माँग बढ़ाने के लिए केंद्रीय अर्थमंत्री ने किया हज़ारों करोड़ रुपयों के पैकेज का ऐलान

नई दिल्ली – कोरोना वायरस के संकट काल में माँग में हुई गिरावट को सामने रखकर केंद्रीय अर्थमंत्री निर्मला सीतारामन ने सोमवार के दिन बडा ऐलान किया। केंद्रीय कर्मीयों के लिए ‘लीव ट्रैवल कन्सेशन’ (एलटीसी) के बदले में इस वर्ष उपभोक्ताओं के सामान की खरीद करने के लिए ‘वाउचर’ प्रदान किए जाएंगे। साथ ही ‘फेस्टिवल ऐडवान्स’ के तौर पर सभी केंद्रीय कर्मीयों के लिए दस हज़ार रुपये एडवान्स दिए जाएंगे। इस वजह से देश के करीबन एक करोड़ केंद्रीय कर्मीयों के हाथ में त्यौहारों के दौरान खर्च करने के लिए अतिरिक्त रक्म उपलब्ध होगी। इसके अलावा सरकार ने बुनियादी सुविधाओं के प्रकल्पों के लिए २५ हज़ार करोड़ रुपये अतिरिक्त कैपिटल प्रदान करने का ऐलान किया। इन निर्णयों की वजह से एक लाख करोड़ रुपयों की माँग बढ़ेगी, यह विश्‍वास सरकार ने व्यक्त किया है।

केंद्रीय अर्थमंत्री

सोमवार के दिन केंद्रीय अर्थमंत्री सीतारामन ने एक ओर माँग और दूसरी ओर केंद्र एवं राज्यों के कैपिटल खर्च को बढ़ावा देनवाले निर्णय घोषित किए। इसके अनुसार केंद्रीय कर्मीयों को दशहरा-दिवाली से पहले बड़ी भेंट दी गई है। केंद्र सरकार ने अपने कर्मचारियों को दस हज़ार रुपयों का फेस्टिवल एडवान्स देने का निर्णय भी किया है। यह एडवान्स ब्याज रहित रहेगा और १० महीनों के किश्‍तों में कर्मचारियों को इसका भुगतान करने की सुविधा रहेगी।

इसके अलावा कर्मचारियों को प्रदान किए जा रहे ‘एलटीसी’ की बजाए इस वर्ष कैश वाउचर देने का निर्णय सरकार ने किया है। हर चार वर्ष के बाद केंद्रीय कर्मीयों को अपनी पसंदीदा जगह पर पर्यटन के लिए जाने के लिए ‘एलटीसी’ प्रदान किया जाता है। लेकिन, इस वर्ष कोरोना की वजह से पर्यटन एवं यात्रा करना कठिन है। इसी वजह से यह कैश वाउचर देने का निर्णय किया गया है, ऐसा सीतारामन ने कहा।

यह कैश वाउचर बारा प्रतिशत से अधिक जीएसटी वसुल हो रहे उपभोक्ताओं के लिए आवश्‍यक सामान की खरीद करने के लिए इस्तेमाल करना कर्मीयों को संभव होगा। केंद्रीय कर्मचारी इस वाउचर का इस्तेमाल राशन का सामान खरीदने के लिए नहीं कर सकेंगे। केंद्रीय कर्मीयों के साथ ही सार्वजनिक उपक्रम एवं बैंकों को भी ‘एलटीसी’ के बजाए कैश दिया जाएगा। इन सभी निर्णयों की वजह से एक करोड़ कर्मीयों के हाथ में अतिरिक्त पैसा उपलब्ध होगा और इसे बाज़ार में खरीदने के लिए इस्तेमाल करना मुमकिन होगा। इससे घरेलु सामान, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, वस्त्र, मोबाईल एवं अन्य उपभोग की वस्तुओं की माँग बढ़ेगी, यह उम्मीद जताई जा रही है।

कर्मचारियों को यह वाउचर ३१ मार्च, २०२१ तक इस्तेमाल करना होगा इस वजह से इस समय में ३६ हज़ार करोड़ रुपयों की माँग बढ़ेगी, यह दावा किया जा रहा है। राज्यों ने भी यही निर्णय किया तो माँग में अधिक बढ़ोतरी हो सकेगी, यह विश्‍वास व्यक्त किया जा रहा है। इसके अलावा केंद्रीय अर्थमंत्री सीतारामन ने राज्यों को १२ हज़ार करोड़ रुपयों का बिना ब्याज कर्ज देने का ऐलान भी किया। यह कर्ज कैपिटल खर्च के लिए ५० वर्ष के समय के लिए दिया जाएगा।

इस बिना ब्याज कर्ज का पहला हिस्सा २५०० करोड़ रुपयों का होगा। इनमें से १,६०० करोड़ रुपयें ईशान कोण राज्यों को दिए जाएंगे। वहीं शेष ९०० करोड़ रुपये उत्तराखंड़ और हिमाचल प्रदेश को समान मात्रा में प्रदान होंगे। तो दूसरे स्तर में अन्य राज्यों को सात हज़ार करोड़ रुपये कर्ज वितरित किया जाएगा। लेकिन, इस कर्ज के लिए केंद्र सरकार ने राज्यों के सामने एक शर्त रखी है और इसके तहत इस कर्ज की राशी ३१ मार्च, २०२१ तक खर्च करनी होगी। इससे राज्यों पर बुनियादी सुविधाओं पर खर्च करने के लिए दबाव बढ़ेगा।

इसके अलावा २५ हज़ार करोड़ रुपये रास्तों का निर्माण, रक्षा क्षेत्र की बुनियादी सुविधाएं, शहर विकास के लिए खर्च होंगे। अर्थसंकल्प में इसके लिए ४ लाख करोड़ रुपयों का प्रावधान है और इसके अलावा अतिरिक्त प्रावधान किए जाने की बात कही जा रही है। सोमवार के दिन केंद्रीयमंत्री सीतारामन ने घोषित किया हुआ कुल पैकेज ७३ हज़ार करोड़ रुपयों का है। इसकी वजह से देश में कुल १ लाख करोड़ रुपयों की माँग बढ़ेगी, यह उम्मीद है। प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐलान का स्वागत किया है और उचित समय पर यह ऐलान होने की बात भी उन्होंने कही है। साथ ही इन निर्णयों की वजह से अर्थव्यवस्था में तेज़ी आएगी, यह विश्‍वास भी उन्होंने जताया।

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