कजाकिस्तान में हुई हिंसा के पीछे तुर्की का हाथ – दंगे भड़काने वाले गुनाहगारों के प्रमुख ने कबूल किया

kazakh-violence-turkey-1नूर, सुल्तान – पिछले हफ्ते कजाकिस्तान में हिंसा करके तख्ता लपटने की साज़िश में तुर्की का हाथ होने की जानकारी सामने आ रही है। हम कजाकिस्तान के अपराधिक जगत के नेता अरमान डिके तुर्की के विदेशमंत्री मेवलूत कावुसोग्लू के संपर्क में थे, यह बात कबूल की है। कजाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणाओं ने पिछले हफ्ते ही अरमान को हिरासत मे लिया था। इस वजह से तुर्की को झटका लगा है और रशिया के संबंधों पर भी इसका असर पडेगा, यह दावा किया जा रहा है।

कजाकिस्तान में पिछले हफ्ते राष्ट्राध्यक्ष कैसिम-जोमार्ट तोकायेव के खिलाफ भड़काए गए दंगों में १६४ लोग मारे गए और हज़ारों घायल हुए। विदेशी आतंकियों ने कजाकिस्तान में अराजकता फैलाकर तख्ता पलटने की साज़िश रचि थी, यह आरोप राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने लगाया था। इसके बाद रशिया प्रणित ‘कलेक्टिव सिक्युरिटी ट्रीटि ऑर्गनाइजेशन’ (सीएसटीओ) नामक पूर्व सोवियत देशों की सेना की सहायता से कजाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने इस हिंसा को काबू किया।

पूरे हफ्ते चली हिंसा के बाद कजाकिस्तान की स्थिति अब सामान्य हो रही है। साथ ही इस हिंसा के लिए ज़िम्मेदार लोगों को गिरफ्तार करके उन्हें सहायता प्रदान कर रहे विदेशी हस्तकों के नाम भी कजाकिस्तान की सरकार सार्वजनिक कर रही है। इस मामले में पिछले हफ्ते ७ जनवरी के दिन कजकिस्तान के अपराधिक जगत के नेता अरमान डिके को हिरासत में लिया गया। उसकी पूछताछ करने पर तुर्की के मौजूदा विदेशमंत्री मेवलूत कावुसोग्लू के साथ अरमान की किरबियाँ स्पष्ट हुई हैं।

अरमान और कावुसोग्लू का फोटो खाड़ी के माध्यमों में प्रसिद्ध हुआ है। साथ ही तुर्की के माफिया डॉन सेदात पेकेर, अल्लातीन काकिची के साथ होनेवाले सहयोग की बात भी अरमान ने कबूली है। इनमें से पेकेर तुर्की के नेताओं के साथ नशीले पदार्थों की तस्करी, पैसों का कदाचार, देह व्यापार और हथियारों की तस्करी में शामिल होने की बात पहले ही स्पष्ट हुई थी। इस वजह से कजाकिस्तान की हिंसा के पीछे तुर्की का बड़ा हाथ होने का दावा किया जा रहा है।

kazakh-violence-turkey-2तुर्की के साथ ही अफ़गानिस्तान और पाकिस्तान में स्थित चरमपंथी गुट भी इस हिंसा को भड़काने के पीछे होने का बयान कजाकिस्तान के सुरक्षा यंत्रणाओं ने किया था। ‘यूरेशियन’ यंत्रणा भी कजाकिस्तान की हिंसा में तुर्की के चरमपंथियों के समावेश के संकेत दे रही है। इस घटना की गहराई से पूछताछ जारी है और जल्द ही अधिक जानकारी सामने आएगी, ऐसा कहा जा रहा है।

कुछ दिन पहले कजाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने भी ‘सीएसटीओ’ की बैठक में अपने देश की अराजकता में मध्य एशियाई, खाड़ी एवं अफ़गानिस्तान का संबंध होने का आरोप लगाया था। जल्द ही इसके सबूत विश्‍व के सामने लाने का ऐलान राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने किया था। रशिया के राष्ट्राध्यक्ष व्लादिमीर पुतिन ने भी कजाकिस्तान एवं पूर्व सोवियत देशों की सरकारों का तख्ता पलटने की कोशिश सफल नहीं होने देंगे, यह ऐलान किया था।

कजाकिस्तान के पूर्व राष्ट्राध्यक्ष नूर सुल्तान नज़रबायेव के साथ तुर्की का सहयोग जारी था। तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप एर्दोगन ने नूर सुल्तान के सहयोग से तुर्की भाषिक देशों का प्रभावी गुट बनाने की गतिविधियाँ बढ़ाईं थी। इसमें पूर्व सोवियत देशों का समावेश होने से रशिया नाराज़ हुई थी। लेकिन, नूर सुल्तान के बाद कजाकिस्तान के राष्ट्राध्यक्ष बने तोकायेव ने तुर्की से अधिक रशिया के संबंधों को अहमियत दी।

इसी बीच, देश की हिंसा में शामिल होने के आरोपों से राष्ट्राध्यक्ष तोकायेव ने पिछले हफ्ते ही आतंकवाद विरोधी दल के पूर्व प्रमुख मासिमोव को देशद्रोह के अपराध के तहत गिरफ्तार किया था। इसके साथ ही पूर्व राष्ट्राध्यक्ष नूर सुल्तान को राष्ट्रीय सुरक्षा समिती के अध्यक्षपद से हटाया गया। ऐसी स्थिति में अरमान के कबूलनामे से तुर्की को जोरदार झटका लगा है और इस कारण कजाकिस्तान-रशिया से तुर्की के संबंध बिगड़ने की बड़ी संभावना सामने आ रही है।

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