‘फेडरल रिज़र्व’ की ऐतिहासिक ब्याजदर की बढ़ोतरी के बाद शेअर बाज़ार में भारी गिरावट

वॉशिंग्टन – अमरीका की ‘फेडरल रिज़र्व’ ने बुधवार को ब्याजदर में ऐतिहासिक ०.७५ प्रतिशत बढ़ोतरी करने का ऐलान किया। साल १९९४ के बाद फेडरल रिज़र्व की यह सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। इसके बाद ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ एवं ‘स्विस नैशनल बैंक’ ने भी ब्याजदर में बढ़ोतरी का ऐलान किया। शेअर बाज़ारों में इसका बड़ा असर दिखाई दिया। अमरीका और यूरोप समेत एशियाई शेअर बाज़ार में भारी गिरावट आई और अगले कुछ दिन यह गिरावट जारी रहेगी, ऐसा ड़र विश्‍लेषकों ने जताया।

‘अमरीका में महंगाई घटाने के लिए हम वचनबद्ध हैं। हमने इसी दिशा में कदम बढ़ाना शुरू किया है’, इन शब्दों में अमरिकी फेडरल रिज़र्व के प्रमुख जेरोम पॉवेल ने बुधवार को ऐतिहासिक ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान किया। पॉवेल ने घोषित की हुई ०.७५ प्रतिशत की ब्याजदर बढ़ोतरी पिछले २८ सालों में अमरीका में सबसे बड़ी बढ़ोतरी है। पिछले चार महीनों में फेडरल की यह तीसरी ब्याजदर बढ़ोतरी है। इससे पहले मार्च में फेडरल ने ०.२५ प्रतिशत और मई में ०.२५ प्रतिशत ब्याजदर बढ़ोतरी की थी।

इस ऐतिहासिक ब्याजदर बढ़ोतरी के बाद अमरीका में ब्याजदर १.५ से १.७५ प्रतिशत के स्तर पर पहुँचे हैं। इस साल के अन्त तक अमरीका में ब्याजदर बढ़ाकर ३.५ प्रतिशत करने के संकेत फेडरल रिज़र्व एवं आर्थिक विशेषज्ञों ने दिए हैं। पिछले हफ्ते अमरीका में महंगाई निर्देशांक बढ़कर ८.६ प्रतिशत पर पहुँचने की बात स्पष्ट हुई थी। चार दशकों के इस विक्रमी उछाल के बाद फेडरल रिज़र्व के सामने ब्याजदर की बढ़ोतरी करने के अलावा अन्य विकल्प नहीं था, ऐसा दावा सूत्रों ने किया।

अमरीका के बाद विश्‍व की अन्य प्रमुख सेंट्रल बैंकों ने भी ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान किया। यूरोप की प्रमुख अर्थव्यवस्था वाले स्वित्ज़र्लैण्ड और ब्रिटेन ने ब्याजदर बढ़ोतरी का ऐलान किया। ‘स्विस नैशनल बैंक’ ने कुल १५ साल बाद पहली बार ब्याजदर बढ़ोतरी का निर्णय किया। यह बढ़ोतरी आधे प्रतिशत की होगी, ऐसा बैंक ने घोषित किया। इसके अलावा ‘बैंक ऑफ इंग्लैण्ड’ ने इससे पहले लगातार चार महीने ब्याजदर बढ़ाए हैं। गुरूवार को बैंक ने ०.२५ प्रतिशत की हुई बढ़ोतरी इस साल की लगातार पांचवी बार की हुई बढ़ोतरी है। इस बढ़ोतरी के बाद ब्रिटेन में ब्याजदर १.२५ प्रतिशत के स्तर पर पहुँचे हैं।

अमरीका, ब्रिटेन और स्वित्झर्लैण्ड के ब्याजदर बढ़ोतरी का बड़ा असर शेअर बाज़ारों पर पड़ा है। अमरीका के डो जोन्स निर्देशांक की गुरूवार को भारी ४६० अंक गिरावट हुई है। ‘एसॲण्डपी ५०० फ्युचर्स’ १ प्रतिशत और ‘नैस्डैक १००’ निर्देशांक की २ प्रतिशत गिरावट हुई है। यूरोप के प्रमुख शेअर निर्देशांक ‘स्टॉक्स यूरोप ६०० इंडेक्स’ २.३ प्रतिशत और ‘एफटीएसई १००’ निर्देशांक में २.४ प्रतिशत गिरावट देखी गई। फ्रान्स के ‘सीएसी इंडेक्स’ जनवरी के उच्चांक की तुलना में २० प्रतिशत गिरावट हुई है। एशिया में जापान, हाँगकाँग, दक्षिण कोरिया, चीन और भारत के शेअर बाज़ारों में भी गिरावट हुई है।

इसी बीच, अमरीका में हुई ऐतिहासिक ब्याजदर बढ़ोतरी के बावजूद अगले कुछ महीने अर्थव्यवस्था की मंदी की स्थिति में रहेंगे, ऐसा अनुमान विश्‍लेषकों ने व्यक्त किया है।

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