स्वित्झरलॅंड की राष्ट्रपति भारत दौरे पर, भारत को स्वित्झरलॅंड से काला धन और कर डुबाने वालों की जानकारी मिलेगी

नई दिल्ली: कर्जा डूबाने वाले और काले धन के विरोध में भारत और स्वित्झरलॅंड के बिच सहयोग अधिक मजबूत हो रहा है। स्वित्झरलॅंड के राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड ३ दिन के भारत दौरे पर आयी है और गुरुवार के दिन उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। उस समय दोनों नेताओं ने काले धन के विरोध में सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करने का वृत है। पिछले साल भारत एवं स्वित्झरलॅंड में काला धन एवं कर डुबाने के संदर्भ में जानकारी के हस्तांतरण के बारे में करार संपन्न हुआ था। स्वित्झरलॅंड के संसद में इस साल के आखिर तक इस संदर्भ में कायदा मंजूर होगा और यह जानकारी के हस्तांतरण का मार्ग खुलेगा यह विश्वास स्वित्झरलॅंड के राष्ट्रपति डोरिस लिउथर्ड ने भारतीय प्रधानमंत्री के साथ हुई संयुक्त पत्रकार परिषद में व्यक्त किया।

स्वित्झरलॅंड की राष्ट्रपति गुरुवार के दिन भारत दौरे पर दाखिल हुई। स्विस राष्ट्रपति के साथ एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल भी भारत में आया है। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज की भेंट होने पर स्विस राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की। उस समय विविध अन्तराष्ट्रीय एवं क्षेत्रीय विषयों पर सकारात्मक चर्चा होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने संयुक्त पत्रकार परिषद में कही। परमाणु ईंधन, एनएसजी और मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रिजीम (एमटीसीआर) में भारत के सदस्यत्व को मिले समर्थन के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने स्विस राष्ट्रपति का शुक्रिया अदा किया।

इस साल भारत अपनी स्वतंत्रता के ७० साल पूरे कर रहा है, इस समय भारत और स्वित्झरलॅंड के सहयोग को भी ७० साल पूरे हो रहे हैं, ऐसे शब्दों में प्रधानमंत्री ने भारत के स्विजरलैंड के साथ होने वाले महत्वपूर्ण मित्रता को रेखांकित किया है।

आर्थिक व्यवहार में होने वाली अपारदर्शिता यह संपूर्ण दुनिया के सामने चिंता का विषय है। चाहे वह कालाधन हो या हवाला का पैसा, शस्त्र एवं नशीले पदार्थों के व्यापार से संबंधित पैसा हो, यह वैश्विक अभिशाप होने की बात प्रधानमंत्री मोदी ने कही है। इसके विरोध में स्वित्झरलॅंड एवं भारत का सहयोग आगे चलते बढ़ते रहेंगे यह प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया है। पिछले साल काला धन एवं कर्जा डुबाने वालों से संबंधित मामलों की जानकारी हस्तांतरण करने के लिए स्वित्झरलॅंड के साथ करार हुआ था। इस वजह से, आगे की प्रक्रिया पूरी करके स्वित्झरलॅंड से यह जानकारी हस्तांतरित होगी यह आशा प्रधानमंत्री मोदी ने व्यक्ति है।

इस दौरान दोनों देशों में व्यापार बढ़ाने की चर्चा भी हुई है। भारत और युरोपियन यूनियन में मुक्त व्यापार समझौता करने के संदर्भ में प्रधानमंत्री मोदी और स्विस राष्ट्रपति में चर्चा होने की बात कही जा रही है। उसके बाद दोनों देशोंने दो सहयोगी करार पर हस्ताक्षर किए। यह दोनों करार भारतीय रेलवे से संबंधित होकर इसके अनुसार भारतीय रेलवे के विकास में स्वित्झरलॅंड का भी सहयोग होने वाला है।

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