सीरिया में ‘आयएस’ के चंगुल से ‘रका’ शहर को छुड़ाने के लिए अमरीका पुरस्कृत ‘एसडीएफ’ की मुहिम

दमास्कस/वॉशिंग्टन, दि. ७ (वृत्तसंस्था) – ‘आयएस’ के कब्ज़े में से इराक का ‘मोसूल’ शहर वापस लेने के लिए इराकी सेना और कुर्दवंशीय जवान आगे बढ़ रहे हैं| इसके साथ ही, ‘आयएस’ के क़ब्जे में रहनेवाले सीरिया के ही ‘रका’ शहर को छुड़ाने के लिए अमरीका का समर्थनप्राप्त ‘सीरीयन डेमोक्रॅटीक फ्रंट’ ने (एसडीएफ) मुहिम हाथ में ली है| ‘रका’ को घेरा डालकर इस शहर का क़ब्जा लेने की योजना ‘एसडीएफ’ ने बनायी है| इसके लिए ‘एसडीएफ’ के लगभग ३० हज़ार जवानों को अमरीका की वायुसेना मदद करनेवाली है| लेकिन यह संघर्ष आसान नहीं होगा, ऐसा अमरीका के रक्षा मंत्री ‘ऍश्टन कार्टर’ ने ज़ोर देकर बताया है|

‘रका’रविवार को ‘एसडीएफ’ के प्रवक्ता ने सीरिया के ‘रका’ शहर ‘आयएस’ के चंगुल से छुड़ाने के लिए मुहिम चलाने का ऐलान किया| ‘एसडीएफ’ में ख़ास तौर पर कुर्दवंशिय तथा अरबों को शामिल किया गया है| सीरियन सरकार के खिलाफ खड़े रहने वाले इस शस्त्रधारी गुट को अमरीका ने समर्थन दिया है| अमरीका के लड़ाकू विमान इस मुहिम में ‘एसडीएफ’ की सहायता करनेवाले हैं| सबसे पहले इस शहर को घेरा ड़ालकर ‘आयएस’ की नाकाबंदी करना और इसके बाद इस शहर पर कब्जा करना, ऐसी हमारी योजना है, ऐसी जानकारी ‘एसडीएफ’ के प्रवक्ता ने दी| ‘रका’ की ओर जा रहे लगभग ३० हज़ार जवानों ने ‘आयएस’ के साथ दो हाथ करने की जोरशोर से तैयारी की है| बहुत जल्द ही यह शहर हमारे कब्ज़े में होगा, ऐसा विश्‍वास ये जवान ज़ाहिर कर रहे हैं|

‘रका’इसी दौरान, ‘एसडीएफ’ ने रका को आज़ाद कराने के लिए संघर्ष छेड़ने की तैयारियाँ करने के बाद, अमरीकी रक्षा मंत्री कार्टर ने इसका स्वागत किया है| लेकिन यह संघर्ष आसान नहीं होगा, इसकी याद अमरीका के रक्षा मंत्री कार्टर ने करायी है| ‘मोसूल’ की तरह यहाँ का संघर्ष भी ज़्यादा चुनौतियों से भरा होगा| लेकिन ‘आयएस’ को खत्म करने के लिए यह संघर्ष ज़रूरी है, ऐसा कहकर, इसके लिए अमरीका हर संभव सहायता करने के लिए तैयार है, इसका यक़ीन भी अमरीकी रक्षामंत्री ने दिलाया| अमरीका द्वारा ‘एसडीएफ’ को दी जानेवाली इस सहायता पर तुर्की से तीखी प्रतिक्रिया आने की संभावना है|

‘रका’‘एसडीएफ’ में ‘वायपीजी’ इस कुर्दवंशीय, हथियारों से लैस टुकड़ी के जवानों का बड़े पैमाने पर समावेश है|  ‘वायपीजे’ की ताक़त यह ‘एसडीएफ’ की रीढ़ है, ऐसा दावा करनेवालीं ख़बरें प्रकाशित हो रही हैं| लेकिन इराक और सीरिया समेत, तुर्की के कुर्दवंशियों की बड़ी तादाद रहनेवाला प्रांत अलग करके, स्वतंत्र कुर्दीस्थान का निर्माण करने की माँग को मंज़ुरी देने के लिए तुर्की राज़ी नहीं है| इतना ही नहीं, बल्कि सीरिया के ‘आयएस’ विरोधी संघर्ष में कुर्दवंशीयों का शामिल होना तुर्की को मंज़ूर नहीं है| इस वजह से तुर्की के अमरीका के साथ मतभेद हुए थे| अपनी इस भूमिका पर किसी भी प्रकार का समझौता करने के लिए तुर्की ने साफ इन्कार किया था|

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