इस्रायल, दक्षिण कोरिया के बीच प्रौद्योगिकी और रक्षा विषयक सहयोग

सेउल/जेरूसलम – इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन ने दक्षिण कोरिया का दौरा किया। इस दौरे में दोनों देशों के बीच प्रौद्योगिकी और रक्षा संबंधित सहयोग का समझौता किया गया। साथ ही दक्षिण कोरिया को उत्तर कोरिया से और इस्रायल को ईरान के परमाणु कार्यक्रम से खतरा होने के मुद्दे पर विदेश मंत्री कोहेन ने ध्यान आकर्षित किया। इस बीच, इस्रायल और दक्षिण कोरिया के इस सहयोग में यूएई भी शामिल होने की जानकारी सामने आ रही है। 

प्रौद्योगिकी और रक्षादो दिन पहले इस्रायल के विदेश मंत्री एली कोहेन पूर्व एशियाई देशों के दौरे पर थे। इनमें से कोहेन ने दक्षिण कोरिया का किया दौरा बड़ी अहमियत रखता है। इस्रायल और दक्षिण कोरिया की सुरक्षा को परमाणु देशों से खतरा होने की बात विदेश मंत्री कोहेन ने कोरियन विदेश मंत्री पार्क जिन से हुई मुलाकात के दौरान स्पष्ट की। ‘परमाणु अस्त्र धारी उत्तर कोरिया के अनुभव से विश्व सिख प्राप्त करे और ईरान का परमाणु कार्यक्रम अभी रोक दे’, ऐसा आवाहन कोहेन ने किया। साथ ही सुरक्षा के मोर्चे पर दक्षिण कोरिया के साथ सहयोग स्थापित होने की जानकारी इस्रायली विदेश मंत्रालय ने साझा की।

कोहेन ने दक्षिण कोरियाई विदेश मंत्री से हुई चर्चा में ‘जॉईंट टेक्नॉलॉजीकल ॲण्ड सिक्योरिटी डेवलपमेंटस्‌’ का मुद्दा शामिल था। दोनों देशों के बीच व्यापारी सहयोग बढ़ाने पर भी इस दौरान चर्चा हुई। पिछले वर्ष दिसंबर महीने में इस्रायल और दक्षिण कोरिया ने मुक्त व्यापारी समझौता किया था। इसके बाद अब तक द्विपक्षीय व्यापार में २० प्रतिशत बढ़ोतरी होने का दावा इस्रायल कर रहा है। कुछ दिन पहले इस्रायल स्थित दक्षिण कोरिया के दूतावास में इस विषय पर सेमिनार का आयोजन किया गया था।

इसके साथ ही दोनों देशों के विदेश मंत्री की प्रौद्योगिकी और व्यापार के मोर्चे पर सहयोग बढ़ाने पर सहमति भी हुई। दक्षिण कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्री ली चैंग-यांग के साथ हुई मुलाकात में इस्रायल के विदेश मंत्री ने बायोहेल्थ, रोबोटिक्स और स्मार्ट मोबिलीटी क्षेत्र का सहयोग बढ़ाने के लिए समझौता किया। इस्रायल और दक्षिण कोरिया के इस सहयोग में यूएई का भी निवेश होगा। इस्रायल, यूएई और दक्षिण कोरिया ऐसा त्रिपक्षीय सहयोग विकसित करने का प्रस्ताव पहले भी सामने आया था। इस्रायली विदेश मंत्री के दक्षिण कोरिया दौरे की वजह से यह सहयोग वास्तव में उतर रहा है, ऐसा दावा किया जा रहा है।

परमाणु अस्त्र धारी उत्तर कोरिया और ईरान का छुपा सहयोग होने के आरोप पहले भी लगे थे। इस पृष्ठभूमि पर उत्तर कोरिया और ईरान के गठबंधन के खिलाफ दक्षिण कोरिया और इस्रायल का सहयोग अहम साबित हो सकता है। दोनों देश सैन्यकी प्रौद्योगिकी क्षेत्र में बढ़त बनाए हैं। साथ ही उत्तर कोरिया और ईरान इन देशों के पीछे खड़ा चीन का समर्थन भी दक्षिण कोरिया और इस्रायल के सामने खड़ा बड़ा खतरा होने की बात स्पष्ट हो रही है। ऐसी स्थिति में दक्षिण कोरिया और इस्रायल का रक्षा सहयोग रणनीतिक अहमियत प्राप्त कर रहा हैं।

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