खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता के लिए कतार में हुई तुर्की की सेना तैनाती ज़िम्मेदार – ‘यूएई’ के विदेशमंत्री का आरोप

लंदन – कतार में तुर्की ने की हुई सेना तैनाती ही खाड़ी क्षेत्र की अस्थिरता का एक कारण हैं। तुर्की की इस सेना तैनाती से इस क्षेत्र में नकारात्मकता में बढ़ोतरी होने का आरोप ‘यूएई’ के विदेशंमत्री अन्वर गरगाश ने किया। बीते सप्ताह में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन ने कतार की यात्रा की थी। इस दौरान एर्दोगन ने कतार में सेना तैनाती बढ़ाने के संकेत दिए थे। इस पृष्ठभूमि पर ‘यूएई’ यह प्रतिक्रिया दर्ज़ करता दिख रहा हैं।

Turkey-UAEबीते सप्ताह में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने कतार एवं कुवैत जैसें खाड़ी क्षेत्र के दो देशों की यात्रा की थी। इनमें से कतार की यात्रा में तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष ने कतार के राष्ट्रप्रमुख आमिर शेख तमीम बिन हमाद अल थानी से भेंट करके तुर्की की सेना तैनाती के मुद्दे पर चर्चा की थी। कतार में तुर्की की हुई सेना तैनाती खाड़ी क्षेत्र की स्थिरता के लिए आवश्‍यक होने का बयान एर्दोगन ने एक कतारी समाचार चैनल को दिए साक्षात्कार के दौरान किया था। कतार की राजधानी दोहा में स्थित लष्करी अड्डे पर तुर्की के पांच हज़ार सैनिक तैनात हैं। इसके अलावा तुर्की अब कतार को युद्धपोत भी प्रदान कर रहा हैं। एर्दोगन की इस कतार यात्रा पर यूएई ने आपत्ति जताई हैं।

‘अरब देशों में तुर्की ने की हुई यह सेना तैनाती इस क्षेत्र की अस्थिरता, संकट बढ़ानेवाली हैं और इस वजह से अरब देशों का ध्रुवीकरण हुआ हैं। अरब देशों में सेना तैनाती करते समय तुर्की ने इस क्षेत्र के दशों की संप्रभुता का विचार नही किया और यहां की जनता के हितसंबंधों की भी फिक्र नही की’, यह आलोचना विदेशमंत्री गरगाश ने की। साथ ही तुर्की की इस सेना तैनाती की वजह से खाड़ी देशों में अस्थिरता बढ़ने का आरोप भी ‘यूएई’ के विदेशमंत्री ने किया हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.