अल कायदा पर कार्रवाई करने से तालिबान ने अमरीका से किया इन्कार यानी युद्ध का ऐलान – अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम

al-qaeeda-taliban-us-war-1वॉशिंग्टन – अल कायदा के आतंकियों पर कार्रवाई करने के लिए तालिबान ने अमरीका की सहायता करने से इन्कार किया है। तालिबान का यह इन्कार यानी युद्ध का ही ऐलान है’, ऐसा इशारा अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने दिया। तो अल कायदा का प्रमुख अयमन अल जवाहिरी फिलहाल अफ़गानिस्तान में होने का दावा अमरीका के पूर्व विशेषदूत ज़ल्मे खलिलज़ाद ने किया है। साथ ही अफ़गानिस्तान में हमले करने के लिए पाकिस्तान ने अमरीका को अपनी हवाई सीमा का इस्तेमाल करने देने की तैयारी की खबरें भी प्राप्त हो रही हैं। इस वजह से अफ़गानिस्तान में अमरीका की ‘एक्शन’ दिखाई देगी, ऐसे संकेत प्राप्त हो रहे हैं।

अफ़गानिस्तान तालिबान के हाथों में जाने के बाद इस देश में अल कायदा, आयएस एवं अन्य आतंकी संगठनों का प्रभाव बढ़ने का दावा किया जा रहा है। अमरीका के वरिष्ठ सिनेटर लिंडसे ग्रैहम ने भी शीर्ष समाचार चैनल से बोलते समय तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों से होनेवाले खतरे की ओर ध्यान आकर्षित किया।

al-qaeeda-taliban-us-war-2‘अफ़गानिस्तान बिखर रहा है। अल कायदा तेज़ी से बढ़ रही है। आयएस अधिकाधिक ताकतवर हो रही है। ऐसा होने के बावजूद अमरिकन्स को जान से मारने की कसम खानेवाली अल कायदा के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए तालिबान अमरीका को इन्कार कर रही है। तालिबान की यह हरकत यानी अमरीका के खिलाफ युद्ध का ऐलान करने जितना गंभीर है’, यह इशारा ग्रैहम ने दिया।

‘तालिबान का यह असहयोग अफ़गानिस्तान अब अमरीका की राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा बन रहा है और अफ़गानिस्तान में उचित समय पर कार्रवाई नहीं की गई तो वह धरती पर उभरा सबसे बड़ा मानव निर्मित संकट साबित होगा’, ऐसा कहकर ग्रैहम ने अफ़गानिस्तान में लष्करी कार्रवाई शुरू करने की माँग की। सिनेटर ग्रैहम का यह साक्षात्कार प्रसिद्ध होने से कुछ ही घंटे पहले अमरीका के अफ़गान विषयक पूर्व विशेषदूत ज़ल्मे खलिलज़ाद ने भी अल कायदा से संबंधित बड़ी जानकारी सार्वजनिक की है।

अल कायदा का प्रमुख अयमन अल जवाहिरी अफ़गानिस्तान या पड़ोसी देशों में छुपा होने की कड़ी संभावना खलिलज़ाद ने व्यक्त की है। इससे पहले जवाहिरी जीवित ना होने की खबरों को पाकिस्तानी माध्यमों ने बड़ी अहमियत दी थी। लेकिन, बीते महीने में ९/११ के आतंकी हमले के २० वर्ष पूरे होने के अवसर पर अल कायदा ने जवाहिरी का संदेश जारी किया। ऐसी स्थिति में जवाहिरी अफ़गानिस्तान या पड़ोसी देशों में हो सकता है, यह खलिलज़ाद का दावा बड़ा अहम साबित होता है।

अल कायदा का नेता एवं आयएस के आतंकियों की अफ़गानिस्तान में मौजूदगी इशारे की घंटी होने का दावा अमरिकी नेता, सेना अधिकारी एवं विश्‍लेषक कर रहे हैं। अमरीका की सुरक्षा के लिए अफ़गानिस्तान में स्थित आतंकियो के ठिकानों पर नए से हवाई हमले करने पड़ेंगे, ऐसा सुझाव अमरिकी नेता एवं सामरिक विश्‍लेषक दे रहे हैं। अल कायदा और आयएस इन आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने के लिए अमरीका को अपनी हवाई सीमा का इस्तेमाल करने देने के लिए पाकिस्तान तैयार होने की खबरें प्रसिद्ध हुई हैं। इस वजह से अगले दिनों में अमरीका अफ़गानिस्तान में स्थित अल कायदा और आयएस के आतंकियों पर पाकिस्तान की हवाई सीमा का इस्तेमाल करके हमले करेगी, यह बात सामने आ रही है।

अमरीका ने ऐसे हमले किए तो इसके काफी बड़े परिणाम सामने आ सकते हैं। इन हमलों की वजह से अमरीका और तालिबान का समझौता टूट जाएगा। साथ ही तालिबान अमरीका की सहायता करने पर पाकिस्तान के खिलाफ हमलों के भयंकर सत्र शुरू करेगी। इसी कारण ग्रैहम और खलिलज़ाद के दावों की अहमियत प्रचंड़ मात्रा में बढ़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published.