ईरान की आक्रामक नीतियों की वजह से ही अरबों को इस्रायल से सहयोग करना पड़ा – ‘यूएई’ के विदेशमंत्री अन्वर गरगाश

दुबई – इस्रायल और ‘संयुक्त अरब अमीरात’ (यूएई) के सहयोग पर ईरान से प्राप्त हुई प्रतिक्रिया काफी ड़रावनी है। इस्रायल से सहयोग करने के लिए ‘यूएई’ मजबूर हुआ भी नहीं होता। लेकिन बीते तीन दशकों से ईरान ने अपनाई आक्रामक नीतियों के कारण ही अरब देश नए नज़रिए से इस्रायल के साथ सहयोग करने के लिए मजबूर हुए, ऐसा बयान करके यूएई के विदेशमंत्री अन्वर गरगाश ने जोरदार तमाचा जड़ा। तभी, इस्रायल भी अरब देशों के इस सहयोग की ओर व्यवराहिक नहीं, बल्कि नीति के नज़रिए से देखे, यह बात गरगाश ने सुचित की है। गरगाश ने इससे पहले भी ईरान के बढ़ रहे खतरों की वजह से इस्रायल और अरब देशों में सहयोग स्थापित होने का बयान किया था।

israel-uaeईरान के राष्ट्राध्यक्ष हसन रोहानी ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में किए अपने भाषण में इस्रायल और अरब देशों के बीच हुए सहयोग पर आलोचना की थी। इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करके यूएई और बहरीन ने पैलेस्टिनी नागरिकों की पीठ में खंजर घोंपा है, ऐसी आलोचना ईरान ने की थी। साथ ही इस सहयोग के लिए यूएई और बहरीन को जल्द ही गंभीर परीणाम भुगतने पडेंगे, यह धमकी भी ईरान ने दी थी। ईरान की इस धमकी पर यूएई के विदेशमंत्री गरगाश ने प्रत्युत्तर दिया। ईरान और ईरान से जुड़े गुटों की गतिविधियों की वजह से खाड़ी क्षेत्र की सुरक्षा पर परिणाम हो रहा है, ऐसी आलोचना भी यूएई के विदेशमंत्री ने की। पर्शियन खाड़ी में ईरान की गश्‍तीपोतों की जारी खतरनाक गतिविधियां और साथ ही इराक, सीरिया, लेबनान और येमन स्थित ईरान से जुड़े गुटों की हरकतों को विदेशमंत्री गरगाश ने लक्ष्य किया।

इसके अलावा इस्रायल ने यूएई और बहरीन के साथ स्थापित किए सहयोग की ओर नीति के नज़रिए से देखे तो इस सहयोग के लिए नए दरवाज़े खुलेंगे। लेकिन, यदि इस्रायल थोड़े समय के लिए यह सहयोग बढ़ाता है तो अरब देशों को उचित संदेश नहीं मिलेगा, ऐसा सूचक बयान विदेशमंत्री गरगाश ने किया। इस्रायल लंबे समय का विचार करके इस सहयोग के अवसर की ओर देखे, ऐसी सलाह भी गरगाश ने दी। तभी, इस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यूएई का दायरा भी बढ़ेगा, यह विश्‍वास भी गरगाश ने व्यक्त किया। यूएई ने इस्रायल के साथ किए इस समझौते का विश्‍व के हर कोने में स्वागत हुआ और अमरीका के साथ यूरोप, रशिया, भारत, चीन समेत एशिया और अफ्रिकी देशों ने भी इस सहयोग का समर्थन किया है, यह बयान गरगाश ने किया। लेकिन, खाड़ी क्षेत्र में ही इस सहयोग पर ‘ध्रूवीकरण’ की आलोचना की।

israel-uaeइस्रायल के साथ सहयोग स्थापित करने से स्वतंत्र पैलेस्टिन का मुद्दा कहीं भी पीछड़ा नहीं है। बल्कि इसके आगे पैलेस्टिन के मुद्दे पर इस्रायल के साथ सीधी चर्चा करने में आसानी होगी, यह बात गरगाश ने कही। इस्रायल के साथ किए इस समझौते पर तुर्की ने दर्ज़ की हुई प्रतिक्रिया यानी सिर्फ ढ़ोंग होने की आलोचना गरगाश ने की। पैलेस्टिनी नागरिकों के अधिकारों पर चिल्ला रहे तुर्की के इस्रायल के साथ बीते कई वर्षों से व्यापारी सहयोग जारी होने की बात भी गरगाश ने रेखांकित की। तुर्की और इस्रायल के बीच सालाना तीन अरब डॉलर्स का व्यापार हो रहा है और तुर्की में इस्रायल का दूतावास भी होने की बात कहकर गरगाश ने तुर्की के दोगलेपन पर जोरदार प्रहार किया।

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