स्वित्झरलॅंड युरोपीय महासंघ के साथ सम्बन्ध तोड़ेगा- स्विस राष्ट्राध्यक्ष से सार्वमत के संकेत

झ्यूरिक: ब्रेक्झिट के मुद्दे पर ब्रिटन एवं यूरोपीय महासंघ की चर्चा में लगातार नए-नए बाधाएं आती दिखाई दे रही हैं और अब स्वित्झरलॅंड ने एक नया झटका दिया है। राष्ट्राध्यक्ष डोरिस ल्युथार्ड ने यूरोपीय महासंघ के साथ होनेवाले अपने संबंधों के मुद्दे पर नए सार्वमत लेना आवश्यक होने की बात कही है। महासंघ ने कुछ दिनों पहले स्वित्झरलॅंड के शेयर बाजारों को यूरोपीय देशों को ‘एक्सेस’ देने पर प्रतिबंध जारी किए थे। इस पर स्विस राष्ट्राध्यक्ष से यह प्रतिक्रिया आने की बात मानी जा रही है।

स्वित्झरलॅंड एवं यूरोपीय महासंघ में संबंधों का विचार करते हुए द्विपक्षीय मार्ग अत्यंत महत्वपूर्ण है। स्वित्झरलॅंड द्वारा अपने यूरोप के साथ होने वाले संबंध स्वस्थरुप से समझ लेना आवश्यक है। हमें कौन सी दिशा में जाना है, यह समझना आवश्यक है। उस के लिए मूलभूत मुद्दों पर सार्वमत लेना यह विकल्प सहायक हो सकता है, इन शब्दों में राष्ट्राध्यक्ष ल्युथार्ड ने स्पष्ट तौर पर सार्वमत के संकेत दिए हैं।

पिछले कई महीनों से स्वित्झरलॅंड महासंघ को अतिरिक्त आर्थिक योगदान देकर युरोपियन महासंघ देशों के साथ संबंध की चौखट अधिक व्यापक करने पर चर्चा शुरु की थी। यह चर्चा शुरू होते हुए कुछ दिनों पहले यूरोपीय महासंघ ने स्विस शेयर बाजारों को सिर्फ १ वर्ष के लिए यूरोप का एक्सेस मिलेगा ऐसा घोषित किया था। महासंघ के इस निर्णय पर स्वित्झरलॅंड से तीव्र प्रतिक्रिया आ रही थी। स्विस प्रशासन ने महासंघ के निर्णय को प्रत्युत्तर दिया जाएगा, ऐसा इशारा भी दिया था। इस पृष्ठभूमि पर राष्ट्राध्यक्ष से सीधे सार्वमत के संकेत देना, महासंघ को तकलीफ देनेवाला हो सकता है।

सन १९९२ में स्वित्झरलॅंड में हुए सार्वमत में जनता द्वारा यूरोप इकनोमिक एरिया में शामिल होने के बात से इनकार किया था। उसके बाद युरोपिय महासंघ में समावेश के संदर्भ में हुई चर्चा स्थगित की गई थी। स्वित्झरलॅंड महासंघ का सदस्य नहीं हुआ फिर भी वह मुक्त यात्रा के लिए तैयार किए शेन्गन झोन का भाग होकर यूरोपीय देशों के साथ मुक्त व्यापार करार में शामिल हुआ है।

पिछले वर्ष ब्रेक्झिट पर चुनाव को केवल एक हफ्ता बाकी था और स्वित्झरलॅंड में यूरोपीय महासंघ का सदस्य होने के प्रयत्नो को हमेशा के लिए छोड़ने का निर्णय लिया था। महासंघ को सदस्य होने के लिए दिया निवेदन पीछे लेने का निर्णय स्विस संसद में मंजूर किया गया था। स्वित्झरलॅंड ने इससे पहले यूरोपीय संघ से संबंध रखने के मुद्दे पर १९९२, १९९७ एवं सन २००१ में तीन बार सार्वमत लिया था।

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