सलाहुद्दीन मामले में अमरीका का निर्णय अन्यायकारक- पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय का इल्जाम

इस्लामाबाद: अमरीका ने ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ को आतंकवादियों की काली सूचि में डालने के बाद पाकिस्तान ने इस पर तीव्र दुःख प्रकट किया है। अमरीका ने लिया हुआ यह फैसला अन्यायकारक है, ऐसा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नफीस झकारिया ने कहा है। पिछले ७० सालों से कश्मीरी जनता कर रही संघर्ष की तरफ और कश्मीरी जनता के साथ खड़े होने वाले सलाउद्दीन की तरफ अमरीका ने नजरअंदाज किया है, ऐसी टीका झकारिया ने की है। साथ ही भारत जम्मू कश्मीर में बल का अमानुष इस्तेमाल कर रहा है ऐसा आरोप भी झकारिया ने लगाया है।

काली सूचि में डालने के बाद

बुधवार को अमरीका ने ‘हिजबुल मुजाहिद्दीन’ को विशेष आतंकवादी संगठनों की काली सूचि में डालने की घोषणा की। इस आतंकवादी संगठन का प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन को दो महीने पहले अमरीका ने अन्तर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया था। पिछले कुछ महीनों से अमरीका ने पाकिस्तान में स्थित आतंकवादी संगठन और आतंकवादी नेताओं के खिलाफ कठोर भूमिका ली है, यह दोनों कार्रवाईयां अमरीका पाकिस्तान के मामले में आक्रामक नीति अपना ने के स्पष्ट संकेत देती हैं। इसके साथ ही अमरीका के मौजूदा और भूतपूर्व लश्करी अधिकारी और विश्लेषक पाकिस्तान अभी भी आतंकवादियों का समर्थन करता है, ऐसा कहते हैं।

इसके साथ ही अमरीका के हितसंबंधों के लिए खतरनाक आतंकवादियों पर पाकिस्तान कठोर कार्रवाई करे, ऐसी माँग अमरीका और भी आक्रामक तरीके से कर रही है। इसके साथ साथ अमरीका ने सलाहुद्दीन और हिजबुल मुजाहिद्दीन पर कार्रवाई की है। इसपर पाकिस्तान की ओर से अपेक्षित प्रतिक्रिया आयी है और हिजबुल मुजाहिद्दीन यह कश्मीरी जनता के लिए लड़ने वाला संगठन है, ऐसा दावा पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने किया है। साथ ही सय्यद सलाहुद्दीन यह कश्मीरी जनता के लिए आवाज उठाने वाला नेता है, ऐसा पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय का कहना है।

सदर निर्णय लेकर अमरीका ने कश्मीरी जनता पिछले ७० सालों से कर रही लड़ाई को नजरअंदाज किया है, ऐसा पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने दुःख व्यक्त किया है। लेकिन कश्मीरी जनता की स्वयंनिर्णय के लिए लड़ाई आने वाले समय में भी जारी रहेगी, ऐसा कहकर झकारिया ने पाकिस्तान कश्मीरी जनता को इस लड़ाई में नैतिक, राजनितिक समर्थन देता रहेगा, ऐसा दावा किया है। साथ ही भारत जम्मू-कश्मीर की जनता के खिलाफ बल का अतिरेकी इस्तेमाल कर रहा है, ऐसा कहकर झकारिया ने उसपर आक्षेप लिया है।

पिछले कुछ हफ़्तों से जम्मू-कश्मीर के आतंकवादियों के खिलाफ भारतीय सुरक्षा दलों ने आक्रामक मुहीम हाथों में ली है, इससे हिजबुल मुजाहिद्दीन और लश्कर-ए-तोयबा जैसी आतंकवादी संगठनों की कमर टूट गई है।

इस साल में अब तक सौ से भी अधिक आतंकवादी और उनके नेताओं को ख़त्म करने में सुरक्षा दलों को सफलता मिली है और अगर इसी तेजी से कार्रवाई जारी रही, तो आने वाले कुछ महीनों में इस राज्य के आतंकवादी संगठन पूरी तरह से प्रभावहीन हो जाएंगी, ऐसा दावा किया जा रहा है। इस वजह से जम्मू-कश्मीर के पाकिस्तानी समर्थक और फितूर अस्वस्थ बन गए हैं और उन्होंने भारत पर झूठे इल्जाम लगाना शुरू किया है। पाकिस्तान ने भी भारतीय सुरक्षा दलों की यह आतंकवादी विरोधी कार्रवाई मतलब कश्मीरी जनता पर अत्याचार है, ऐसा अपप्रचार शुरू किया है। पाकिस्तान के वर्तमान विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने हिजबुल मुजाहिद्दीन का आतंकवादी बुरहान वाणी ख़त्म होने की वजह से कश्मीरियों की लड़ाई की धार और भी तेज हुई है, ऐसा चेतावनी देने वाला विधान किया है। लेकिन पाकिस्तान के इस अपप्रचार की हवा निकल गई है, अमरीका ने हिजबुल मुजाहिद्दीन और सय्यद सलाहुद्दीन को आतंकवादी घोषित करके पाकिस्तान की बोलती बंद की है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.