यूरोपियन रक्षादल के ‘फ्रेंच’ प्रस्ताव को ब्रिटन का समर्थन

तृतीय महायुद्ध, परमाणु सज्ज, रशिया, ब्रिटन, प्रत्युत्तर

सोफिआ – ‘यूरोप में सुरक्षा के मुद्दे पर अधिक प्रभावी यंत्रणा निर्माण करने के लिए फ़्रांस ने कुछ संकल्पनाएँ रखी हैं। इस बारे में हम फ़्रांस के साथ चर्चा करेंगे। ब्रिटन का मानना है फ़्रांस ने रखा प्रस्ताव वास्तव में आने की संभावना है’, इन शब्दों में ब्रिटन के कनिष्ठ रक्षामंत्री फ्रेडरिक कर्झन ने यूरोपियन रक्षादल के बारे में फ़्रांस ने रखे प्रस्ताव को समर्थन दिया है। अब तक ब्रिटन ने लगातार ‘यूरोपियन लष्कर’ के निर्माण को विरोध किया है और नाटो को इस तरह विकल्प निर्माण करने की आवश्यकता नहीं, ऐसी आक्रामक भूमिका ली थी। इस पृष्ठभूमि पर ब्रिटन ने अनपेक्षित रूपसे यूरोपीय रक्षादल के प्रस्ताव को समर्थन देना ध्यान आकर्षित करने वाली बात साबित हुई है।

पिछले वर्ष सितंबर महीने में फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष इमैन्युअल मैक्रॉन ने ‘यूरोपियन इंटरवेन्शन इनिशिएटिव’ यह संकल्पना रखी थी। इस संकल्पना में, किसी भी समय यूरोपीय देशों की सेना एकजुट होकर मुकाबला करने के लिए सज्ज हो, यह उद्देश्य था। फ़्रांस के रक्षामंत्री फ्लोरेंस पार्ले ने इसकी जानकारी देते समय इस दल का स्वरुप ‘क्विक एंड ऑपरेशनल फ़ोर्स’ प्रकार है और ‘नाटो’ व्यतिरिक्त होगा, ऐसा कहा था। फ़्रांस ने इसके लिए जर्मनी, इटली और स्पेन जैसे देशों के साथ चर्चा की थी।

यूरोपियन रक्षादल, प्रस्ताव, यूरोपियन लष्कर, फ़्रांस, समर्थन, यूरोप, पेस्को

‘ब्रेक्झिट’ पर मुहर लगाए जाने की पृष्ठभूमि पर ब्रिटन यूरोपियन देशों के रक्षा दल में शामिल होगा अथवा नहीं इस बारे में आशंका व्यक्त की गई थी। नाटो यूरोपियन देशों के सुरक्षा की जिम्मेदारी निभा रहा है, ऐसे में स्वतंत्र यूरोपियन लष्कर अथवा दल की आवश्यकता नहीं है, इन शब्दों में ब्रिटन ने इस बारे में प्रस्तावों का लगातार विरोध किया था। ब्रिटन के विरोध की वजह से यूरोपीय महासंघ की ‘यूरोपियन आर्मी’ इस महत्वाकांक्षी योजना की स्थापना भी रुकी हुई है।

लेकिन ‘ब्रेक्झिट’ पर मुहर लगने के बाद यूरोप के साथ रक्षा और सुरक्षा विषयक सहकार्य पर ब्रिटन ने सकारात्मक भूमिका अपनाई है। पिछले कुछ महीनों में ब्रिटन की प्रधानमंत्री थेरेसा मे के साथ वरिष्ठ नेता और अधिकारियों ने भी यूरोप के साथ सुरक्षा विषयक सहकार्य कायम रखने के संकेत दिए थे। सोफिया शहर में होने वाली यूरोपीय देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक में ब्रिटीश मंत्रियों की उपस्थिति और यूरोपियन रक्षा दल को दिया समर्थन भी इसकी पुष्टि करता है।

फ़्रांस के राष्ट्राध्यक्ष मैक्रॉन ने रखे प्रस्ताव को सहकार्य देने के लिए हम उत्सुक हैं। ब्रेक्झिट के बाद भी यूरोपीय देशों के साथ रक्षा और सुरक्षा विषयक साझेदारी कायम रखने की हमारी कोशिश है। फ़्रांस का प्रस्ताव इसके लिए उपयुक्त साबित होगा’, इन शब्दों में ब्रिटन के कनिष्ठ रक्षामंत्री कर्झन ने ब्रिटन के समर्थन का आश्वासन दिया है। फ़्रांस का प्रस्ताव ‘यूरोपीय आर्मी’ और ‘यूरोपियन डिफेन्स’ फण्ड की योजनाओं के साथ सीधे न जुड़ने की वजह से ब्रिटन का इस रक्षादल में प्रवेश संभव होने का दावा ब्रिटिश अधिकारी और विश्लेषक कर रहे हैं।

पिछले वर्ष नवम्बर महीने में यूरोपीय महासंघ के २३ सदस्य देशों ने यूरोपीय देशों के बीच लष्करी सहायता को बढ़ावा देने वाले ‘पर्मनंट स्ट्रक्चर्ड कोऑपरेशन’ (पेस्को) अनुबंध पर हस्ताक्षर किये थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published.