तुर्की-सीरिया भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर दोगुनी होने की संभावना – संयुक्त राष्ट्र संघ की चिंतावनी

अंकारा/दमास्कस – तुर्की-सीरिया को ७.८ रिश्टर स्केल तीव्रता के भीषण भूकंपने दहलाने से वहां पर हुई तबाही में २६ हज़ार से भी अधिक लोगों की मौत होने का दावा किया जा रहा हैं। लेकिन, अभी भी काफी मलबा हटाने का काम अभी बादी है। इस वजह से इस भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर दोगुनी होगी, ऐसा ड़र संयुक्त राष्ट्र संघ के आपाद विभाग से जुडे संचालक मार्टिन ग्रिफिथ्स ने जताई। इसी बीच सोमवार को महसूस हुए बड़े झटके के बाद तुर्की को १,८०० से अधिक झटके लगे। इससे २७ हज़ार से अधिक इमारतें, घर, कारखाने गिरने का दावा किया जा रहा है। 

तुर्की-सीरियाइस दशक के सबसे बड़े भूकंप का मुकाबला कर रहे तुर्की और सीरिया की सहायता के लिए एक सौ से भी अधिक देश आगे आए हैं। दोनों देशों में भूकंप पीड़ितों के लिए भारी मात्रा में वैद्यकीय एवं अन्न सहायता मुहैया करायी जा रही हैं। तुर्की के पश्चिमी ओर स्थित ग्रीस और पूर्व के अर्मेनिया ने पिछले कई सालों का बैर भूलकर भूकंप पीड़ितों की सहायता के लिए अपनी सीमा खुली की है। ऐसे में अमरीका ने भी अस्थायी रूप से सीरिया पर लगाए प्रतिबंध हटाकर भूकंप पीड़ितों के लिए सहायता घोषित की है।

शनिवार को तुर्की की सरकारी वृत्तसंस्था ने सोशल मीडिया पर साझा की हुई जानकारी के अनुसार इस प्रलयंकारी भूकप में मरने वालों की संख्या करीबन २२ हज़ार हुई है। सीरिया में इस भूकंप से पांच हज़ार लोग मारे गए हैं। पांच दिन के राहत कार्य के बाद कुछ ठिकानों पर मलबे के नीचे से छोटे बच्चे, महिलाओं समेत घायलों को बचाने मे सफलता हासिल होने की खबरे प्राप्त हो रही हैं। राहत दल एवं वैद्यकीय दलों की इस मेहनत की दुनिया भर में सराहना हो रही है। लेकिन, हज़ारो इमारतों के मलबे का पहाड़ अभी भी वैसे ही खड़ा हैं। इसे हटाने के बाद मरने वालों का आंकड़ा दोगुना या उससे अधिक हो जाएगा, ऐसी चिंता ग्रिफिथ्स ने जताई है।

साथ ही मृतकों की जानकारी ठिक से दर्ज़ नहीं हुई है, ऐसा ग्रिफिथ्स ने कहा। तुर्की-सीरिया में शुरू राहत कार्य कब रोकना हैं, यह अभी कहना मुमकिन नहीं। क्यों कि, अगले कुछ महीनों तक यह राहतकार्य शुरू रहेगा, ऐसा दावा ग्रिफिथ्स ने किया। राष्ट्र संघ तुर्की में तीन महीने राहत कार्य जारी रखेगा। सीरिया में सरकार एवं विद्रोहियों के नियंत्रण वाले क्षेत्र में भूकंप के झटके महसूस होने के कारण वहां पर राहत कार्य कठिन होगा, ऐसा ग्रिफिथ्स ने कहा। 

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.