शरणार्थीयों के मुद्दों पर ग़लत भूमिका ली यह मर्केल ने मान्य किया- अमरिका के राष्ट्राध्यक्ष का दावा

वॉशिंगटन: दो साल पहले शरणार्थीयों के लिए जर्मनी के दरवाजे खुले करने का निर्णय ग़लत था यह इकबाले बयान जर्मनी चैन्सेलर मर्केल ने राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प के सामने करने का दावा उन्होंने किया है। ट्रम्प ने राष्ट्राध्यक्ष पद स्वीकार करने पर ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री माल्कम टर्नबुल से फोन पर किया संवाद प्रसारित हुआ और यह बात सामने आई। ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री ने ‘ब्रेक्झिट’ के निर्णय के लिए चैन्सेलर मर्केल का यह निर्णय एक महत्वपूर्ण घटक होने का दावा इस संवाद में किया गया।

अमरिका के ‘द वॉशिंगटन पोस्ट’ इस दैनिक ने २८ जनवरी २०१७ को राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प एवं ऑस्ट्रेलियन प्रधानमंत्री टर्नबुल का दूरध्वनी से हुआ संवाद प्रसारित किया है। इस संवाद के दौरान, ऑस्ट्रेलिया-अमरिका के शरणार्थीयों के आदान-प्रदान के करार सम्बन्धी दोनों नेताओ की बातचीत हुई। उस मे राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने जर्मनी का मुद्दा उपस्थित किया।

जर्मनी एवं अन्य युरोपीय देशों में शरणार्थीयों की वजह से उथल-पुथल हुई, यहाँ भी ध्यान दो, ऐसा करने वाले युरोपियन्स को मुर्ख कहना चाहिए। मैंने मर्केल से आज बात की, वे भी शरणार्थीयों का निर्णय अगर न लेती तो आज अच्छा होता यह कह रही थी। शरणार्थीयों के लिए दरवाजे खुले करने से ही देश का आज नुकसान हुआ है” यह राष्ट्राध्यक्ष ट्रम्प ने कह ने की बात सामने आयी है।

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री ने इस बात को सहमति देते हुए करीब १० लाख सिरियन शरणार्थी जर्मनी में दाखिल होने का दावा किया है। उसी समय यह घटना ‘ब्रेक्झिट’ के लिए महत्त्वपूर्ण साबित होने बात हुई। इसपर ट्रम्प ने आगे चलते २० लाख शरणार्थी जर्मनी में दाखिल होने की खबर दी और आगे जर्मनी पहले जैसा न रहने का संकेत दिया।

कुछही दिनों पहले जर्मनी के शरणार्थीयों की संख्या जारी की गई जिसमे जर्मनी के शरणार्थी और स्थलांतरित लोगों की संख्या २ करोड़ से ऊपर होने की जानकारी मिली। इसमें सबसे बड़ी बढ़ोतरी शरणार्थीयों की है ऐसे उस रिपोर्ट में कहा है।

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