चीन की सेना कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों का ही पालन करें

चीन के राष्ट्राध्यक्ष का सेना अधिकारियों को मशवरा

Xi Jinping

चीन की सेना केवल ‘कम्युनिस्ट पार्टी’ के आदेशों का ही पालन करें, ऐसा आवाहन राष्ट्राध्यक्ष शी जिनपिंग ने किया है। ‘पीपल्स लिबरेशन आर्मी’ के नाम से जानी जानेवाली चीन की सेना का पुनर्गठन करने के बाद अधिकारियों के साथ बातचीत करते समय राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग ने यह आवाहन किया। उसी समय, सेना के अधिकारी राजनीतिक दृष्टि से सतर्क रहें, ऐसा भी जिनपिंग ने कहा है।

गत कई सालों से चीन में हो रहे अंतर्गत सत्तासंघर्ष का परिणाम चीन की सेना पर भी हुआ होने के संकेत मिल रहे हैं। इसीलिए चीन के राष्ट्राध्यक्ष एवं अन्य प्रमुख नेता ‘सेना केवल कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों का ही पालन करें’ ऐसी सूचना बार बार देने लगे हैं। चीन की सेना में फैली गुटबाज़ी के कारण यह आवाहन करने की नौबत चिनी नेताओं पर आयी हुई स्पष्ट रूप से दिखायी देती है।

राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग द्वारा चिनी सेना के चार मुख्यालयों का रूपांतरण अब १५ अलग अलग ‘एजन्सियों’ में किया गया होने की ख़बर चीन की वृत्तसंस्था ‘झिनुआ’ ने दी। यह पुनर्गठन चीन की सेना को अधिक शक्तिशाली बनानेवाला साबित होगा, ऐसा विश्वास जिनपिंग ने सेना अधिकारियों के साथ बातचीत करते हुए व्यक्त किया। साथ ही, चीन के लष्करी अधिकारी आनेवाले समय में राजनीतिक दृष्टि से सतर्क रहें, यह मशवरा भी जिनपिंग ने दिया।

सेना अधिकारी अपना अभ्यास बढ़ायें और युद्ध जीतने पर ध्यान केंद्रित करें, ऐसा भी जिनपिंग ने आगे कहा।

चीन के राष्ट्राध्यक्षपद पर सवार होने के दिन से जिनपिंग लगातार चीन की सेना पर अपनी पकड़ मज़बूत करने की कोशिश में दिखायी दे रहे हैं। भ्रष्ट सेना अधिकारियों पर कार्रवाई, साथ ही सेना के पुनर्गठन का महत्त्वपूर्ण निर्णय लेकर जिनपिंग ने सेना की बागड़ोर अपने हाथ में रखी थी।

चीन में कम्युनिस्ट सरकार होकर, चीन की सेना देश के साथ नहीं, बल्कि कम्युनिस्ट पार्टी के साथ एकनिष्ठ रहती है। इस कारण, चीन की कम्युनिस्ट पार्टी में होनेवाले राजनीतिक मतभेद तथा सत्ताप्रतियोगिता का तीव्र परिणाम चीन की सेना पर पड़ता है। कुछ साल पहले चीन की कम्युनिस्ट पार्टी से बडतर्फ़ किये गए ‘बो झिलाई’ जैसे ताकतवर नेताओं का सेना पर प्रभाव है और इसी प्रभाव को कम करने के प्रयास राष्ट्राध्यक्ष जिनपिंग कर रहे हैं।

फिलहाल तो ऐसा हालाँकि दिखायी दे रहा है कि जिनपिंग के प्रयासों का विरोध नहीं किया जा रहा है, मग़र फिर भी चीन मे सबकुछ ठीकठाक है ऐसा दावा करनेयोग्य हालात नहीं हैं। चीन के ही नेता सेना को, कम्युनिस्ट पार्टी के आदेशों का ही पालन करने का मशवरा बार बार दे रहे हैं, इसका कारण यह भी हो सकता है कि चिनी सेना में भारी मात्रा में असंतोष फैला हो।

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