चीन के उत्पादनों पर भारत ने लगायी पाबंदी

P---F-India-Ban-China

चीन में से भारत में निर्यात किये जानेवाले दूध, दुग्धजन्य पदार्थ तथा मोबाईल फोन्स पर पाबंदी लगायी गयी होने की जानकारी वाणिज्यमंत्री निर्मला सीतारामन ने दी । उत्पादनों के निकृष्ट दर्ज़े के कारण यह कार्रवाई की गयी, ऐसा सीतारामन ने कहा है । उसी समय, ‘जागतिक व्यापारी परिषद’ के नियमों के अनुसार, किसी देश के सभी उत्पादनों पर एकसाथ पाबंदी नहीं लगायी जा सकती, ऐसा भी सीतारामन ने स्पष्ट किया है । ‘मसूद अझहर’ मामले के कारण भारत एवं चीन के बीच निर्माण हुए तनाव की पार्श्वभूमि पर, भारत ने चिनी उत्पादनों पर लगायी हुई पाबंदियों को बहुत बड़ा राजनीतिक महत्त्व प्राप्त हुआ है ।

निकृष्ट दर्ज़े के इन उत्पादनों पर लगायी गयी पाबंदी, ‘जागतिक व्यापारी परिषद’ के नियमों के अनुसार ही है, ऐसा सीतारामन ने कहा । लेकिन किसी देश से की जानेवाली निर्यात पर, परिषद के नियम के मुताबिक पूरी तरह पाबंदी नहीं लगायी जा सकती, ऐसा भी उन्होंने स्पष्ट किया ।

इससे पहले, पठाणकोट पर हुए आतंकवादी हमले का सूत्रधार रहनेवाले मसूद अझहर पर की प्रस्तावित कार्रवाई, चीन ने संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद में उसे रहनेवाले ‘नकाराधिकार’ (वेटो) का इस्तेमाल कर रोक दी थी । उसपर भारत की ओर से तीव्र प्रतिक्रियाएँ उठीं होकर, चिनी उत्पादनों पर लगायी गयी यह पाबंदी यह भारत की ओर से चीन के ख़िलाफ़ उठी प्रतिक्रिया का ही भाग साबित हो रहा है । इसीलिए इन निर्बंधों को बहुत बड़ा महत्त्व प्राप्त हुआ है।

दो दिन पहले, चीन द्वारा ‘आतंकवादी’ क़रार दिये गए उघूरवंशियों के नेता ‘डोल्कन इसा’ को भारत ने व्हिसा घोषित किया था। उसपर चीन ने तीव्र नाराज़गी प्रदर्शित कर, इसा के ख़िलाफ़ इंटरपोल ने ‘रेड़ कॉर्नर’ नोटिस जारी किया होने की याद भारत को दिला दी थी। उसके बाद भारत ने इसा को व्हिसा नकार दिया। इस संदर्भ में चीन ने भारत से संपर्क करके अपनी चिंता ज़ाहिर की थी, ऐसी जानकारी चिनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने दी। ‘चीन के दबाव में आकर भारत को अपना फ़ैसला बदलना पड़ा’ ऐसे संकेत देने की कोशिश चुनयिंग ने की है। उसी समय, इस मामले में चीन की भारत के साथ चर्चा शुरू है, यह बात भी चुनयिंग ने स्पष्ट की।

डोल्कन इसा को व्हिसा नकारने के पीछे का कारण तांत्रिक (टेक्निकल) था, ऐसा खुलासा भारत के गृहमंत्रालय के सूत्रों ने किया था। ‘लेकिन भविष्य में इसा को व्हिसा देने के बारे में भारत विचार कर सकता है’ ऐसा भी गृहमंत्रालय के सूत्रों ने कहा है। इससे यही दिखायी दे रहा है कि भारत ने इस मामले में चीन पर दबाव क़ायम रखा है। दोनों देशों के बीच इस प्रकार राजनैतिक स्तर पर गतिविधियाँ शुरू रहते ही, चीन के सरकारी माध्यमों ने भारत की चीनविषयक नीति पर टिप्पणियाँ शुरू की हुई दिखायी दे रही हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published.