आतंकवाद और चरमपंथ से मानव अधिकारों को सबसे अधिक खतरा – कश्मीरी पंडितों की संगठन ने अमरिकी संसदीय समिती को डटकर सुनाया

वॉशिंगटन – जम्मू-कश्मीर में आज जो स्थिति बनी है उसे सीमा के उस पार पाकिस्तान से निर्यात हो रहा आतंकवाद ही जिम्मेदार है’, यह एहसास विदेश में बसें कश्मीरी पंडितों की संगठन ने बडी तीव्रता से कराया है| अमरिकी संसद की समिती के सामने बोलते समय कश्मीर पंडितों की इस संगठन ने पाकिस्तान के आतंकवाद की ओर नजरअंदाजी होने की फटकार लगाई है| जम्मू-कश्मीर की जनता के मानव अधिकारों के विषय में बोलते समय आतंकवाद से ही मानव अधिकारों को सबसे अधिक खतरा है, यह ध्यान में ले, यह बात कहकर इस संगठन ने अमरिका की संसदीय समिती को फटकार लगाई|

पिछले कुछ दिनों से अमरिकी कांग्रेस की मानव अधिकार समिती के सामने जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर सुनवाई हो रही है| इस समिती में डेमोक्रैट पक्ष के सदस्यों की मौजूदगी है और इसका स्वरूप भारत के विरोध में ही होने की बात स्पष्ट तौर पर दिख रही है| इस समिती की सुनवाई में भारत का पक्ष रखनेवालों को प्रभावी स्थान नही है, यह आलोचना होने पर कश्मीर पंडितों की प्रतिनिधित्व करने के लिए सुनंदा वशिष्ठ को आमंत्रित किया गया| मात्र, एक दिन पहले उन्हें इस सुनवाई की जानकारी दी गई| पर, सुनंदा वशिष्ठ ने कश्मीर पंडितों पर हुए अन्याय के मामले सामने रखकर पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद का पर्दाफाश किया|

आयएसजैसी आतंकी संगठनों की क्रूरता पश्‍चिमी देशों ने देखी है| पर, जम्मू-कश्मीर में इसी तरह की क्रूरता से कश्मीरी पंडित बली हुए है| इस अमानवीय क्रूरता के कारण कई लोगों को अपना घर छोडना पडा है, यह कहकर सुनंदा वशिष्ठ ने इस मामले के कुछ गंभीर उदाहरण इस समिती के सामने रखे| इस वजह से बेचैन हुए कुछ भारतविरोधी सुनंदा के भाषण में अडंगा बनाने की काफी कोशिश कर रहे थे| पर, इसपर ध्यान दिए बिना सुनंदा वशिष्ठ ने कश्मीरी पंडितों के साथ भारत का पक्ष काफी प्रभावी तरीके से रखा|

सुनंदा वशिष्ठ के इस भाषण की काफी बडी गुंज सुनाई दे रही है और भारतीय लोगों ने उनका यह भाषण काफी उठाया दिख रहा है| इसके बाद कश्मीरी ओव्हरसीज् असोसिएशन’ (केओए) ने भी इस समिती के सामने अपना पक्ष रखा| अमरिकी संसद के मानव अधिकार समिती के सामने बोलते समय मानव अधिकारों को सबसे अधिक खतरा आतंकवाद एवं धार्मिक चरमपंथ से ही होता है, इस बात पर केओएके अध्यक्ष ध्यान आकर्षित किया| साथ ही अमरिकी संसद की यह समिती पाकिस्तान पुरस्कृत आतंकवाद की ओर अनदेखा करके जम्मू-कश्मीर की स्थिति की ओर पक्षपाती नजरिए से देख रही है, यह आरोप भी केओएने रखा है|

संयुक्त राष्ट्रसंघ ने आतंकी करार किए १३० दहशतगर्द और २५ आतंकी संगठन जम्मू-कश्मीर में सक्रिय है और उन्हें पाकिस्तान से ही नियंत्रित किया जा रहा है| अबतक आतंकवाद ने जम्मू-कश्मीर में करीबन ४२ हजार लोगों की बलि ली है, इसकी याद भी केओएने कराई| इस ओर जरूरी ध्यान दिए बिना मानव अधिकारों के मुद्दे पर भारत को लक्ष्य करना बिल्कुल गलत साबित होता है, यह दावा केओएने किया है|

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