तैवान के चुनावों में चीनविरोधी पार्टी को बहुमत

चीन के माध्यमों द्वारा ज़ोरदार आलोचना

‘डेमोक्रॅटिक प्रोग्रेसिव्ह पार्टी’

पूरे चीन की आँख़ें जिनपर लगी हुई थीं, उन तैवान के सार्वत्रिक चुनावों में जनतंत्रसमर्थक एवं संपूर्ण स्वतंत्रता की मांग करनेवाली ‘डेमोक्रॅटिक प्रोग्रेसिव्ह पार्टी’ (डीपीपी) ने ज़बरदस्त जीत हासिल की है। इस जीत के कारण ‘त्साई-ईंग-वेन’ ये तैवान की पहली महिला राष्ट्राध्यक्ष बनेंगी। उनकी जीत के कारण, तैवान को अपना ही भूभाग माननेवाले चीन को झटका लगा हुआ दिखायी दे रहा है। लेकिन ‘ईंग-वेन’ की इस जीत के बाद तैवान को आज़ादी मिल जायेगी, इस ग़लतफ़हमी में कोई भी मत रहें, ऐसी चेतावनी चीन के सरकारी माध्यमों ने दी है।

शनिवार के चुनावों में ‘डीपीपी’ की उम्मीदवार ‘ईंग-वेन’ के द्वारा भारी सफलता प्राप्त की जाने के बाद तैवान में दृश्य ही पलट चुका हुआ दिखायी दे रहा है। ‘डीपीपी’ के समर्थकों ने रात को ही सड़कों पर उतरकर जीत का जश्न मनाया। अधिकृत नतीजें घोषित किये जाने के बाद ‘ईंग-वेन’ ने पत्रकार परिषद लेकर, ‘आज़ादी के लिए तैवान का उत्तरदायित्व सबसे महत्त्वपूर्ण होकर, उसके लिए मैं ज़ोरदार प्रयास करूँगी’ ऐसी घोषणा की।

इस दौरान, ‘झिनुआ’ इस चीन के सरकारी मुखपत्र ने ‘ईंग-वेन’ की जीत की आलोचना की। ‘ईंग-वेन’ का चयन होना यानी तैवान के भविष्य में ज़हर घोलने जैसा है, ऐसी आलोचना चिनी सरकारी मुखपत्र ने की है।

चीन तैवान को अपना ही भूभाग मान रहा होकर, ‘आज नहीं तो कल तैवान को चीन में पूर्ण रूप से विलीन होना होगा’ ऐसा चीन का कहना है। लेकिन तैवानी जनता को वह मंज़ूर न होकर, तैवान में आज़ादी के लिए वचनबद्ध रहनेवाली पार्टी को मिली विजय जनता का कौल स्पष्ट कर रही है।

इस पृष्ठभूमि पर, आज़ादी के लिए आक्रामक भूमिका अपनानेवाले तैवान के राष्ट्राध्यक्षपद पर ‘ईंग-वेन’ का हुआ चयन, यह चीन के लिए नयी चुनौती साबित होनेवाला है।

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