चीन और रशिया के विरोध के बावजूद अमरीका द्वारा दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनाती की घोषणा

वॉशिंग्टन/सेऊल/बीजिंग, दि. ८ (वृत्तसंस्था) – चीन और रशिया के विरोध की परवाह न करते हुए, अमरीका ने वर्ष के अंत तक दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनात करने की घोषणा की| बॅलेस्टिक प्रक्षेपास्त्रों को भेदने की क्षमता ‘थाड’ इस अतिप्रगत प्रक्षेपास्त्रभेदी प्रणाली में है|

Korea-us-thaad- ‘थाड’ऐसी लगभग छ: ‘थाड’ प्रणालियाँ दक्षिण कोरिया में तैनात की जायेंगी, ऐसी जानकारी पेंटॅगॉन ने दी| उत्तर कोरिया से दक्षिण कोरिया की रक्षा करने के लिए यह फैसला लेना पड़ा, ऐसा स्पष्टीकरण अमरीका दे रही है| लेकिन अमरीका की यह तैनाती उत्तर कोरिया के खिलाफ नहीं, बल्कि हमारे खिलाफ है, ऐसा चीन का कहना है|

पिछले कुछ दिनों से अमरीका और दक्षिण कोरिया में प्रक्षेपास्त्रभेदी प्रणाली की तैनाती के विषय पर चर्चा शुरू है| इस विषय में महत्वपूर्ण निर्णय किया गया होने की घोषणा शुक्रवार को दक्षिण कोरिया के उपरक्षामंत्री ‘यू जे-सूंग’ ने की| दक्षिण कोरिया अमरीका की ‘थाड’ प्रणाली तुरन्त तैनात करनेवाला है, ऐसी जानकारी सूंग ने दी| इस क्षेत्र में उत्तर कोरिया का ख़तरा बढ़ रहा है, यह बताते हुए, आनेवाले छ: महीनों में ही छ: ‘थाड’ प्रणालियाँ तैनात की जाएँगी, ऐसा स्पष्ट किया गया| इस समय, दक्षिण कोरिया में तैनात अमरिकी सेना के प्रमुख लेफ्टनंट जनरल थॉमस वँडल भी उपस्थित थे|

‘थाड’ यह प्रणाली दक्षिण कोरिया में कहाँ तैनात करनी है, इसपर सूंग और वँडल में चर्चा हुई| इस समय, अमरीका के गुआम द्वीप पर तैनात ‘थाड’ प्रणाली को दक्षिण कोरिया में तुरन्त तैनात करने पर विचार शुरू है| वहीं, आनेवाले सप्ताह में बची हुई पाँच ‘थाड’ प्रक्षेपास्त्रभेदी प्रणालियाँ दक्षिण कोरिया में दाखिल होंगी| इस वर्ष के अंत तक यह तैनाती पूरी करते हुए अगले वर्ष तक इन सभी प्रणालियों को परिचालन करने पर अमरीका और दक्षिण कोरिया में एकमत हो चुका है|

‘थाड’ के एक युनिट में, ट्रक पर छ: लाँचर्स लदे हुए होते हैं| इस एक लाँचर के लिए कुल ४९ इंटरसेप्टर्स प्रक्षेपास्त्र होते है| इसके अलावा ‘फायर कंट्रोल अँड कम्युनिकेशन युनिट’ और रडार प्रणाली भी होती है| इस तरह से छ: प्रणालियों के लगभग ३०० प्रक्षेपास्त्र उत्तर कोरिया की तरफ निशाना लगाए हुए होंगे| दक्षिण कोरिया में तैनात होनेवाली ‘थाड’ प्रणाली यह उत्तर कोरिया के प्रक्षेपास्त्रों का विरोध करेगी| इसलिए इस क्षेत्र के अन्य किसी राष्ट्र को इस प्रणाली से ड़रने की आवश्यकता नहीं है, ऐसा दावा अमरीका ने किया है|

इस वर्ष की शुरुआत में, उत्तर कोरिया द्वारा हायड्रोजन बम का परीक्षण किया गया था| उसके बाद उत्तर कोरिया ने अधिक संख्या में प्रक्षेपास्त्रों का परीक्षण किया| इनमें से कुछ प्रक्षेपास्त्र जापान की तरफ भी मुड़े थे| इसीके बाद दक्षिण कोरिया में ‘थाड’ तैनात करने की घोषणा कर दी गई| दो साल पहले अमरीका ने, दक्षिण कोरिया को ‘न्यूक्लिअर अम्ब्रेला’ का सदस्य बनाने का प्रस्ताव दिया था| लेकिन उस वक्त दक्षिण कोरिया ने इस प्रस्ताव को नज़रअंदाज़ किया था| लेकिन हाल ही में उत्तर कोरिया द्वारा किए गए प्रक्षेपास्त्रों के परीक्षणों के बाद ही दक्षिण कोरिया ने थाड की तैनाती को स्वीकारा|

इसी दौरान, अमरीका और दक्षिण कोरिया में हुए इस समझौते पर चीन और रशिया ने आपत्ति जताई है| ‘कोरियन द्वीप को परमाणुमुक्त करने का उद्दिष्ट ‘थाड’ की तैनाती से पूरा नहीं हो सकता| बल्कि इस तैनाती से, इस क्षेत्र की शांति और स्थिरता खतरे में पड़ सकती है| इसलिए अमरीका और दक्षिण कोरिया को अपने फैसले पर फिर से गंभीरतापूर्वक सोचने की आवश्यकता है’ ऐसा चीन ने कहा|

वहीं, ‘अमरीका के प्रक्षेपास्त्र की तैनाती से इस क्षेत्र की सुरक्षा ख़तरे में पड़ सकती है| जिसके भीषण परिणाम हो सकते हों, ऐसी कोई भी कारवाई अमरीका ना करें’ ऐसा आवाहन रशिया के विदेश मंत्रालय ने किया है|

Leave a Reply

Your email address will not be published.