अरब नेता और सीरिया में बढ़ीं नज़दिकियां – इजिप्ट के विदेश मंत्री सीरिया पहूंचे

दमास्कस/कैरो – पिछले कुछ दिनों से अरब नेता और सीरिया में नज़दिकियां बढ़ रही हैं। अरब लीग के नेताओं ने सीरिया का दौरा करने के बाद इजिप्ट के विदेश मंत्री सीरिया पहुंचे और उन्होंने राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्साद से मुलाकात की। सीरिया के भूंकप की पृष्ठभूमि पर अरब नेता सीरिया का दौरा कर रहे हैं, ऐसा दावा किया जा रहा है। लेकिन, अरब नेताओं के इस दौरे से सीरिया का घनिष्ठ सहयोगी ईरान बहुत बेचैन है, ऐसा बयान खाड़ी विश्लेषक कर रहे हैं।

अरब नेता और सीरियादो हफ्ते पहले तुर्की और सीरिया को प्रलयंकारी भूकंप ने दहलाया था। इसमें मारे गए लोगों की संख्या ५० हज़ार तक जा पहुंची है और सिर्फ तुर्की में ४५ हज़ार लोग मारे गए हैं। तुर्की की तुलना में सीरिया में इस भूकंप से ज्यादा नुकसान नहीं हुआ है। लेकिन, अंतरराष्ट्रीय स्तर से सीरिया को प्राप्त हुई सहायता भी काफी कम थी। अमरीका और संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रतिबंधों की वजह से चुनिंदा देशों की सहायता ही सीरिया के भूकंप पीड़ितों तक पहुंच पाई। इनमें भारत, सौदी अरब, यूएई, इजिप्ट और ईरान का समावेश था।

ऐसी स्थिति में पिछले कुछ दिनों से अरब देशों के नेताओं के सीरिया दौरे की संख्या बढ़ी है। सौदी अरब के प्रतिनिधि के बाद अरब लीग के शिष्टमंड़ल ने सीरिया का दौरा किया था। इसके कुछ ही घंटों बाद सोमवार को इजिप्ट के विदेश मंत्री सामेह शोक्री राजधानी दमास्कस पहुंचे। उन्होंने सीरियन राष्ट्राध्यक्ष बशर अल-अस्सास से मुलाकात की। सीरिया के भूकंप पीड़ितों के लिए अस्साद सरकार ने प्रदान की हुई सहायता की इजिप्ट के विदेश मंत्री ने सराहना करने की खबरें सीरियन यंत्रणा ने साझा की है।

अरब लीग भी सीरिया को फिर से सदस्यता बहाल करने की सोच में होने की जानकारी सामने आ रही है। साल २०११ में सीरिया की अस्साद हुकूमत के विरोध में शुरू हुए गृहयुद्ध के बाद अरब लीग ने सीरिया की सदस्यता छीनी थी। अस्साद हुकूमत अपनी ही जनता की हत्याएं कर रही है, ऐसा आरोप अरब लीग ने लगाया था। इसके बाद सीरिया और अरब देशों के ताल्लुकात बिगड़े थे। सौदी अरब और मित्रदेशों ने सीरिया युद्ध में अस्साद हुकूमत के विरोध में अमरीका और नाटो द्वारा सहयता किए जाने का आरोप भी लगाया गया था।

लेकिन, १२ साल बाद सीरिया और अरब देशों की करीबीयां बढ़ने पर विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। पर, सीरिया का मित्रदेश ईरान इन बढ़ती नज़दिकियों की वजह से बेचैन हो सकता है, इस पर खाड़ी के विश्लेषक ध्यान आकर्षित कर रहे हैं।

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