अमरिका के साथ व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर चीन के वित्त व्यवस्था को मंदी का झटका

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बीजिंग – अमरिका के साथ व्यापार युद्ध में चीन को सबसे अधिक झटका लगने के बारे में होनेवाले दावे वास्तव में उतरते दिखाई दे रहे हैं। अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष डोनाल्ड ट्रम्प ने शुरू किये व्यापारी युद्ध की वजह से चीन की वित्त व्यवस्था को मंदी का जबरदस्त झटका लग रहा है। चीन के यंत्रणा ने दिए जानकारी के अनुसार सन २०१८ वर्ष के तीसरे तिमाही में चीन के वित्त व्यवस्था की गति ६.५ प्रतिशत तक नीचे आ गई है और यह २००९ वर्ष के बाद न्यूनतम स्तर माना जा रहा है।

चीन के नेशनल स्टैटिसटिक्स ब्यूरो ने शुक्रवार को देश के वित्त व्यवस्था के बारे में आंकड़े घोषित किए हैं। उसके अनुसार जुलाई से सितंबर इन ३ महीनों के कार्यकाल में चीन के वित्त व्यवस्था का विकास दर केवल ६.५ दर्ज हुआ हैं। अमरिका के साथ व्यापार युद्ध शुरू होने के बाद लगातार दूसरे तिमाही में चीन के आर्थिक दर में गिरावट दर्ज हुई थी। इससे पहले अप्रैल से जून महीने के तिमाही में चीन के आर्थिक विकास दर ६.७ प्रतिशत तक नीचे आया था। आर्थिक विकास दर में गिरावट के साथ औद्योगिक उत्पादन में भी गिरावट दर्ज हुई थी।

अमरिका ने चीन के लगभग २५० डॉलर्स से अधिक मूल्य के आयात पर कर जारी किए हैं। इस कार्रवाई पर चीन ने जरुरी प्रतिक्रिया नहीं दी तो चीन से आयात होने वाले सभी ५०० अरब डॉलर के आयात पर कर जारी करने के संकेत अमरीकी राष्ट्राध्यक्ष ने दिए हैं। अमरिका की कार्रवाई को चीन ने प्रत्युत्तर दिया है। फिर भी उससे अमरीकी वित्त व्यवस्था पर बहुत बड़ा परिणाम नहीं हुआ है। इसके विपरीत अमरिका के करो की वजह से चीन के व्यवस्था को झटके लगते दिखाई दे रहे हैं और नए आंकड़े सामने आने के बाद उस बात को समर्थन मिल रहा है।

पिछले कई महीनों में अमरिकी नेताओं से लगातार हम व्यापार युद्ध जीतेंगे, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने अमरिका के पास व्यापार युद्ध तीव्र करने के लिए अनेक विकल्प होने की बात कहकर व्यापार युद्ध अमरिका ही जीतेगा, ऐसा कहा था। तथा अमरिका के विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने पिछले महीने में अमरिका व्यापार युद्ध जीतेगा ऐसी गवाही दी थी। इससे पहले व्यापार मंत्री विल्बर रौस ने अमरिका चीन व्यापार युद्ध में चीन के बुलेट खत्म होने का दावा किया था।

अमरिका से किए जानेवाले दावे वास्तव में होने की बात चीन के आंकड़ों से स्पष्ट हो रही है। दूसरी तरफ चीन से व्यापार युद्ध से जुजने के लिए गतिविधियां शुरू हुई है। पिछले हफ्ते में चीन के केंद्रीय बैंक ने देश के बैंकिंग क्षेत्र को ११० अरब डॉलर्स की अतिरिक्त वित्तीय सहायता उपलब्ध करने का निर्णय लिया था। उस समय दूसरी तरफ भारत जापान यूरोपीय महासंघ जैसे व्यापारिक साझेदार देशों के साथ व्यापार बढ़ाने के लिए चीन ने कदम उठाए हैं।

अमरिका चीन के साथ व्यापार युद्ध जिस तरह तीव्र करेगा, उस प्रमाण में चीन को लगनेवाला झटका अधिक से अधिक बड़ा होता जाएगा, ऐसी चेतावनी अमरिका के अग्रणी की वित्त संस्था जेपी मॉर्गन चेस ने अपनी रिपोर्ट में दी थी।

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