आतंकी गुटों से जुड़े ७७१ के खिलाफ तुर्की की कार्रवाई – अमरिकी गुट एवं पाकिस्तानी नागरिकों का भी समावेश

अंकारा – तुर्की ने आतंकी गुटों के संपर्क वाले एवं उन्हें आर्थिक सहायता करने में जुटे ७७१ लोगों के बैंक खाते कुर्क किए हैं। तुर्की के कोषागार और वित्त मंत्रालय ने इस कार्रवाई को अंजाम दिया। इनमें अमरिकी संस्था के साथ तुर्की को अपना सबसे करीबी मित्रदेश कहनेवाले पाकिस्तानी नागरिकों का भी समावेश है। तुर्की की यंत्रणाओं ने ही यह जानकारी सार्वजनिक की है।

terror-organisations-action-turkeyतुर्की के वित्तमंत्री नुरेद्दीन नेबाती और अंदरुनि सुरक्षामंत्री सुलेमान सोयलू ने ७७१ लोगों पर कार्रवाई करने के आदेश दिए। इनमें राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन की हुकूमत के खिलाफ विद्रोह करनेवाले ‘गुलेन मुवमेंट’ का हिस्सा रहें ४५४ लोगों का समावेश है। वर्ष २०१६ में अमरीका स्थित फैतुल्ला गुलेन नामक धार्मिक नेता ने एर्दोगन हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह किया था। इस विद्रोह में शामिल लोगों को आर्थिक एवं अन्य सहायता प्रदान कर रहे ४५४ समर्थकों पर तुर्की ने यह कार्रवाई की।

अमरीका स्थित ‘नायगारा फाऊंडेशन’ नामक गुट की सपत्ति भी कुर्क की गई है। यह संस्था गुलेन गुट से संबंधित होने का दावा किया जा रहा है। इसके अलावा तुर्की ने आतंकी घोषित की हुई कुर्दों की ‘पीकेके’ संगठन के ११९ सदस्यों के खाते कुर्क किए गए हैं। अल कायदा, अल-नुस्र, आईएस जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठन के साथ ही ईरान से जुड़े हिज़बुल्लाह संगठन के सदस्यों का भी कार्रवाई किए गए लोगों की सूचि में समावेश है। आतंकवाद का समर्थन करनेवाले लोगों में पाकिस्तानी नागरिकों का भी समावेश होने की जानकारी सामने आ रही है।

एर्दोगन सरकार की इस भूमिका का पाकिस्तान में स्थित चरमपंथी गुट आश्‍चर्य व्यक्त कर रहे हैं। तुर्की बीते कुछ दिनों से पाकिस्तान विरोधी नीति अपना रहा है, ऐसी आलोचना यह चरमपंथी कर रहे हैं। पिछले हफ्ते में ही तुर्की ने भारत को ड्रोन्स प्रदान करने की तैयारी करने की खबरें प्राप्त हुईं थी। साथ ही अंतरराष्ट्रीय बैठक में कश्‍मीर का मुद्दा उठाकर पाकिस्तान का समर्थन करनेवाला तुर्की अब पूरी तरह से बदल गया है, ऐसे दावे पाकिस्तान के विश्‍लेषक कर रहे हैं। तुर्की की इस्रायल संबंधी भूमिका भी बदली-बदली दिखाई दे रही है।

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