अगले दशक में नई महामारी नुकसान पहुँचा सकती है – ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन का इशारा

लंदन – अगले दशक में विश्‍व को नई महामारी नुकसान पहुँचा सकती है, ऐसा इशारा ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉन्सन ने दिया है। ब्रिटेन ने मंगलवार के दिन अपनी विदेश और रक्षा नीति का जायज़ा लेनेवाली ‘इंटिग्रेटेड रिव्यु’ रपट जारी की। इस रपट में प्रधानमंत्री जॉन्सन ने वर्ष २०३० तक एक के बाद एक नई संक्रमित महामारीयों का सामना करना पड़ेगा, यह इशारा दिया है। इसी रपट में जॉन्सन की सरकार ने आतंकी गुटों के जैविक, रासायनिक और परमाणु हमलों की संभावना का दावा भी किया है।

britain-boris-johnsonचीन से शुरू हुए कोरोना वायरस के संक्रमण ने अब तक २६ लाख से अधिक लोगों की जान ली है और इस महामारी की तीव्रता फिर से बढ़ रही है, ऐसे इशारे दिए जा रहे हैं। ब्रिटेन में ४२ लाख से अधिक नागरिक कोरोना संक्रमित हुए हैं १.२५ लाख संक्रमित मृत हुए हैं। कोरोना के विषाणु में लगातार बदलाव होने की बात सामने आ रही है। अमरीका, ब्रिटेन, ब्राज़ील, दक्षिण अफ्रीका समेत एशियाई देशों में भी कोरोना विषाणु के नए प्रकार दिखाई दिए हैं। इन नए प्रकारों के कारण इस संक्रमण की तीव्रता बढ़ने की बात कही जा रही है।

इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री द्वारा पेश रपट में दिया गया नया इशारा ध्यान आकर्षित करनेवाला साबित होता है। प्रधानमंत्री जॉन्सन ने अपने इशारे में ‘ज़ूनोटिक डिसिजेस्‌’ का ज़िक्र किया है। जानवरों में पाए जानेवाले विषाणु, जीवाणु एवं परजीवियों से मनुष्य में संक्रमित होनेवाली बीमारियों को ‘ज़ूनोटिक डिसिजेस्‌’ कहा जाता है। जनसंख्या की बढ़ोतरी खेती के लिए आवश्‍यक अधिक जमीन की वजह से मनुष्यों और जानवरों की एक-दूसरे से संपर्क की मात्रा बढ़ेगी। इससे ‘ज़ूनोटिक डिसिजेस्‌’ की महामारी फैलेगी, ऐसा इशारा प्रधानमंत्री जॉन्सन ने दिया है।

‘नई बीमारियों की महामारी का संक्रमण सच्चाई में उतरनेवाली बात है। मौजूदा रुख देखें तो इलाज और दवाईयों का असर ना होनेवाली बीमारियों के कारण मृतकों की संख्या वर्ष २०५० तक दो करोड़ तक पहुँच सकती है’, ऐसा इशारा भी ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ने दिया। इस दौरान उन्होंने वर्ष २०३० तक आतंकी गुटों द्वारा परमाणु, रासायनिक एवं जैविक हमलों की संभावना का दावा भी किया है।

कोरोना की महामारी का संक्रमण शुरू होने के बाद चीन में स्थित वैज्ञानिक ‘शी ज़ेंग्ली’ ने कोरोना से अधिक ड़रावना विषाणु मौजूद होने का दावा करके सनसनी निर्माण की थी। इसके बाद अफ्रीका के वरिष्ठ वैज्ञानिक जीन जैक मुयेंबे तम्फुम ने कोरोना से अधिक घातक विषाणु अगले दिनों में विश्‍वभर में हाहाकार मचा सकता है और इससे पूरी मानवता के लिए खतरा है, ऐसा गंभीर इशारा दिया था। ऐसे में तीन वर्ष पहले ‘वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनायज़ेशन’ (डब्ल्यूएचओ) ने किसी अज्ञात विषाणु के कारण विश्‍वभर में हाहाकार निर्माण करनेवाली भीषण महामारी का संक्रमण हो सकता है और इस महामारी से करोड़ों लोगों की मौत हो सकती है, यह इशारा दिया था।

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