तुर्की के स्पेशल फ़ोर्स के जवान सीरिया के ‘आफ्रिन’ में दाखिल      

अंकारा/इस्तंबूल: सीरिया के ‘आफ्रिन’ इलाके के कुर्दों के खिलाफ कारवाइ के लिए तुर्की ने इस इलाके में ‘स्पेशल फ़ोर्स’ के जवान तैनात किए हैं। इस ‘स्पेशल फ़ोर्स’ की तैनाती के साथ आफ्रिन में स्थित तुर्की की लष्करी कारवाइ का नया पड़ाव शुरू हो जाएगा, ऐसी घोषणा तुर्की के लष्कर ने की है। दौरान, रशिया के साथ तुर्की ने भी सीरिया के ‘ईस्टर्न घौता’ में लागू की गयी संघर्षबंदी का पालन करना चाहिए, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ और यूरोपीय महासंघ ने किया है। लेकिन इस संघर्षबंदी का अपनी मुहीम पर परिणाम नहीं होने वाला है और ‘आफ्रिन’ में कारवाइ जारी रहने वाली है, ऐसा तुर्की ने घोषित किया है।

तुर्की के लष्कर ने सीरिया की उत्तर में स्थित ‘आफ्रिन’ इलाके में शुरू की कारवाइ को छः हफ्ते पूरे हो रहे हैं। ‘आफ्रिन’ में स्थित कुर्दों ने ‘पीपल्स प्रोटेक्शन यूनिट्स’ (वाईपीजी) इस बागी संगठन के खिलाफ तुर्की ने ‘ऑपरेशन ऑलिव्ह ब्रांच’ यह लष्करी मुहीम हाथों में ली है। अब तक तुर्की की लष्कर ने इस संघर्ष में २०५९ आतंकवादियों को खत्म किया है और ११५ मौकों की जगह और ८७ गावों पर कब्ज़ा किया है, ऐसा जाहिर किया है। उसीके साथ ही आफ्रिन के सीमा इलाके पर भी अपने लष्कर ने कब्ज़ा करने का दावा तुर्की ने किया है।

इस कारवाइ के साथ ही ‘आफ्रिन’ की कुर्दों के खिलाफ की मुहीम खत्म नहीं हुयी है और इस कारवाइ को नए पड़ाव पर ले जाने की तुर्की ने घोषणा की है। इसके लिए तुर्की के पुलिस दल के ‘स्पेशल फ़ोर्स’ के जवान सीरिया में दाखिल होने की जानकारी तुर्की की यंत्रणाओं ने  दी है। ‘स्पेशल फ़ोर्स’ की तैनाती नए संघर्ष की तैयारी है। निवासी क्षेत्र की कारवाइ के लिए इन जवानों को तैनात किया गया है।‘, ऐसा तुर्की के उपप्रधानमंत्री बेकिर बोझदाग ने स्पष्ट किया है।

इसके पहले ही सीरिया के ‘आफ्रिन’ इलाके में तुर्की के हजारों सैनिक, टैंक, लष्करी गाड़ियाँ दाखिल हुईं हैं। अपने देश की सुरक्षा के लिए सीरिया के कुर्दों से खतरा होने का आरोप करके तुर्की ने सीरिया में की अपनी इस कारवाइ का समर्थन किया था। साथ ही अमरिका ‘आफ्रिन’ के कुर्दों की मदद न करे, ऐसा आवाहन भी तुर्की ने किया था। सीरिया की इस लष्करी कारवाइ पर चिंता जताकर अमरिका के विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन ने तुर्की का दौरा किया था। सीरियन सरकार की अनुमति के बिना तुर्की के सैनिकों ने ‘आफ्रिन’ में घुसपैठ की है, ऐसा आरोप अस्साद राजवट ने किया है। कुर्दों ने भी सीरियन लष्कर के साथ बातचीत करके तुर्की के लष्कर के खिलाफ संघर्ष छेड़ने की घोषणा की है। इसके बाद सीरियन लष्कर आफ्रिन में दाखिल होने की खबरें भी प्रसिद्ध हुईं थी।

सीरियन लष्कर और कुर्दों के बीच हुई इस बातचीत पर क्रोध व्यक्त करके तुर्की ने ‘आफ्रिन’ में कारवाइ तीव्र करने के आदेश दिए। इस सीरियन लष्कर को रोकने के लिए तुर्की ने सदर इलाके में हवाई हमले शुरू किए थे। इस कारवाइ को कुछ दिन भी पूरे नहीं हुए हैं, ऐसे में तुर्की ने ‘आफ्रिन’ में स्पेशल फ़ोर्स के जवान तैनात करने की बात सामने आयी है।

तुर्की सीरिया के आफ्रिन में लष्करी कारवाइ तीव्र करने की तैयारी में है, ऐसे में ‘ईस्टर्न घौता’ में संघर्षबंदी लागू की गई है। ‘ईस्टर्न घौता’ के ३० दिनों की संघर्षबंदी का आदर करके तुर्की आफ्रिन की कारवाइ रोके, ऐसा आवाहन संयुक्त राष्ट्रसंघ और यूरोपीय महासंघ ने किया है। लेकिन तुर्की ने ‘ईस्टर्न घौत़ा’ के संघर्षबंदी के नियम ‘आफ्रिन’ के लिए नहीं लगाए जा सकते , ऐसा कहकर कुर्दों के खिलाफ कारवाइ जारी रहने वाली है, ऐसा कहा है।

दौरान, सीरिया के संघर्ष में शामिल हुआ तुर्की रशिया के हाथ की कठपुतली बनने की टीका अमरिका के ‘सेन्ट्रल कमांड’ (सेंटकॉम) के प्रमुख जनरल वोटल ने किया है। जनरल वोटल की इस टीका पर तुर्की ने प्रतिक्रिया नहीं दी है। लेकिन सीरिया की नीतियों के बारे में अमरिका की चंचल भूमिका तुर्की के साथ सीधा संघर्ष भड़का सकती है, ऐसा इशारा लंडन के एक दैनिक ने दिया है।

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