सीरियन लष्कर ने ईस्टर्न घौता में किए हमले में ५० की मौत – संयुक्त राष्ट्रसंघ ने मानवी सहायता रोकी

बैरूत/जीनिव्हा: संयुक्त राष्ट्रसंघ ने घोषित की संघर्षबंदी के बाद भी सीरियन लष्कर ने ‘ईस्टर्न घौता’ में किए हमले में ५० लोगों की मौत हुई है। इस हमले के बाद ‘ईस्टर्न घौता’ के संघर्षग्रस्तों को सहायता देने के लिए पहुंची संयुक्त राष्ट्रसंघ की गाड़ियाँ इस जगह से वापस लौट गईं हैं। ईस्टर्न घौता में चार लाख नागरिक फंसे हैं और सीरियन लष्कर के हमले की वजह से इन नागरिकों को संयुक्त राष्ट्रसंघ की तरफ से की जाने वाली भोजन और अन्य जीवनावश्यक चीजों की आपूर्ति रुक गई है। इस वजह से सीरियन लष्कर के इस हमले के परिणाम अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर दिखाई दे सकते हैं।

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सोमवार की सीरियन लष्कर ने ‘ईस्टर्न घौता’ के दमा इलाके में किए हमले में ५० नागरिकों की जान गई है। इसमें तीन बच्चों का समावेश है और १९० लोग जख्मी हुए हैं। पिछले दो हफ़्तों से ‘ईस्टर्न घौता’ में चल रहे संघर्ष में मारे जाने वालों की संख्या ७४० तक पहुंची है। इसके लिए सीरिया की अस्साद राजवट के साथ साथ रशिया भी जिम्मेदार होने का आरोप अमरिका कर रहा है।

सीरिया की राजधानी दमास्कस के पास स्थित ‘ईस्टर्न घौता’ यह बागियों का नया केंद्र बन गया है, ऐसा आरोप करके सीरियन लष्कर यहाँ पर हवाई हमले कर रहा है। रशिया सीरियन राजवट को समर्थन दे रहा है। संयुक्त राष्ट्रसंघ, अमरिका और मित्रदेश ईस्टर्न घौता में फंसे चार लाख नागरिकों को भयानक परिस्थिति का सामना करना पड़ रहा है, ऐसा कह रहे हैं। यह नागरिक भोजन और जीवनावश्यक चीजों के लिए तड़प रहे हैं, ऐसा दावा संयुक्त राष्ट्रसंघ ने किया था। इसके बाद राष्ट्रसंघ के ट्रक्स मानवतावादी सहायता लेकर इस जगह के लिए रवाना हुए थे। लेकिन सीरियन लष्कर के हमले की वजह से यह सहायता रुक गई है। इसके गंभीर परिणाम अंतर्राष्ट्रीय स्तरपर दिखाई देने की संभावना है और अमरिका और मित्रदेश इस मामले में सीरियन राजवट पर टीका किए बिना चुप नहीं बैठेंगे, ऐसे आसार दिखाई दे रहे हैं।

 

तुर्की के ‘आफ्रिन’ हमले में ईरान समर्थक ४८ जवानों की मौतसीरिया की उत्तर में स्थित ‘आफ्रिन’ इलाके में तुर्की ने कुर्दों के खिलाफ पुकारे संघर्ष में सोमवार को ४८ लोगों की मौत हुई है। कुर्दों के निवेदन के बाद ‘आफ्रिन’ की सुरक्षा के लिए तुर्की विरोधी संघर्ष में उतरे सीरिया के अस्साद और ईरान समर्थक समूह के जवानों की तुर्की के हमले में मौत होने का दावा किया जा रहा है।

सोमवार को तुर्की के लष्कर ने ‘आफ्रिन’ के ‘बेचेत इब्दो’ इस इलाके में जोरदार हमले किए। इस हमले में ‘सीरियन पीपल्स फोर्सेस’ इस ईरान समर्थक समूह के जवान मारे जाने की जानकारी एक अधिकारी ने दी है। दौरान, तुर्की के इन हमलों की वजह से अमरिका ने सीरिया में शुरू की ‘आयएस’ विरोध कार्रवाई धुंधली होने का दावा किया जा रहा है।

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