केंद्रीय वित्तमंत्री द्वारा २० लाख करोड़ के पॅकेज के दूसरे चरण की घोषणा

नई दिल्ली, (वृत्तसंस्था) – प्रधानमंत्री ने घोषित किये २० लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पॅकेज में से लगभग छ: लाख करोड़ के पॅकेज का विवरण बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारामन ने घोषित किये थे। गुरुवार को इसी आर्थिक पॅकेज में से मज़दूरों, क़िसानों के लिए किये आर्थिक प्रावधानों की जानकारी वित्तमंत्री सीतारामन ने दी। उसके अनुसार किसानों को कृषिकर्ज़ा मिलें, इसलिए नाबार्ड के ज़रिये ग्रामीण बँकों को ३० हज़ार करोड़ रुपये उपलब्ध करा दिये जानेवाले हैं। उसी प्रकार, और और दो महीने स्थलांतरित मज़दूरों को विनामूल्य अनाज दिया जायेगा। मच्छिमार और पशुसंवर्धन करनेवाले क़िसानों को भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना का लाभ दिलाया जायेगा। मनरेगा के तहत चलनेवाले कामों की मज़दूरी में बढ़ोतरी करने का महत्त्वपूर्ण निर्णय सीतारामन ने घोषित किया।

‘आत्मनिर्भर भारत अभियान’ के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को २० लाख करोड़ रुपयों के पॅकेज की घोषणा करते समय, देश के सभी प्रकार के उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए यह पॅकेज है, ऐसा कहा था। उसी प्रकार, कुटिर, सूक्ष्म, लघु और मध्यम (एमएसएमई) उद्योगों के साथ क़िसान, मज़दूर और ईमानदारी से करों का भुगतान करनेवाले मध्यमवर्ग के लिए यह पॅकेज है, ऐसा प्रधानमंत्री ने कहा था। बुधवार को केंद्रीय वित्तमंत्री सीतारामन ने, एमएसएमई और कुटिर उद्योगों को सामने रखकर बनायीं योजनाएँ घोषित कीं थीं। गुरुवार को मज़दूर, क़िसान, गरीब, फ़ेरीवालें इनकी दृष्टि से कुछ महत्त्वपूर्ण निर्णय केंद्रीय वित्तमंत्री ने घोषित किये।

फिलहाल लॉकडाऊन के कारण हज़ारों मज़दूर हाठ में काम ना होने के कारण गाँव लौट रहे हैं। इन मज़दूरों के स्थानीय स्तर पर ही ‘महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना’ (मनरेगा) के तहत काम उपलब्ध करा दिया जा रहा है। इन स्थलांतरित मज़दूरों का मनरेगा अंतर्गत पंजीकरण किया जा रहा है। मनरेगा अंतर्गत पंजीकरण हुए और काम मिले हुए मज़दूरों की संख्या में गत वर्ष की तुलना में ५० प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है। बुधवार तक २.३३ करोड़ मज़दूरों को मनरेगा अंतर्गत काम मिला होने की जानकारी वित्तमंत्री सीतारामन ने दी। इस काम की दैनंदिन मज़दूरी २०२ रुपयों तक बढ़ा दी जा रही है, ऐसा सीतारामन ने घोषित किया। इसका फ़ायदा करोड़ों मज़दूरों को मिलेगा।

साथ ही, स्थलांतरित मज़दूरों को अगले दो महीनों तक पाँच किलो गेहू अथवा चावल और एक किलो दाल इतना अनाज़ विनामूल्य दिया जानेवाला है। रेशनकार्ड ना होनेवाले परिवार भी इसका लाभ उठा सकेंगे। लगभग आठ करोड़ मज़दूरों को इसका फ़ायदा होनेवाला होकर, इसके लिए केंद्र सरकार ३५०० करोड़ रुपये खर्च करनेवाली है, ऐसा भी सीतारामन ने स्पष्ट किया। लेकिन इन योजनाओं पर राज्य अमल करनेवाले हैं।

