इराक और सिरिया में लष्करी कार्रवाई तीव्र करने का तुर्की का फ़ैसला – तुर्की की संसद की मंजुरी

Turkey-military-actionअंकारा – जल्द ही सिरिया और इराक में सेना की घुसपैंठ करवाकर लष्करी कार्रवाई तीव्र करने की घोषणा तुर्की के राष्ट्राध्यक्ष रेसेप तय्यीप एर्दोगन ने की थी। मंगलवार को तुर्की की संसद ने एर्दोगन के इस फैसले को मंजुरी दी। इससे अगले दो साल एर्दोगन सिरिया और इराक में हमले करवा सकते हैं। लेकिन ऐसी कार्रवाई की आवश्यकता ही क्या है, ऐसा सवाल तुर्की की प्रमुख विरोधी पार्टी पूछ रही है।

सन २०१३ से तुर्की ने आईएस विरोधी कार्रवाई का बहाना बनाकर अपने पड़ोसी देशों में लष्कर की घुसपैंठ कराई है। सिरिया में तुर्की के लष्कर ने अड्डे बनाए होकर, इराक में तुर्की ने हवाई हमले किए थे। हर साल सिरिया और इराक में की इस सेनातैनाती को तुर्की की संसद द्वारा सालभर की अवधि बढ़ा दी जाती है। लेकिन इस बार तुर्की की संसद ने, दो सालों के लिए तुर्की का लष्कर सिरिया-इराक में तैनात होगा ऐसा घोषित किया।

Turkey-parliamentइस फैसले के कारण तुर्की का लष्कर ३० अक्तूबर २०२१ से ३० अक्तूबर २०२३ तक सिरिया और इराक में तैनात होगा। पिछले कुछ सालों से तुर्की की एर्दोगन सरकार सिरिया-इराक में की इस सेनातैनाती का इस्तेमाल कुर्द बागियों के खिलाफ कर रही है। तुर्की ने पड़ोसी देशों में होने वाले कुर्द गुटों को आतंकवादी संगठन घोषित किया है। लेकिन अमरीका, रशिया तथा युरोपीय देश तुर्की की इस कार्रवाई के विरोध में हैं।

राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन की सत्ताधारी ‘जस्टिस अँड डेव्हलपमेंट पार्टी-एके पार्टी’ ने संसद में होनेवाले अपने बहुमत का इस्तेमाल करके यह मंजुरी हासिल की, ऐसा दावा किया जाता है। लेकिन तुर्की की प्रमुख विरोधी पार्टी ‘रिपब्लिकन पिपल्स पार्टी-सीएचपी’ ने एर्दोगन के इरादों पर शक ज़ाहिर किया। दो सालों के लिए पड़ोसी देशों में सेनातैनाती की ज़रूरत ही क्या है? इस सवाल का एर्दोगन संतोषजनक उत्तर नहीं दे रहे हैं, ऐसा सीएचपी के नेताओं का कहना है।

केवल तुर्की की विरोधी पार्टी ही नहीं, बल्कि युरोपीय महासंघ भी राष्ट्राध्यक्ष एर्दोगन पर नाराज़ है। सिरिया और ख़ासकर लिबिया में तुर्की ने अपनाई लष्करी भूमिका महासंघ की नीतियों के विरोध में होने की आलोचना युरोपियन कमिशन ने की। इससे पहले भी सिरिया और इराक में तुर्की ने की लष्करी कार्रवाई की युरोपीय देशों के साथ रशिया ने भी आलोचना की थी। 

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