स्वीडन ने पाकिस्तान में स्थित दूतावास बंद किया

इस्लामाबाद – पाकिस्तान स्थित अपना दूतावास स्वीडन ने अनिश्चित समय के लिए बंद किया है। अपने राजनीतिक अधिकारी और कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए यह निर्णय करने का ऐलान स्वीडन के दूतावास ने किया। साथ ही यह दूतावास फिर कब शुरू होगा, इसका जवाब नहीं देंगे, यह भी दूतावास ने स्पष्ट किया। स्वीडन में शिक्षा प्राप्त करने की मंशा रखनेवाले पाकिस्तानी छात्रों का इससे नुकसान होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। लेकिन, स्वीडन का दूतावास बंद होने से पाकिस्तान में अंदरुनि सुरक्षा का मुद्दा काफी गंभीर होने का संदेश पुरे विश्व को प्राप्त हुआ है। इससे अन्य देश भी स्वीडन के कदमों पर चलकर पाकिस्तान स्थित अपने दूतावास बंद करने की कड़ी संभावना दिख रही है। 

दूतावाससीधे ज़िक्र नहीं किया हो, फिर भी पाकिस्तान के मौजूदा हालाथ काफी खतरनाक बनी है। सरकार और प्रमुख विरोधी इम्रान खान की ‘तेहरिक ए इन्साफ के बीच जोरदार संघर्ष शुरू हुआ है। यह संघर्ष आगे जाकर रक्तरंजीत होगा, ऐसे दावे किए जा रहे हैं। इसी बीच पाकिस्तान में चुनाव कराने के आदेश इस देश की सर्वोच्च अदालत ने दिए हैं। इस पृष्ठभूमि पर पाकिस्तान में भयंकर रक्तपात होने की संभावना जताई गई है। ऐसे में पाकिस्तान के रुपये की गिरावट जारी है और इसी बीच एक डॉलर के लिए पाकिस्तान को २९० रुपये चुकाने पड़ रहे हैं।

इससे भड़की महंगाई का असर पाकिस्तान में दिखने लगा है। गेंहू का आटा लेने के लिए लंबी कतारों में खड़े रहने से अब तक २१ लोगों की मौत होने की बात पाकिस्तान में कही जा रही है। लेकिन, ऐसे मरने वालों की असल संख्या २०० से अधिक होने के दावे कुछ भारतीय विश्लेषकों ने पाकिस्तान के सुत्रों के दाखिले से किए हैं। इससे पाकिस्तान में अराजकता फैलाना शुरू हुआ है और विदेशी नागरिकों के लिए ज्यादा से ज्यादा असुरक्षित बन रहा हैं। इसी बीच आतंकवादी और चरमपंथियों के हो रहे हमले रोकने में पाकिस्तान की सुरक्षा यंत्रणा असफल हुई है।

पाकिस्तानी जनता का ही अब अपने देश और यंत्रणा पर भरोसा नहीं रहा। इससे जिसे संभव हो वह हर एक व्यक्ति पाकिस्तान छोड़कर अन्य देशों में भाग रहे हैं। ऐसी स्थिति में स्वीडन ने पाकिस्तान में स्थित अपना दूतावास करने का किया निर्णय अनपेक्षित नहीं कहा जा सकता। उल्टा अन्य देश भी स्वीडन ने किया निर्णय दोहरा सकते हैं। इस वजह से पाकिस्तान असुरक्षित होने का संदेश पुरे विश्व को प्राप्त हुआ हैं। मौजूदा पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोश से एक अरब डॉलर्स कर्ज़ पाने की कोशिशों में लगा है। लेकिन, इससे पहले पाकिस्तान को २३ बार कर्ज़ मुहैया करने वाले मुद्रा कोश ने इस बार पाकिस्तान का भरोसा करने से इन्कार किया है।

पाकिस्तान के मौजूदा हालाथ के लिए अपने ही देश के नेता और माध्यम ज़िम्मेदार होने की आलोचना माध्यम कर रहे हैं। वहीं, कुछ विश्लेषकों ने इसके लिए सभी राजनीतिक दलों को कटघरे में खड़ा किया है। राजनीतिक स्वार्थ के लिए अंधे हुए नेता देश का विचार करने के लिए तैयार नहीं हैं। पाकिस्तान डुबने की कगार पर होने के बावजूद यह नेता अपनी स्वार्थ से भरी नीति त्यागने के लिए तैयार नहीं हैं, ऐसी तीखीं आलोचना इन विश्लेषकों ने की। इससे अधोगति के अलावा पाकिस्तान के लिए अन्य भविष्य नहीं होगा, ऐसी अफसोस से भी प्रतिक्रिया यह विश्लेषक दर्ज़ कर रहे हैं।

मराठी

Leave a Reply

Your email address will not be published.