सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने किया यूएई दौरा

दुबई – सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष बाशर अल अस्साद संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दौरे पर हैं। यूएई के राष्ट्राध्यक्ष शेख मोहम्मद बिन झाएद ने उनका स्वागत किया। सीरियन राष्ट्राध्यक्ष का यह यूएई दौरा अंतरराष्ट्रीय माध्यमों का ध्यान आकर्षित कर रहा है। राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने इससे पहले जनवरी महीने में भी यूएई का दौरा किया था। पहले के समय में अस्साद की हुकूमत और यूएई के बने तनाव पर गौर करें तो दोनों देशों का स्थापित हो रहा यह सहयोग खाड़ी में बदलते गणितों के संकेत देता है।

अस्साद६ फ़रवरी को सीरिया में हुए भूकंप के बाद इस देश की स्थिति काफी खराब हुई हैं और सीरिया काफी बड़े आर्थिक संकट में होने के दावे किए जा रहे हैं। साथी भूकंप की वजह से सीरिया को खाड़ी देशों की सहानुभूति मिलती देखी जा रही हैं। सीरिया में शुरू गृहयुद्ध में राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने मानव अधिकारों का हनन करने का आरोप लगाकर सौदी अरब और यूएई इन देशों ने अस्साद हुकूमत के साथ जारी ताल्लुकात तोड़ दिए थे। लेकिन, पिछले कुछ दिनों से स्थिति बदली है और इस साल के जनवरी महीने में ही अस्साद की हुई यूएई यात्रा से इसके संकेत प्राप्त होने लगे थे।

चीन की मध्यस्थता से सौदी अरब और ईरान के बीच चर्चा शुरू हुई हैं और ईरान का करीबी सहयोग देश रहे सीरिया के राष्ट्राध्यक्ष यूएई का दौरा कर रहे हैं, यह संजोग नहीं है। बल्कि, इससे खाड़ी क्षेत्र में हो रहे बदलाव के संकेत प्राप्त हो रहे हैं, ऐसे दावे माध्यम कर रहे हैं। राष्ट्राध्यक्ष अस्साद ने यूएई पहुंचने से पहले ईरान के पूर्व रक्षा मंत्री और ईरान की मौजुदा सिक्युरिटी काउन्सिल के सेक्रेटरी अली शामखानी ने भी यूएई का दौरा किया था। इस बीच उनकी यूएई के राष्ट्राध्यक्ष अल नाह्यान से मुलाकात हुई थी।

इस्रायल के साथ अब्राहम समझौता करके इस देश को स्वीकृति प्रदान करने में यूएई का भी समावेश है। इससे ईरान ने यूएई को धमकाया था। ऐसे में दोनों देशों के ताल्लुकात काफी बिगड़े और इसका असर भी दिखाई देने लगा था। लेकिन, सौदी और ईरान की चर्चा शुरू होने के बाद इसी ईरान के सहयोगी देश रहे सीरिया और सौदी के घने सहयोग यूएई के बीच चर्चा शुरू हुई हैं और इससे खाड़ी क्षेत्र के देश साथ आने के लिए उत्सुकता दिखाते दिखाई देने लगा है।

अमरीका की खाड़ी क्षेत्र से जुड़ी नीति बदली है और बायडेन प्रशासन यह क्षेत्र चीन एवं रशिया अपना प्रभाव बढ़ाने के लिए खोल रहा हैं, ऐसें आरोप लगाए जा रहे हैं। आनेवाले समय में अमरीका को इससे काफी बड़ा नुकसान पहुंचेगा, ऐसे दावे विश्लेषक कर रहे हैं। साथ ही ईरान और खाड़ी देशों की शुरू हुई चर्चा इस्रायल के लिए प्रतिकूल बात बनेगी, ऐसा विश्लेषकों का कहना है। लेकिन, ईरान और सौदी की चर्चा शुरू होने के बावजूद इस्रायल से किए अब्राहम समझौते पर इसका असर नहीं होगा, ऐसा बहरीन ने हाल ही में स्पष्ट किया था। ऐसे में येमन के विद्रोहियों ने भी ईरान-सौदी चर्चा की वजह से हमारी सौदी विरोधी गतिविधियां ठंड़ी नहीं पड़ेंगी, ऐसा ऐलान किया था।

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