शरणार्थियों से संबंधित समझौते पर हस्ताक्षर किए थे। इसके अनुसार अफ्रीका के रवांड़ा देश को ब्रिटेन १५ करोड़ डॉलर्स से अधिक निधि प्रदान करेगा। इसके बदले में ब्रिटेन में अवैध मार्ग से आए शरणार्थियों को रवांड़ा आश्रय देगा। इस तरह किसी यूरोपियन देश ने अपने देश पहुँच रहे शरणार्थियों को अफ्रीकी देश में भेजने का यह पहला ही अवसर है।

संयुक्त राष्ट्रसंघ समेत ब्रिटेन के विपक्ष एवं लेफ्टीस्ट गुटों ने इस समझौते का तीव्र विरोध किया था। ब्रिटेन के कुछ गुटों ने इस समझौते को चुनौती देने के लिए हायकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। इस पर शुक्रवार को निर्णय हुआ। न्यायाधीश जोनाथन स्विफ्ट ने विपक्ष की याचिका खारिज करके गृहमंत्री शरणार्थियों से संबंधित योजना पर अमल किया जा सकता है, यह स्पष्ट किया। ब्रिटीश सरकार की योजना के अनुसार मंगलवार १४ जून को रवांड़ा की ओर शरणार्थियों का पहला दस्ता रवाना किया जाएगा।

ब्रिटेन में पिछले कुछ सालों से खाड़ी मार्ग से पहुँच रहे शरणार्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। पिछले साल ब्रिटेन ने १.८५ लाख से अधिक शरणार्थियों को आश्रय दिया था। साल २०२२ में ब्रिटेन ने सिर्फ खाड़ी के रास्ते छह हज़ार से अधिक अवैध शरणार्थी पहुँचे हैं। इन शरणार्थियों के झुंड़ रोकने के लिए ब्रिटेन ने विभिन्न विकल्प अपनाए हैं और रवांड़ा के साथ किया गया यह समझौता उसी का हिस्सा माना जाता है। अवैध शरणार्थियों को रोकने के लिए ब्रिटेन ने फ्रान्स के साथ भी समझौता किया है और समुद्री क्षेत्र में ब्रिटीश नौसेना तैनात करने का निर्णय भी हुआ है।

ब्रिटेन के अलावा यूरोप के अन्य देश भी अफ्रीकी देशों के साथ शरणार्थियों से संबंधित समझौता करने की गतिविधियाँ कर रहे हैं, ऐसी जानकारी सामने आयी है। इनमें जर्मनी जैसे प्रमुख देश का भी समावेश है। 

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