‘राज्यों ने बुनियादी सुविधाओं के विकास को प्राथमिकता देनी चाहिए’ : नीती आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री का आवाहन

नई दिल्ली, दि. २३: ‘विकास के लिये राज्यों ने पूँजीगत व्यय (कॅपिटल एक्स्पेंडिचर) बढ़ाकर बुनियादी सुविधाओं के विकास को सबसे अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए| इससे विकास की प्रक्रिया ते़ज़ होगी’ ऐसा आवाहन प्रधानमंत्री ने किया है| राजधानी नई दिल्ली में आयोजित की गयी नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री ने यह आवाहन किया| इस समय अगले पंद्रह साल के नियोजन की रूपरेखा, अगले सात साल के लिए नीति और अगले तीन साल की कार्यवाही का ऐलान किया गया| साथ ही, देश के विकास में गति लाने के लिए ३०० ‘ऍक्शन पॉईंट्स’ की जानकारी इस समय प्रस्तुत की गई|

बुनियादी सुविधाओं के विकास

‘देश के आर्थिक विकास में अधिक ते़ज़ी लाने के लिये राज्य सरकार के पूँजीगत खर्च में बढ़ोत्तरी करनी चाहिए और बुनियादी ढ़ाँचे के विकास को सबसे अधिक प्राथमिकता देनी चाहिए| सड़कें, बंदरगाह, ऊर्जाक्षेत्र और रेल इनके विकास को राज्य सरकार ने प्राथमिकता देनी चाहिए| ऐसा हुआ, तो ही विकास की प्रक्रिया में अधिक ते़जी आयेगी,’ ऐसा भरोसा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बैठक में जताया| ‘नये भारत के निर्माण के लिए सभी राज्यों के संघटित प्रयास और सहयोग ज़रूरी है’ ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसके लिए राज्यों को आवाहन किया| इस समय सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रतिनिधी तथा केंद्रीय मंत्री भी मौजूद थे|

नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविंद पानगडिया ने, देश के विकास को गति प्रदान करनेवाले करीब ३०० ‘ऍक्शन पॉईंट्स’ की जानकारी देनेवाला रिपोर्ट इस समय प्रस्तुत किया| इसका विवरण अभी तक घोषित किया गया है| राज्य सरकारों से प्राप्त हुई जानकारी के अनुसार इन ऍक्शन पॉईंट्स का प्रस्तुतीकरण किया गया है, ऐसा कहा जाता है| ‘अपने राज्य के विकास प्रकल्पों को मंज़ुरी मिलने के लिए, राज्य के मुख्यमंत्रियो को इसके आगे नीती आयोग के पास चक्कर मारने नहीं पड़ेंगे’ ऐसा वादा इस समय प्रधानमंत्री ने दिया|

नीति आयोग के कामकाज में विशेषज्ञों को शामिल किया गया होकर, इससे आयोग और प्रभावी रूप में काम करेगा, ऐसा भी प्रधानमंत्री ने कहा है| उसी समय, नीति आयोग को राज्य सरकारों द्वारा ज़रूरी जानकारी और सलाह मिल रही है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसपर खुशी जतायी| नीति आयोग की ध्येयनीति के मामले में सर्वसहमति देश के लिए फायदेमंद साबित होगी, ऐसा विश्‍वास इस समय प्रधानमंत्री ने जताया है| इसके साथ ही, ‘वस्तु और सेवा टैक्स’ (जीएसटी) लागू करने पर केंद्र सरकार और राज्य सरकारों में हुई सहमति काफी महत्त्वपूर्ण है, ऐसा कहकर प्रधानमंत्री ने इसपर भी खुशी जतायी है|

नीति आयोग के ‘गव्हर्निंग काऊंसिल’ की यह तीसरी बैठक है| इससे पहले ८ फरवरी २०१५ को तथा १५ जुलाई २०१५ को नीति आयोग की पहली दो बैठकें संपन्न हुईं थीं|

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