किसानों को कृषि कर्ज़ा उपलब्ध कराने के लिए नाबार्ड के ज़रिये ग्रामीण बँकों को ३० हजार करोड़ उपलब्ध करा दिये जानेवाले हैं। इसका फ़ायदा तीन करोड़ किसानों को होगा, ऐसा सीतारामन ने कहा। किसान और ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज़े का वितरण किया जानेवाला है। १ मार्च से अप्रैल के अन्त तक ८६ हज़ार ६०० करोड़ रुपयों के कृषि कर्ज़े का वितरण हुआ होने की जानकारी सीतारामन ने दी।

इसके अलावा कृषि कर्ज़ा चुकता करने जी तारीख तारीख भी बढ़ा दी गयी है। ‘किसान क्रेडिट कार्ड योजना’ के तहत नया किसान कार्ड जारी किया गया होकर, उसपर कर्ज़मर्यादा २५ हज़ार रुपये की गयी है। मच्छीमार और पशुसंवर्धन करनेवाले किसानों का भी किसान क्रेडिट कार्ड योजना के तहत समावेश किया गया है। इस कारण उन्हें भी रियायती दरों में कर्ज़ मिल सकता है। रियायती दरों में दोन लाख करोड़ के कर्ज़े दिये जायेंगे, ऐसा सीतारामन ने कहा। छोटे किसानों के लिए कर्ज़े के ब्याज़ पर छूट देने की योजना ३१ मई तक चालू रखी जानेवाली है, ऐसा भी उन्हों ने स्पष्ट किया।

फेरीवालों के कर्ज़े के लिए पाँच हज़ार करोड़ रुपयों का प्रावधान किया गया है। यह योजना सरकार एक महीने बाद लागू करेगी। इस योजना के ज़रिये फेरीवालों को १० हज़ार रुपयों तक का वर्किंग कैपिटल दिया जायेगा। साथ ही, यदि वे डिझिटल पेमेंट की सुविधा का स्वीकार करते हैं, तो उन्हें इनाम दिया जानेवाला है, ऐसा भी सीतारामन ने घोषित किया।

उसी प्रकार स्थलांतरित मज़दूरों को और शहर में बसे ग़रीबों को सस्ते दामों में किराये का घर दिलाने की योजना ‘प्रधानमंत्री आवास योजना’ के तहत बनायी गयी है। उद्योजक यदि अपने ज़मीन पर ऐसे घर बनाते हैं, तो उन्हें कुछ छूट दी जायेगी। छ: से १८ लाख तक वार्षिक आय होनेवाले मध्यमवर्गीयों के लिए सन २०१७ में घोषित की गयी ‘हाऊसिंग लोन सबसिडी योजना’ ३१ मार्च २०२१ तक बढ़ा दी गयी है। इससे गृहनिर्माण क्षेत्र में तेज़ी आयेगी। गृहनिर्माण सामग्री, फ़ौलाद इनकी माँग बढ़ने के कारण रोज़गारनिर्माण को बढ़ावा मिलेगा, ऐसा विश्वास सीतारामन ने ज़ाहिर किया। इसके लिए ७० हज़ार करोड़ रुपयों का पॅकेज घोषित किया गया है।

साथ ही, मुद्रा लोन अंतर्गत कर्ज़ा लिये हुए छोटे व्यवसायिकों को भी वित्तमंत्री सीतारामन ने राहत दिलायी। मुद्रा शिशु लोन के तहत ५० हज़ार तक का कर्ज़ा लेनेवाले छोटे ब्यापारियों को, तीन महीने तक मासिक किश्त ना देने की छूट दी गयी थी। इसके बाद यह मासिक किश्त समय पर अदा करनेवालों को ब्याज़ पर दो प्रतिशत की छूट दी जानेवाली है। इससे तीन करोड़ व्यवसायिकों को २ प्रतिशत सस्ते ब्याज़दर से कर्ज़े का लाभ मिल सकेगा, ऐसी जानकारी सीतारामन ने दी।

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