ब्रेक्झिट विरोधी मुहीम के लिए दिए निधि से धनवान निवेशकार जोर्ज सोरस पर कड़ी आलोचना

लंदन: धनवान निवेशकार जॉर्ज सोरस द्वारा  ब्रेक्झिट के बारे में स्वीकारे हुए विवादास्पद भूमिका की वजह से फिर एक बार चर्चा में आए हैं। पिछले हफ्ते में सोरस ने  ब्रेक्झिट विरोधी मुहिम के लिए लगभग ४ लाख पौंड इतना निधि देने का दावा ब्रिटेन के एक अखबार ने किया था। इस मुहिम को और  १ लाख पौंड इतना निधि प्रदान कर के इस सोरस ने अपने विरोध में किए जाने टीका को प्रतिउत्तर दिया है। तथा ब्रिटेन के जनता ने  ब्रेक्झिट के पक्ष में किए चुनाव को इनकार करने वाले जॉर्ज सोरस जनतंत्र  के विरोध में खड़े हैं, ऐसी टीका ब्रिटेन के अखबारों ने शुरू की है।

ब्रिटेन की जनता ने यूरोपीय महासंघ से बाहर निकलने का ऐतिहासिक निर्णय लिया है। इस ब्रेक्झिट  के निर्णय को कार्यान्वित होने की प्रक्रिया शुरू हुई है। उसी समय ब्रिटेन ने यूरोपीय महासंघ से बाहर ना निकले ऐसी मांग तीव्र बनती जा रही है। इस के लिए फिर एक बार ब्रिटेन में सार्वमत लिया जाए, इस के लिए कई लोग प्रयत्न कर रहे हैं। उन लोगों ने ‘बेस्ट फॉर ब्रिटन’ नामक मुहिम शुरू की है। इस मुहिम को जॉर्ज सोरस ने लगभग ४ लाख पौंड इतनी सहायता करने की खबर एक ब्रिटेन के दैनिक में प्रसिद्ध हुई थी। उस के बाद सोरस इन पर टीका शुरू हुई है।

अपने पैसों का इस्तेमाल कर के सोरस ब्रिटन की जनता का निर्णय बदलने का प्रयत्न कर रहे हैं, ऐसा आरोप प्रसार माध्यम से किया जा रहे है। उसके बाद सोरस ने आक्रामक भूमिका लेकर ‘बेस्ट फॉर ब्रिटेन’ को अधिक १ लाख पौंड वित्त सहायता घोषित की है। साथ ही उन्होंने ब्रिटेन के एक दैनिक में अपना पक्ष रखनेवाला एवं अपने टीका करने वाले लोगों को जवाब देने हेतु लेख लिखा है। इस लेख में सोरस ने ब्रेक्झिट  का निर्णय अत्यंत दुर्दैवी होने की बात कहकर, उन्होंने ब्रिटेन का नुकसान होगा एवं ब्रिटन अपना प्रभाव गवाँ बैठेगा, ऐसा दावा किया है।

इस लेख में हमारा  ब्रिटेन’  पर प्रेम है, ऐसा दावा कर के ब्रिटेन के साथ अपने संबंधों का विशेष रूप से उल्लेख किया है। तथा अपने विरोध में गलत प्रचार की मुहिम छेड़ी जा रही है ऐसा सोरस ने उस लेख में कहा है। ब्रेक्झिट  का पुरस्कार करने वाले ब्रिटिश माध्यमों ने सोरस के इस टीका का प्रत्युत्तर दिया है और सोरस ब्रिटिश जनता ने दिए निर्णय के विरोध में हम जनतंत्र विरोधी हैं, ऐसा दिखाने का आरोप किया है। तथा हंगेरी में जन्में सोरस को ब्रेक्झिट  के विरोध में अथवा पक्ष में अपना मत देना संभव नहीं है, इसकी याद ब्रिटेन के कई वर्तमान पत्रों ने दिलाई है।

८७ वर्ष के जॉर्ज सोरस फिलहाल हंगेरी सरकार ने किए टीका की वजह से चर्चा में आए हैं। यूरोपीय महासंघ के सदस्य देशों में लाखों शरणार्थियों ने प्रवेश किया है। जॉर्ज सोरस इन शरणार्थियों के  पक्ष का समर्थन कीया  हैं। उनके इस भूमिकापर यूरोपीय देशों के कई गट और जनता कड़ा विरोध कर रहे हैं। हंगेरी की सरकार इसी वजह से सोरस को लक्ष्य करने की बात उजागर हुई है। ब्रेक्झिट  को विरोध करने वाले सोरस ने अब ब्रिटेन में जोरदार विरोध शुरू किया है और ब्रेक्झिट  टालने के लिए सोरस ने शुरू किए प्रयत्न एवं उस के लिए प्रदान किया निधि इस वजह से विवाद के घेरे में फँसने की बात दिखाई दे रही है।

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