अमरिका के साथ शुरू व्यापार युद्ध की पृष्ठभूमि पर – चीन ने सोने की खरीद बढाई सोने का भंडार १,८७४ टनों पर

Third World Warबीजिंग: अर्थव्यवस्था को एक के पीछे एक लगने वाले झटके और अमरिका के साथ व्यापार युद्ध की अनिश्चितता की पृष्ठभूमि पर चीन ने सोने की खरीदारी में वृद्धि शुरू करने का खुलासा हुआ हैं| चीन के सेंट्रल बैंक ने लगातार तीसरे महीने में सोने की खरीदारी करते हुए देश के सोने का अधिकृत रिजर्व भंडार १,८७४ टनों पर जाने की बात स्पष्ट हुई हैं| अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोने के दर प्रति औंस १३०० डॉलर्स से अधिक होते हुए, चीन से लगातार होनेवाली यह खरीदारी महत्वपूर्ण साबित होती हैं|

चीन की सेंट्रल बैंक ‘पीपल्स बैंक ऑफ चायना’ ने फरवरी महीने में १० टन सोने की खरीदारी करने की जानकारी दी थी| उससे पहले चीन के सेंट्रल बैंक ने जनवरी २०१९ में लगभग ११.८ टन और दिसंबर २०१८ में १० टन सोने की खरीदारी की थी| लगातार तीन महीनों में ३२ टन सोने खरीदारी की है और पिछले ढाई साल में चीन ने की यह सोने की सबसे अधिक खरीदारी मानी जा रही हैं| इस अवधि से पहले नवंबर २०१६ से दिसंबर २०१८ तक के दो सालों में चीन ने सोने के भंडारों के विषय में किसी भी प्रकार की अधिकृत जानकारी घोषित नहीं की थीं|

अमरिका, शुरू, व्यापार युद्ध, पृष्ठभूमि, चीन, सोने, खरीद बढाई, भंडार, १,८७४ टनोंविश्व के अन्य देश सोने की खरीदारी में वृद्धि करते हुए चीन ने बनाए रखें मौन पर अनेकों ने संदेह व्यक्त किया था| कुछ विशेषज्ञों ने अन्य देशों की तुलना में चीन भारीमात्रा में खरीदारी करते हुए उसके मार्ग अलग होने से चीन की खरीदारी खुले तौर पर विश्व के सामने नहीं आने के दावे भी किए थे| चीन से जानकारी सामने नहीं आते हुए भी यह देश सोने का उत्पादन, मांग और व्यापार इन तीनों क्षेत्रों में विश्व में अग्रणी पर पहुँच गया था| साथ ही स्वतंत्र ‘गोल्ड एक्सेंज’ भी शुरू किया था| कुछ संकेतस्थल ने चीन के पास सोने के भंडार ८ से १० हजार टनों के आसपास हो सकते हैं, ऐसी भी संभावना व्यक्त की हैं|

चीन के पास सोने के बढ़ते भंडार अमरिका तथा अमरिकी डॉलर को चुनौती देने की परियोजना का भाग होने का भी बताया जाता हैं| इस परियोजना पर चीन तथा रशिया एकत्रित रूप से काम करते हुए रशिया ने भी अपने पास के सोने के भंडार दो हजार टन तक बढाए हैं| विश्व के उच्चतम वित्त संस्थाओं ने आनेवाले सालभर में सोने के दर प्रति औंस १५०० डॉलर्स तक जाने की आशंका व्यक्त की हैं|

यूरोप में ब्रेक्जिट के कारण निर्माण हुई अनिश्चितता, खाड़ी क्षेत्र में ईरान के परमाणु कार्यक्रम की पृष्ठभूमि से बना तनाव, जागतिक अर्थव्यवस्था पर बना मंदी का साया इन कारणों से सोने के दामों में बडा उछाल होने की संभावना हैं| इसीलिए रशिया तथा चीन इन दोनों देशों के साथ अन्य कुछ देशों ने भी सोने की तेजी से खरीदारी करने के लिए कदम उठाए दिखाई दे रहे हैं|

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